‘भगवान का नहीं, हम कम्युनिस्टों का जाप कीजिए’, केरल के वामपंथी पार्षद ने मत न देने वालों को धमकाया

केरल में वामपंथियों की सहिष्णुता आई सामने, बताया उनकी दया से लोग पी रहे हैं पानी

केरल

लगता है कुछ लोगों ने ‘अहं ब्रह्मास्मि’ को कुछ ज्यादा ही गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। इसी का अभी हाल ही में एक उदाहरण देखने को मिला, जब केरल के एक क्षेत्रीय पार्षद ने कहा कि यदि जनता को किसी का शुक्रिया अदा करना चाहिए, तो वो भगवान नहीं, सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का करना चाहिए।

हाल ही में अलापुज़्हा के हरिपाड़ नगर निगम में विजयी हुए हरे कृष्ण कुमार का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे कहते हुए दिखाई दिए, “मैं आप सब को एक बात बता दूँ। जब आप कम्युनिस्टों द्वारा फिट किए गए पाइप से पानी पीते हो, तो आप सब को उनका शुक्रगुजार होना चाहिए। आपको हरे राम हरे राम नहीं, हरे कृष्ण कुमार का नाम जपना चाहिए। मैं पूरे सदन का पार्षद नहीं हूँ। मैं सिर्फ उनके लिए काम करूंगा जिन्होंने मुझे अपना मत दिया है।” 

एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी। जिस प्रकार से केरल के पार्षद ने उन लोगों को धमकाया, जिन्होंने उसे मत नहीं दिया है, उससे स्पष्ट पता चलता है कि केरल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी कितनी असहज होती जा रही है। चाहे चुनाव के दौरान अलग अलग क्षेत्रों से आए मतदाताओं को वोट न देने के लिए धमकाना हो, या फिर मतदान के दौरान गुंडई मचानी हो, कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में रहते हुए भी असहजता में ममता बनर्जी को कॉम्पिटिशन दे रही है।

कितनी अजीब बात है, जिस पार्टी ने 1107 पंचायत संकायों में से लगभग आधे से अधिक पर कब्जा जमाया हो, और 86 नगर निगमों में से 35 में विजयी हुई हो, उसे वोट न देने वालों को इस प्रकार से धमकाना पड़ रहा है। लेकिन ये तो कुछ भी नहीं है। अभी हाल ही में पलक्कड़ नगर निगम में पुनः विजयी होने पर भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने श्री राम और छत्रपति शिवाजी महाराज के बड़े बड़े बैनर लहराए, तो केरल का वामपंथी प्रशासन उबल पड़ा, और उन्होंने सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में भाजपा के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया।

पलक्कड़ के नगर निगम सचिव ने भाजपा कार्यकर्ताओं के विरुद्ध प्रभु श्री राम के नारे और बैनर के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज के पोस्टर लहराकर  ‘सांप्रदायिक सद्भाव’ बिगाड़ने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। श्रीराम के प्रति कम्युनिस्टों की घृणा तो समझ में आती है, परंतु छत्रपति शिवाजी महाराज के पोस्टर लहराने पर जो मुकदमा दर्ज हुआ है, उससे वामपंथियों की कुंठा के साथ साथ उनका भय भी जगजाहिर होता है।

ऐसे में ये कहना गलत नहीं होता कि केरल के कम्युनिस्ट परिषद द्वारा हरे राम के जाप पर आपत्ति जताना और वोट न देने वालों को दुष्परिणाम भुगतने की चेतावनी देना ये स्पष्ट दर्शाता है कि केरल की सत्ताधारी पार्टी के पास अब कोई ठोस मुद्दा बचा ही नहीं है, और इसीलिए अब वह धमकियों का सहारा ले रही है।

Exit mobile version