हाल ही में बेंगलुरू के निकट स्थित आई फोन के निर्माताओं में से एक विस्ट्रॉन के प्लांट पर भयानक हमला हुआ। इस हमले में विस्ट्रॉन के प्लांट को काफी नुकसान पहुंचाया गया, कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई और नए नवेले आई फोन भी लूटे गए। लेकिन जिस मंशा से इस हमले को अंजाम दिया गया था, उसपर कर्नाटक की सरकार ने जबरदस्त पानी फेरा है।
हाल ही में कर्नाटक सरकार के नेतृत्व में हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई में विस्ट्रॉन पर हमला करने वाले उपद्रवियों में से कम से कम 130 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें से एक हैं श्रीकांत, जो तालुक स्तर पर वामपंथी संगठन SFI यानि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं, जिन्हें कोलार पुलिस ने हिरासत में लिया है। प्रारम्भिक रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीकांत ने व्हाट्सएप पर वो भ्रामक मैसेज सर्कुलेट किया था जिसके कारण भारी मात्रा में लोग विस्ट्रॉन प्लांट के आसपास इकट्ठा हुए थे और फिर उपद्रव मचाया था।
लेकिन कर्नाटक सरकार केवल कार्रवाई तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने इस बात को भी सुनिश्चित किया है कि विस्ट्रॉन प्लांट की गतिविधियों में किसी भी प्रकार की बाधा न पड़े। लाइवमिंट से बातचीत के दौरान कर्नाटक के श्रम मंत्री शिवराम हेब्बार ने बताया, “यह बेहद दुखदाई घटना है। हम परस्पर केंद्र सरकार के संपर्क में बने हुए हैं और हम वो सब सुनिश्चित कर रहे हैं जिससे फैक्ट्री 10 से 15 दिनों में पुनः प्रारंभ हो सके”।
अपनी बातचीत में हेब्बार ने आगे कहा, “विस्ट्रॉन एक नई कंपनी है, और कर्मचारी इससे पहले हमारे पास ऐसी समस्या नहीं लेकर आए हैं। जब इस प्रकार की घटनायें होती हैं, विशेषकर उन उद्योगों में जो 10,000 से 20,000 लोगों को नौकरियां प्रदान करती है, तो ये गलत संदेश भेजता है”। शिवराम हेब्बार ने ये भी आश्वासन देने का प्रयास किया है कि किसी भी स्थिति में दोषी छूटने न पाए।
चूंकि इस घटना पर संज्ञान स्वयं पीएम मोदी ने लिया है, इसीलिए कर्नाटक सरकार के लिए ये और भी आवश्यक है कि विस्ट्रॉन पर हुआ हमला दूसरा स्टरलाइट न बन जाए। इसके लक्षण तभी दिखने शुरू हो गए थे जब चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की एक वरिष्ठ पत्रकार ने इस हमले पर टिप्पणी करते हुए अन्य विदेशी कंपनियों को भारत में अपना व्यापार न स्थानांतरित करने की चेतावनी दी थी।
पत्रकार किंगकिंग चेन के विवादित ट्वीट के अनुसार, “जब उत्पादक चीन से अपना प्रोडक्शन हटाएंगे, तो कुछ ऐसा ही हाल होगा [जैसा विस्ट्रॉन हमले में देखा गया]। आशा करते हैं फॉक्सकॉन के टेरी कोउ को अपने उत्पादन को भारत में स्थानांतरित करने का दुष्परिणाम न झेलना पड़े”।
अब चूंकि इस हमले का वामपंथी संगठन ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने खुलकर बचाव किया था, इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि चीन भारतीय वामपंथियों के सहारे एक बार फिर भारत के औद्योगिक सपनों को बर्बाद करना चाहता था। परंतु वह शायद भूल गये कि यह तमिलनाडु नहीं, कर्नाटक है, और यहाँ किसी कमजोर नेता की नहीं, बल्कि बी एस येदयुरप्पा की सरकार है।
जिस प्रकार से कर्नाटक सरकार ने इन वामपंथियों के साथ साथ चीन के मंसूबों पर पानी फेरा है, वो कहीं न कहीं योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी मॉडेल की याद दिलाता है, जिसका धीरे-धीरे ही सही, पर पूरा देश अनुसरण कर रहा है। इस मॉडल के अंतर्गत अपराधियों की दादागिरी अब और नहीं चलेगी और यही बात कर्नाटक सरकार ने विस्ट्रॉन प्लांट पर हुए मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर सिद्ध भी की है।