किसान आंदोलन के माध्यम से दिल्ली पुलिस को राज्य सरकार को देने की मांग फिर से कर सकते हैं केजरीवाल

हर आंदोलन शुरू होते ही 'धूर्तता' की एक नई चमक आ ही जाती है 'सड़जी' की आँखों में

केजरीवाल

राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों के आंदोलन को समर्थन देने में इतना आगे निकल चुके हैं कि उन्होंने दावा कर दिया है कि उन्हें दिल्ली पुलिस ने घर में नजरबंद कर दिया है। इस आरोप के जरिए वो दो एजेंडों को निशाना बना रहे हैं। किसान आंदोलन को तो उनका समर्थन दिख ही रहा है, दूसरी ओर पुलिस के जरिए केजरीवाल केंद्र से एक बार फिर लोहा लेने के मूड में आ गए हैं। वो हमेशा ही दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के नियंत्रण में लाने के साथ ही पूर्ण राज्य की मांग करते रहे हैं और एक बार फिर वो इस प्रकरण के जरिए केंद्र सरकार के साथ नया टकराव पैदा पर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल को उनके ही घर में नजरबंद रखा गया है। सौरभ भारद्वाज ने कहा, “जब से केजरीवाल सिंघू बॉर्डर से किसानों से मिलकर लौटे हैं तब से उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल के घर के चारों तरफ बैरीकेड लगा दिया है। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद उनको नजरबंद वाली स्थिति में रखा गया है। इसकी वजह से दिल्ली के सीएम की सभी बैठकें रद्द हो गई हैं।” उन्होंने कहा, “मोदी सरकार किसान आंदोलन को समर्थन देने पर केजरीवाल सरकार से बदला ले रही है। इसीलिए सीएम अरविंद केजरीवाल को नजरबंद करने के साथ ही उनकी गतिविधियों पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया है।”

अरविंद केजरीवाल को लेकर सफाई देते हुए दिल्ली पुलिस के ही वरिष्ठ अधिकारी ने बताया “यह सच नहीं है। मुख्यमंत्री कहीं भी आ या जा सकते हैं। हमने उनके आवास के बाहर अपने सुरक्षा कर्मी तैनात किए हैं। बल्कि वह कल शाम भी बाहर आए थे।” उन्होंने कहा, “लोगों की आवाजाही पर भी कोई रोक नहीं है। भाजपा और आप के सदस्यों के बीच किसी भी संघर्ष को रोकने के लिए हमने एहतियाती तौर पर अपने बल को वहां तैनात किया है।” हकीकत ये है कि आम आदमी पार्टी के ही कार्यकर्ता सीएम के घर के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं जिसको लेकर ट्विटर के जरिए वीडियो भी वायरल है रहे हैं।

केजरीवाल ने नजरबंद की राजनीति करके एक नया ही एजेंडा सेट कर दिया है। केजरीवाल ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि किसानों को समर्थन देने के कारण उनके साथ ये सलूक किया जा रहा हैं। इसके साथ ही वो केंद्र से टकराव का दूसरा मुद्दा भी ले आए हैं। सभी जानते हैं कि केजरीवाल दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के साथ ही दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के नियंत्रण में लाना चाहते हैं। इस नए प्रकरण के जरिए आम आदमी पार्टी ये साबित कर रही है कि केंद्र सरकार दिल्ली पुलिस का गलत उपयोग करती है। इसलिए केजरीवाल सरकार की पूर्ण राज्य की मांग सही है। संभवतः अब दिल्ली सरकार अपनी ये मांग जोर-शोर से उठाकर एक बार फिर नए टकराव को जन्म देगी।

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