एक बेहद अहम ऑपरेशन में सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। खालिस्तानी आतंकी सुख बिकरीवाल को संयुक्त अरब अमीरात ने हिरासत में लिया है, जो आईएसआई के इशारे पर भारत में उत्पात मचाता था और निर्दोष नागरिकों की हत्या भी करता था।
पिछले कुछ दिनों में ‘किसान आंदोलन’ में खालिस्तानियों की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी जांच पड़ताल शुरू कर दी थी। इसमें ये सामने आया कि पाकिस्तान एक बार फिर 80 के दशक की भांति पंजाब को हिंसा की आग में झोंकना चाहता है, जिसके लिए उसने खालिस्तानी तत्वों के भरपूर इस्तेमाल का प्रबंध किया है।
तो इसमें सुख बिकरीवाल की क्या भूमिका थी? जी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, “पाकिस्तान के आईएसआई अफसरों ने एक षड्यन्त्र रचा है, जिसके अंतर्गत खालिस्तानी आतंकियों का इस्तेमाल कर हिन्दू समर्थक नेताओं का सफाया किया जाए और राज्य में पुनः आतंकवाद को बढ़ावा दिया जाए। आईएसआई इस नापाक इरादे को लखबीर सिंह रोड़े और दुबई का सुख बिकरीवाल नामक गैंगस्टर का इस्तेमाल कर रहा है।
आईएसआई के इशारे पर ही बिकरीवाल ने अभी हाल ही में शिवसेना के नेता हनी महाजन और उसके पड़ोसी पर अपने विशेष शूटर्स के जरिए हमला करवाया था। जहां हनी महाजन के पड़ोसी की मौके पर ही मौत हो गई, तो वहीं हनी महाजन गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी किसी प्रकार बच गए”।
लेकिन जनाब की भूमिका यहीं तक सीमित नहीं है। आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, “सुख बिकरीवाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर पंजाब में टारगेट किलिंग करवाता था। पंजाब के शौर्य चक्र विजेता बलविंदर संधु की हत्या करवाने में भी सुख बिकरीवाल का हाथ था। इसके अलावा पंजाब के नाभा में जो जेल तोड़ने की घटना हुई थी, सुख उसमें भी शामिल था”।
अब जब सुख बिकरीवाल भारतीय एजेंसियों के हत्थे चढ़ा है, तो उससे सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही पंजाब में खालिस्तानी लिंक समेत अन्य टारगेट किलिंग से जुड़े मामलों पर बड़े खुलासे हो सकते हैं। बताते हैं कि जो खालिस्तानी आतंकी दिल्ली में एक पुलिस एन्काउन्टर के बाद हिरासत में लिए गए थे, उन्होंने ही सुख बिकरीवाल के बलविंदर संधु की हत्या में एक अहम भूमिका निभाई थी। दुबई में बैठा बिकरीवाल ISI और खालिस्तानी आतंकियों के बीच एक ब्रिज की तरह काम कर रहा था।
सच कहें तो सुख बिकरीवाल पाकिस्तान की एक लंबी योजना का छोटा सा हिस्सा है, जिसके अंतर्गत पंजाब में अलगाववाद को फिर से बढ़ावा दिए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में आईएसआई कथित तौर पर किसान आंदोलन में खालिस्तानी तत्वों को बढ़ावा दे रहे हैं और एक बार फिर से पंजाब को हिंसा का गढ़ बनाना चाहताहै।
जी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, “भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों के अनुसार, आईएसआई खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला, जरनैल सिंह भिंडरावाले के भतीजे लखबीर सिंह रोड़े, दुर्दांत खालिस्तानी आतंकी गुरजीत सिंह चीमा जैसे लोगों के जरिए पंजाब में पुनः खालिस्तानी मूवमेंट को हवा देना चाहता है”।
पर ऐसा क्यों है? ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित खालिस्तानी रिफ्रेन्डम 2020 भारतीय एजेंसियों की मुस्तैदी और वुहान वायरस के कारण पूरी तरह असफल रहा। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के जरिए आतंकी भेजने के द्वार लगभग बंद हो चुके हैं। इससे बौखलाई आईएसआई अब भिंडरावाले के भतीजे के जरिए अपने नापाक इरादों को अंजाम देना चाहती है, और साथ ही साथ पंजाब से हिन्दू समर्थक नेताओं का सफाया भी करना चाहती है।
इसीलिए सुख बिकरीवाल आईएसआई के इशारे पर पंजाब में भारत समर्थक लोगों की हत्या करवा रहा थी। लेकिन दुबई प्रशासन के हत्थे चढ़ने के बाद उसे भारत के हाथों सौंपा जाना भारत के लिए किसी अहम विजय से कम नहीं है।