‘Corona Virus को वुहान वायरस बोला तो नहीं होगी चीन में एंट्री’, ताइवान से चिढ़े चीन की धमकी

चीन की लंका लगाने का एक अवसर भी नहीं छोड़ता ताइवान

ताइवान

कोरोना के बाद अगर किसी देश ने चीन का वैश्विक स्तर मज़ाक उड़ाया है तो वह ताइवान है। अब चीन ने ताइवान को धमकाया है कि अगर उसने “वुहान कोरोना वायरस” शब्द का इस्तेमाल बंद नहीं किया तो उनके लोगों को चीन में प्रवेश से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

दरअसल, ताइवान में लोगों का कोरोना टेस्ट के रिज़ल्ट में “वुहान कोरोना वायरस” का नाम इस्तेमाल किया जाता है और चीन को इसी से चिढ़ा हुआ है। SCPM की रिपोर्ट के अनुसार एयर चाइना ने ताइवान के यात्रियों को चेतावनी दी है कि अगर “वुहान कोरोनावायरस” शब्द उनके कोरोना के मेडिकल जांच पत्रों में पाया गया तो उनकी यात्रा को ही रद्द कर सकता है।

एयर चाइना के अनुसार, COVID -19 परीक्षण प्रमाणपत्र “वुहान कोरोनावायरस” शब्द इस्तेमाल करने पर मेनलैंड चीन में ताइवान के यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

इस एयरलाइन कंपनी ने बुधवार को ताइवानी ट्रैवल एजेंटों को एक नोटिस में कहा कि “जिन यात्रियों को क्रॉस-स्ट्रेट फ़्लाइट में जाना है और उन्हें 72 घंटों के भीतर जारी COVID -19 नेगेटिव पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन सर्टिफ़िकेट दिखाने की आवश्यकता है, उन्हें यह याद दिलाया जा रहा है कि आधिकारिक शब्द ‘COVID -19’ या ‘नॉवेल कोरोनावायरस’ को ही माना जाएगा। एयर चाइना ने कहा, “अगर उनके प्रमाण पत्र में वुहान कोरोनावायरस शब्द है तो उन्हें अमान्य माना जाएगा और इसके परिणामस्वरूप यात्रियों को चीन में प्रवेश से मना किया जा सकता है।“

एयर चाइना के एक अधिकारी ने एक साक्षात्कार में कहा कि “नोवेल कोरोनोवायरस” और “COVID -19” विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा उपयोग किए गए इस महामारी के लिए स्वीकार्य शब्द थे। अगर किसी यात्री के टेस्ट रिज़ल्ट में सही शब्दावली का उपयोग नहीं है तो उन्हें प्रवेश के अधिकारों को रद्द किया जा सकता।

बता दें कि वुहान चीन का शहर है जिसमें कोरोनोवायरस की पहचान पिछले साल के अंत में शुरुआत हुई थी, लेकिन बीजिंग ने इसके नाम को वायरस के नाम के साथ से जोड़ने के खिलाफ रहा है। इसका कारण भी स्पष्ट है कि वह शुरुआत से ही वुहान को कोरोना के उत्पति स्थल मनाने से इंकार करता रहा है।

चीन की कुछ अन्य एयरलाइंस, China Southern ने गुरुवार को अपनी ताइवान स्थित वेबसाइट पर यात्रियों के लिए इसी तरह की चेतावनी प्रकाशित की। सभी ग्राहकों को अपने टेस्ट रिज़ल्ट में COVID -19 का आधिकारिक नाम ही उपयोग करना होगा।

वर्तमान नियमों के तहत, ताइवान से चीन जाने वाले लोगों को बोर्डिंग से वंचित किया जा सकता है यदि वे पिछले 72 घंटों के भीतर कोरोनोवायरस के लिए नकारात्मक परीक्षण के प्रमाण पत्र दिखाने में असमर्थ हैं।

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि ताइवान में अक्सर “वुहान कोरोनावायरस” शब्द का उपयोग किया जाता है, यहां तक ​​कि सरकारी अधिकारियों और चिकित्सा संस्थानों द्वारा भी जो COVID -19 परीक्षण करते हैं। जब ताइवान के स्वास्थ्य मंत्री चेन शिह-चुंग से पहले पूछा गया कि ताइवान “वुहान कोरोना वायरस” शब्द का उपयोग क्यों किया, तो उन्होंने जवाब दिया: “यह वही जगह है जहां वायरस की उत्पत्ति हुई है, इसलिए यह शब्द इस तथ्य को याद रखने में आसान बनाता है।” यही नहीं, ताइवान अक्सर चीन को चिढ़ाने के लिए आक्रामक और व्यंग्यात्मक भाषा का सहारा लेता रहा है।

यह सच है कि कोरोनावायरस को जब से दुनिया ने वुहान वायरस या चीनी वायरस बोलना शुरू किया है, तभी से चीन की साँसे फूली हुई है। सबसे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस वायरस को चीनी वायरस कहा था उसके बाद वैश्विक मीडिया के एक हिस्से से लेकर कुछ वैश्विक नेताओं तक, सभी ने कोरोना वायरस की बजाय अब इस वायरस को चीनी वायरस के नाम का इस्तेमाल शुरू किया था। इसी कारण से मार्च महीने में चीन ने “चीनी वायरस” नाम के प्रयोग के खिलाफ भारत के सामने दलील पेश की थी और भारत से विनती की थी कि भारत को चीनी वायरस शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे चीन का नाम खराब हो रहा है। इसी तरह चीन ने श्रीलंका को भी धमकाया था और अब ताइवान के लोगों को चीन में प्रवेश न देने की धमकी दे रहा है।

 

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