असम की राजनीतिक परिस्थितियों ने हाल के दिनों में बड़ा उलटफेर देखा है, क्योंकि यहां बीजेपी ने अपनी स्थिति मजबूत करते हुए बीटीसी चुनाव(बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल) में त्रिशंकु जनादेश होने के बावजूद सकारात्मक स्थितियां बना लीं हैं। लंबे वक्त से गठबंधन की पार्टी बीपीएफ (बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट) से गठबंधन तोड़कर बीजेपी ने अपने सिर से एक बोझ उतारने की तैयारी कर ली है, और बीटीसी चुनावों के बाद यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) से हाथ मिलाया है, जो कि पार्टी की दूरदर्शिता को दर्शाता है। इसके दम पर पार्टी राज्य के अगले विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जीत की तैयारी कर चुकी है।
बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद की 40 सीटों पर होने वाले चुनाव के नतीजे त्रिशंकु आए हैं। इसमें बीपीएफ को 17 यूपीपीएल को 12 सीटें मिली हैं। खास बात ये है कि जिस बीजेपी को पिछले बीटीसी चुनाव में मात्र एक सीट मिली थी वो आज 9 सीटों पर पहुंच गई है। बीजेपी ने बीटीसी के गठन की भी पुख्ता तैयारी कर ली है। जबकि कांग्रेस को यहां एक ही सीट मिली है जो कि उसके लिए एक और झटका है और प्रतिद्वंदी बीजेपी ने अपनी विधानसभा चुनाव की तैयारी कर ली है।
पिछले 17 साल में बीपीएफ यहां कभी भी बहुमत यानी 21 का आंकड़ा नही पार कर सकी है इसलिए अब बीजेपी ने इसका साथ छोड़ने की ठान ली है। बीजेपी ने पिछले ही महीने ऐलान कर दिया था कि वो बीपीएफ के साथ गठबंधन खत्म कर देगी, और अब कुछ वैसा ही होने वाला है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी और केन्द्र के कई वरिष्ठ मंत्रियों ने नव निर्वाचित यूपीपीएल और जीएसपी के 21 बीटीसी सदस्यों को बधाई दी है, जो गठबंधन का सबूत है।
NDA is committed to serving the people of the Northeast.
I congratulate our ally UPPL and @BJP4Assam for securing a majority in the Assam BTC election, and wish them the very best in fulfilling people’s aspirations.
I thank the people for placing their faith in the NDA.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2020
इसके साथ ही इन सभी सदस्यों ने राजभवन जाकर असम के राज्यपाल जगदीश मुखी के समक्ष बीटीसी के गठन के लिए दावा पेश कर दिया है। इस मौके पर यूपीपीएल के प्रमुख के नेतृत्व में ये सभी सदस्य राजभवन गए थे, जिनके साथ बीजेपी नेता और कैबिनेट मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी थे। राज्यपाल वर्तमान में चेन्नई में हैं और दावा पत्र उनकी आयुक्त और सचिव मीनाक्षी सुंदरम द्वारा प्राप्त किया गया है।
बीजेपी के लिए ये चुनाव बेहद ही खास रहा है। एक तो बीजेपी का अपने दम पर काफी मजबूत जनाधार हो गया है तो दूसरी ओर बीटीसी के गठन में भी अब उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यही नहीं, असम के 2021 के विधानसभा चुनावों में भी इन सभी छोटी क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ऐसे में बोझ खत्म होने से पहले ही बीजेपी ने राज्य में अपने सुगम राजनीतिक सफर के लिए यूपीपीएल, जीएसपी जैसी राजनीतिक पार्टियों के साथ मजबूत गठबंधन कर लिया है जो कि उसके विधानसभा मिशन की सफलता सुनिश्चित करेगा।