‘चीनी कंपनी Huawei पर लगा प्रतिबंध नहीं हटेगा’, बाइडन प्रशासन ने दिए स्पष्ट संकेत

जानिए , आखिर क्यों ट्रम्प के ही चीन नीति पर चलेंगे बाइडन!

Huawei

किसी ने सही ही कहा है, कुछ भी पालो, पर गलतफहमी न पालो। जब से जो बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की संभावना बढ़ी है, तब से चीन को यह गलतफहमी होने लगी है कि अब उनपर किसी भी प्रकार की रोकटोक नहीं लगेगी, और Huawei पर भी लगी पाबंदियाँ हट सकती हैं। लेकिन जिस प्रकार से Huawei की पोल दिन प्रतिदिन खुलती जा रही है, उससे अब यह उम्मीद बहुत ही कम लगती है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि अभी हाल ही में Huawei द्वारा उइगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार की रिपोर्ट सामने आई है। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार Huawei ने कम से कम चार साझेदार कंपनियों के साथ मिलकर ‘उइगर अलार्म’ जैसी एक सर्विलांस तकनीक विकसित की, जो लोगों को उनके संप्रदाय के आधार पर सर्विलांस पर रखती है। एक फेस स्कैन कैमरा सिस्टम के बल पर जब भी उइगर समुदाय का एक सदस्य डिटेक्ट होगा, तो एक उइगर अलार्म भेजा जाएगा, जिससे चीनियों को उस व्यक्ति को पकड़ने में अधिक आसानी होगी। 

ये रिपोर्ट सामने आने के बाद पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है। वाशिंगटन पोस्ट ने आगे ये भी दावा किया कि मानवाधिकार की रक्षा करने के लंबे चौड़े दावे करने के बाद भी Huawei चीनी प्रशासन के लिए ऐसे सर्विलांस प्रोडक्ट तैयार करता रहा है। जिस प्रकार से यह सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया है, उससे स्पष्ट पता चलता है कि किस प्रकार से Huawei चीनी प्रशासन के लिए उइगर मुसलमानों को नियंत्रण में लाने का मार्ग सरल बना रहा है।

हालांकि, अभी Huawei ने इन आरोपों का फिलहाल खंडन किया है, परंतु सच्चाई तो कुछ और ही है। जब वाशिंगटन पोस्ट ने Huawei से इसपर स्पष्टीकरण जारी करने को कहा, तो Huawei की साइट भी कुछ समय के लिए डाउन हो गई, और जब साइट वापिस आई, तो product collaboration की संख्या 2000 से भी अधिक उत्पादों से सीधा 38 पर आ गिरी।

अब इसका बाइडन प्रशासन से क्या संबंध है? दरअसल, बाइडन प्रशासन अल्पसंख्यकों के अधिकारों के हनन को लेकर बहुत सजग रहती है, और वह ऐसे किसी भी देश के साथ अपने संबंध मजबूत नहीं कर सकता, जो अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करे, और चीन ऐसा ही एक देश है। जिस प्रकार से चीन प्रायोजित Huawei द्वारा ‘उइगर अलार्म’ ईजाद करने की खबर सामने आई है, उसे बाइडन प्रशासन तो कतई हल्के में नहीं लेना चाहेगा।

इसके अलावा जिस प्रकार से जो बाइडन ने सत्ता में आने से पहले ही अपना रुख स्पष्ट किया है, उससे इतना तो स्पष्ट है कि चीन को बाइडन प्रशासन से किसी भी प्रकार की सहूलियत नहीं मिलने वाली। प्रेस संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बाइडन ने यह स्पष्ट किया कि चीन पर ट्रम्प प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध फिलहाल के लिए तो बाइडन सरकार नहीं हटाएगी। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि Huawei या किसी भी अन्य चीनी कंपनी को फिलहाल के लिए बाइडन प्रशासन से किसी भी प्रकार की सहूलियत मिलने की आशा छोड़ देनी चाहिए।

 

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