तेलंगाना में BJP की बढ़त ने साबित कर दिया है कि अमित शाह कभी हारने वाले घोड़े पर दांव नहीं लगाते

तेलंगाना भाजपा

New Delhi: BJP president Amit Shah shoes a victory sign after addressing a press conference following party’s victory in the assembly elections, at the party head quarters in New Delhi on Saturday. PTI Photo by Kamal Kishore(PTI3_11_2017_000136B)

बीजेपी ने जिस तरह से तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के GHMC चुनावों में अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 49 सीटों पर जीत दर्ज की है उसमें बेशक बीजेपी के सर्वोच्च नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी समेत गृहमंत्री अमित शाह की भूमिका अहम थी, लेकिन सबसे बड़ी भूमिका तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष बांदी संजय कुमार की भी थी। उनकी मेहनत का ही असर था कि इन चुनावों में बीजेपी ने केसीआर और ओवैसी की पार्टियों को एक महानगरपालिका के चुनावों में ही घुटनों पर ला दिया है। इस पूरे प्रकरण ने ये भी साबित कर दिया कि गृहमंत्री अमित शाह जिस भी शख्स को पार्टी की अहम जिम्मेदारी देते हैं वो भाजपा के लिए सकारात्मक परिणाम ही लेकर सामने आता है।

तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष संजय कुमार ने चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव के साथ मिलकर हैदराबाद के GHMC चुनावों में जो धमाल मचाया है उससे बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं का जोश आसमान पर पहुंच गया है। चुनावी सफलता के ठीक बाद संजय कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन गया, जिसमें पीएम ने उनकी मेहनत को सराहा। यही नहीं जल्द ही संजय दिल्ली में पीएम मोदी समेत बीजेपी के दिग्गज नेताओं से मुलाकात करेंगे और जश्न में शामिल होंगे। इस जश्न के साथ ही नागार्जुन-सागर की सीट पर होने वाले उपचुनाव पर रणनीति भी बनाई जाएगी। ये दिखाता है कि बीजेपी ने तेलंगाना की राजनीति में विस्तार करने की नीति अपना ली है।

बीजेपी की इस नीति की शुरुआत इस साल के मार्च से होती है जब अमित शाह ने बांदी संजय कुमार को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर तेलंगाना भेजा। इसके साथ ही तेलंगाना की राजनीति में बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी कर ली थी। बीजेपी को शुरू में हल्के में लिया जा रहा था। टीआरएस नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर समेत हैदराबादी सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी एआईएमआईएम के नेता बीजेपी का मजाक बना रहे थे। दूसरी ओर संजय ने सभी को नजरंदाज करते हुए जमीनी स्तर पर काम किया।

संजय कुमार की रणनीतियों का असर ये हुआ कि दुब्बक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों में बीजेपी को भारी जीत मिली। इस एक चुनाव के नतीजे ने सभी विपक्षी पार्टियों की हवाइयां उड़ा दी। नतीजा ये कि मुख्यमंत्री केसीआर GHMC चुनावों में बिजली, पानी सब मुफ्त में देने की बात करने के साथ ही बीजेपी नेताओं को परेशान भी करने लगे, लेकिन उन्हें इसका कोई फायदा नहीं हुआ। बीजेपी ने इस महानगरपालिका के चुनावों में 4 से 49 सीटों का सफर तय कर लिया। पार्टी ने केसीआर की पार्टी टीआरएस और एआईएमआईएम दोनों को ही तगड़ा झटका दिया, लेकिन इसके पूरी जीत के पीछे संजय ने बीजेपी का ही कोर एजेंडा इस्तेमाल किया।

बीजेपी के एजेंडे हमेशा ही हिंदुत्व से लेकर सीएए, रोहिंग्या,एनआरसी और ओवैसी को लताड़ने के रहे है। संजय कुमार ने भी इनका मौके पर सही तरीके से इस्तेमाल किया। हैदराबाद का नाम भाग्यनगर करने की बात हो या पुराने हैदराबाद में बसे घुसपैठियों और रोहिंग्या मुस्लिमों को खदेड़ने का मुद्दा, संजय ने हर मामला गर्म देखकर उस पर राजनीतिक हथौड़ा चलाया। संजय ने टीआरएस और एआईएमआईएम के अघोषित गठबंधन को भी जनता के बीच उजागर किया। साथ ही राज्य में लगातार भाजपा कार्यकर्ताओं पर हो रही कार्रवाइयों और राजनीतिक हमलों का भी बचाव किया।

संजय की इन नीतियों की आलोचना की जाने लगी और ये तक कहा गया कि तेलंगाना और हैदराबाद की इस राजनीति में बीजेपी के मुद्दों को जनता तवज्जो नहीं देगी। इन मुद्दों के चलते बीजेपी को पहले से ज्यादा नुकसान ही होगा और संजय कुमार बीजेपी के लिए एक विलेन बनकर उभरेंगे। इसलिए बीजेपी को इनसे अब किनारा करना चाहिए। इन सारी बयानबाजी के बाद जब हैदराबाद GHMC के परिणाम सामने आए तो आलोचकों के मुंह पर पट्टी बंध गई। संजय का एक-एक दांव काम कर गया और वो इस जीत के नायक बनकर उभरे।

संजय के दम पर बीजेपी ने केवल महानगरपालिका का चुनाव जीत सकी है बल्कि अब वो राज्य में अपने विस्तार की संभावनाएं तलाशने लगी है। पार्टी की नजर फिलहाल नागार्जुन-सागर सीट पर होने वाले उपचुनाव पर है जिसके साथ ही पार्टी राज्य की राजनीति में सरकार बनाने के लिए 2023 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है। इसके जरिए बीजेपी केसीआर और एआईएमआईएम जैसी पार्टियों को राज्य में किनारे करने का खाका तैयार करेगी।

संजय कुमार को तेलंगाना बीजेपी का अध्यक्ष बनाने में गृहमंत्री अमित शाह की बड़ी भूमिका रही है। बिहार से लेकर बंगाल और अब तेलंगाना जहां-जहां बीजेपी ने विस्तार की नीति अपनाते हुए काम किया है वहां संजय कुमार जैसे अमित शाह के पसंदीदा नेता उभरे हैं जो दिखाता है कि बीजेपी के इस चाणक्य ने चुनावी रणनीति में हमेशा हीरे ही चुने हैं जो कि पार्टी को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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