कई भारतीय अधिकारियों की नेपाल यात्रा से परेशान होकर चीन ने अपने रक्षा मंत्री Wei Fenghe को एक दिन की नेपाल यात्रा पर भेजा था, लेकिन इस यात्रा के बाद न सिर्फ चीन की फजीहत हुई बल्कि इतनी बेइज्जती हुई जिसकी वह कल्पना भी नहीं कर सकता था। इस बेइज्जती के बाद वे बांग्लादेश जा कर अपनी यात्रा सफल बनाने की कोशिश करने वाले थे परंतु बांग्लादेश ने भी Wei Fenghe के इस दौरे को रद्द करने का फैसला ले लिया।
दरअसल, Wion की रिपोर्ट के अनुसार हुआ ये कि जब चीनी रक्षा मंत्री Wei Fenghe लगभग दो दर्जन प्रतिनिधियों के साथ नेपाल पहुंचे, तो नेपाल के साथ कई मुद्दो पर बातचीत करने आए थे, लेकिन सभी में उन्हें नाकामी ही मिली।
सबसे पहले चीन के रक्षा मंत्री नेपाल के रक्षा मंत्री के साथ द्विपक्षीय मुलाक़ात करना चाहते थे लेकिन इस मुलाक़ात को प्रोटोकॉल के तहत मना कर दिया गया। बता दें कि नेपाल का रक्षा मंत्रालय भी पीएम केपीएस ओली के पास ही है। अंततः उन्हें पीएम ओली से एक शिष्टाचार कॉल पर बात कर संतोष करना पड़ा। इसके बाद चीन ने नेपाल के उप प्रधानमंत्री Ishwar Pokharel के साथ एक बैठक का प्रस्ताव रखा। परंतु उसे भी अस्वीकार कर दिया गया। बता दें कि ओली के पदभार संभालने से पहले Pokharel ही रक्षा मंत्री थे।अंत में, Wei Fenghe को नेपाली सेना प्रमुख पीसी थापा के साथ द्विपक्षीय बैठक करना पड़ा जो कि अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत एक कदम-नीचे माना जाता है। चीनी रक्षा मंत्री की यह बेइज्जती महज यहीं नहीं रुकी बल्कि और भी किस्से हुए।
रिपोर्ट के अनुसार नेपाल में स्थित चीनी दूतावास ने दोपहर के भोजन की योजना बनाई थी जिसमें नेपाल के सभी पूर्व विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों को आमंत्रित किया गया था। लेकिन नेपाल सरकार द्वारा इसमें कोई रुचि न दिखाने के कारण इसे भी रद्द करना पड़ा।
नेपाल सरकार ने किसी भी राजनीतिक दल या शीर्ष नेताओं के साथ भी चीनी रक्षा मंत्री को बैठक की अनुमति नहीं दी गई। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि चीन ने पूर्व पीएम प्रचंड, माधव नेपाल और झालानाथ खनाल तथा दो पूर्व पीएम बामदेव गौतम, नारायण काजी श्रेश्ठ जैसे पूर्व पीएम के साथ बैठकें आयोजित की जानी थी। इसे भी निलंबित करना पड़ा। यानि चीन के रक्षा मंत्री Wei Fenghe की नेपाल यात्रा के 10 घंटे में पीएम और नेपाल के राष्ट्रपति के साथ फोन पर बातचीत करने का और थल सेना प्रमुख थापा के साथ बैठक करने का मौका मिल पाया।
उसके बाद चीनी रक्षा मंत्री बांग्लादेश के लिए उड़ान भरने वाले थे, लेकिन वहाँ की कहानी भी वही थी। योजना तो खूब बनी थी लेकिन इसे भी स्थगित करना पड़ा। बताया यह गया कि बांग्लादेश के वित्त मंत्री, उनके डेप्युटी और सेक्रेटरी को कोरोना है। हालांकि, इस तरह का कारण विश्लेषक किसी भी तरह से पचाने में असमर्थ हैं! इतनी फजीहत होने के बाद अचानक से Wei और उनकी टीम अपने All Weather Friend पाकिस्तान पहुंचे और वहाँ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
हाल के दिनों में बांग्लादेश और नेपाल दोनों अब भारत के पक्ष में झुकते जा रहे हैं, जिससे चीन को भयंकर पीड़ा हो रही है। चीन ने सोचा था कि वह अपने रक्षा मंत्री को भेज कर अपने द्विपक्षीय सम्बन्धों को पुनः पटरी पर ले आएंगे लेकिन चीन का यह दांव उल्टा पड़ गया और इतनी बेइज्जती हुई कि वह भूले नहीं भुला पाएगा।