ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच विवाद तो कोरोना के बाद से ही चल रहा है। हालांकि, अब दोनों देशों के बीच भीषण टकराव देखने को मिल रहा है, और वो भी एक illustration यानि एक चित्र को लेकर! दरअसल, हाल ही में यह खबर सामने आई थी कि ऑस्ट्रेलियाई सेना ने अफ़ग़ानिस्तान में 39 निहत्थे मासूम लोगों की हत्या की है, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया के PM माफी मांग चुके हैं और और अब ऑस्ट्रेलियाई सरकार इसको लेकर 19 सैनिकों पर दंडात्मक कार्रवाई भी कर सकती है।
हालांकि, मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाने में champion चीन को इस बहाने ऑस्ट्रेलियाई सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता Lijian Zhao ने एक झूठी और भ्रामक तस्वीर पोस्ट कर ऑस्ट्रेलियाई सेना पर निशाना साधा जिसके बाद PM स्कॉट मॉरिसन ने चीनी सरकार को माफी मांगने को कहा है। सिर्फ इतना ही नहीं, अब चीन के propaganda war की धज्जियां उड़ाने Scomo खुद WeChat पर आकर ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले चीनी नागरिकों तक पहुँच बना रहे हैं। ऐसे में अब Scomo चीन की App का इस्तेमाल करके चीन के ही propaganda को धराशायी करने का काम करेंगे!
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री द्वारा WeChat का इस्तेमाल करना बड़ी बात इसलिए है क्योंकि WeChat चीन के नागरिकों और Diaspora में बेहद लोकप्रिय है। दुनियाभर में रहने वाले चीनी नागरिक WeChat के इस्तेमाल से ही अपने परिजनों के साथ संपर्क में रहते हैं। अब इसी WeChat के इस्तेमाल से Scomo ने ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले चीनी नागरिकों तक अपनी बात पहुंचाई है। मंगलवार रात को WeChat के माध्यम से Scomo ने बयान दिया,
“चीनी सरकार के साथ जारी विवाद के बीच हम यह सुनिश्चित करते हैं कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार यहाँ रह रहे चीनी नागरिकों के प्रति उतनी ही संवेदनशील है, जितना पहले थी। हम ऑस्ट्रेलिया के विकास में आपकी भूमिका को स्वीकार करते हैं। अफ़ग़ानिस्तान में War Crimes के मुद्दे को हम गंभीरता और पारदर्शिता के साथ सुलझाने के प्रयास कर रहे हैं”।
ऑस्ट्रेलिया में WeChat के करीब 7 लाख एक्टिव यूजर्स हैं, और ऐसे में Scomo द्वारा अपनाया हुआ रास्ता प्रभावशाली साबित हो सकता है।
खुद चीनी सरकार के लोग ट्विटर के इस्तेमाल से दुनियाभर में अपने propaganda को आगे बढ़ाते हैं। चीन में तो ट्विटर बैन है, लेकिन चीनी सरकार से जुड़े सभी अफसर ट्विटर पर आकर दुनिया को भ्रमित करने और झूठ फैलाने का काम करते हैं। अब Scomo ने ठीक वही तरीका अपनाते हुए WeChat का इस्तेमाल कर चीनी लोगों तक पहुँच बनाने का फैसला लिया है।
चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस विवाद में ऑस्ट्रेलिया को कई लोकतान्त्रिक देशों का साथ मिलना भी शुरू हो गया है। उदाहरण के लिए चीनी प्रवक्ता के विवादित ट्वीट को लेकर फ्रांस, अमेरिका और न्यूजीलैंड की सरकारें भी चीनी सरकार की निंदा कर चुकी हैं। इसके अलावा जब हाल ही में चीन द्वारा ऑस्ट्रेलिया की शराब पर 212 प्रतिशत के आयात कर को लागू किया गया, तो जवाब में 19 देशों के 200 से ज़्यादा सांसदों ने अपने-अपने समर्थकों से ऑस्ट्रेलियन वाइन खरीदने के लिए कहा है।
चीन के राजदूत गाली-गलौच करने, निंदनीय भाषा का इस्तेमाल करने के लिए बदनाम हैं और अब वे झूठी और भ्रामक तस्वीरों के माध्यम से propaganda फैलाना शुरू कर चुके हैं, जिसे कूटनीतिक पैमाने पर स्तरहीन ही कहा जाएगा! हालांकि, ऑस्ट्रेलिया जिस प्रकार चीन के इस Disinformation campaign का डटकर मुक़ाबला कर रहा है, वह प्रशंसनीय है। भारत समेत दुनिया के अन्य देशों को भी चीन की इस wolf-warrior कूटनीति की कड़े शब्दों में घोर निंदा करनी चाहिए!