दिल्ली में हो रहे ‘किसान प्रदर्शन’ में कभी हिंदू विरोधी बयानबाज़ी, तो कभी खालिस्तानी समर्थक नारे सुनाई दे रहे हैं लेकिन ग़ौर करने वाली बात ये है कि, नारेबाज़ी और भाषणों के जरिए अब अंबानी-अडानी को टार्गेट किया जा रहा है। ट्विटर पर आए-दिन #Boycott Jio कृषि #Boycott Jio Savan ट्रेंड कराया जा रहा है। यहां तक कि, राहुल गांधी ने नए कृषि कानून को ‘अंबानी-अडानी कृषि कानून’ बता दिया।
‘अदानी-अंबानी कृषि क़ानून’ रद्द करने होंगे।
और कुछ भी मंज़ूर नहीं!The ‘Adani-Ambani Farm Laws’ have to be revoked.
Nothing less is acceptable.— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 7, 2020
लेकिन आप सोच रहे होंगे कि भला कृषि कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में अंबानी-अडानी को क्यों कोसा जा रहा है? इसका जवाब है Reliance Jio, जो अब किसान-केंद्रित ऐप Jio Krishi लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। Jio कृषि ऐप का उद्देश्य किसानों को सिंचाई और कीट प्रबंधन में डेटा-चालित निर्णय लेने में मदद करना है लेकिन इसके विपरीत कई लोगों का ये मानना है कि ये सब केवल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
कंपनी के अनुसार इस ऐप का मकसद किसानों को एक दूसरे से जोड़, उन्हें सिंचाई और कीट प्रबंधन से संबंधित निर्णय लेने में लाभ पहुँचाना है l इससे प्रतीत होता है कि रिलायंस Jio कृषि क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है ।
Jio कृषि ऐप को शुरुआती एक्सेस संग्रह में शामिल किया गया है और इसे व्यापक दर्शकों के लिए रिलीज़ होने से पहले कुछ समय लग सकता है। ये एप्लिकेशन किसानों को सरल और व्यावहारिक रूप से सटीक कृषि अभ्यास प्रदान करेगा ।
रिलायंस ने कहा कि Jio की “दृष्टि 1.3 अरब भारतीयों और भारतीय व्यवसायों, विशेष रूप से छोटे व्यापारियों, सूक्ष्म व्यवसायों और किसानों के लिए एक ‘डिजिटल इंडिया’ को सक्षम करने पर टिकी है।”
फसल के नुकसान में कीटों का प्रमुख योगदान है। कई मौसमी कीट समय-समय पर फसलों को संक्रमित करते हैं और किसानों को असहनीय नुकसान पहुंचाते हैं। Jio कृषि ऐप नियमित रूप से संभावित मौसमी कीटों के बारे में किसानों को समय-समय पर सचेत करेगा। पुष्टि हो जाने के बाद, वे कीटों से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए आवश्यक उर्वरकों और कीटनाशकों के साथ आगे बढ़ सकते हैं।इतना ही नहीं Jio कृषि ऐप किसानों को समय पर अलर्ट भेजेगा और उनकी फसलों को हर समय हाइड्रेटेड रखने में मदद करेगा ।
इस लक्ष्य के साथ Jio का “फोकस भारत के 60 मिलियन सूक्ष्म, लघु और मध्यम व्यवसायों, 120 मिलियन किसानों, 30 मिलियन छोटे व्यापारियों और अनौपचारिक क्षेत्र के लाखों छोटे और मध्यम उद्यमों पर होगा।”
देश में कृषि क्रांति को गति देने और बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने के लिए रिलायंस के पास पहले से ही Jio, JioMart, Reliance Fresh, Jio कृषि App जैसे बड़े बुनियादी ढांचे हैं। कंपनी का परिचालन बहुत जल्द शुरू हो सकता है क्योंकि सरकार ने अधिसूचित किया है कि नए कानून के लागू होने के बाद कॉर्पोरेट किसान की उपज खरीद सकते हैं।
अब तक, कॉर्पोरेट द्वारा सीधे किसानों की उपज की खरीद अवैध थी और इसलिए कॉर्पोरेट किसानों के साथ सीधे जुड़ने से कतराते थे। हालांकि, नए बिलों के साथ, कॉरपोरेट्स कृषि उत्पादों में मूल्यवर्धन करेंगे और निर्यात पर जोर देंगे, जिससे किसानों को फायदा होगा।
फार्म सेक्टर में कॉरपोरेट्स का प्रवेश आवश्यक है क्योंकि किसानों के पास अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बातचीत करने का कौशल नहीं है जो पश्चिमी सरकारों और कॉरपोरेट्स द्वारा भारी संरक्षित हैं। फार्म सेक्टर में भारतीय कॉरपोरेट्स का प्रवेश न केवल किसानों को सीधे भारतीय बाजार के साथ जोड़ेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ भी जोडे़गा और, यह भारतीय किसानों को पश्चिमी देशों के किसानों की तरह समृद्ध बनने में मदद करेगा।