हुवावे को खत्म कर US ने चीन को मुक्का मारा, SMIC को बर्बाद कर कमर ही तोड़ दी

चीन के लिए अब Comeback का कोई चांस नहीं

अमेरिका-चीन की ट्रेड वॉर में सबसे बड़ा नुकसान अगर किसी का हुआ है, तो वह चीन का tech सेक्टर है। ट्रम्प प्रशासन ने चुन-चुनकर चीन के tech दिग्गजों को धूल चटाई है। ट्रम्प ने हुवावे कंपनी पर प्रतिबंध लगाने से इस युद्ध का आगाज़ किया था, जो अब चीन की सबसे बड़ी chipmaker कंपनी SMIC पर आकर खत्म होता दिखाई दे रहा है।

हुवावे को लगभग बर्बाद करने के बाद अब ट्रम्प प्रशासन ने 77 और चीनी कंपनियों को Bureau of Industry and Security’s Entity List में ड़ाल दिया है, जिसके बाद कोई भी अमेरिकी कंपनी इन कंपनियो के साथ व्यापार नहीं कर पाएगी। इन 77 कंपनियों में चीन की SMIC भी शामिल है, जिसके बाद माना जा रहा है कि चीन का tech सेक्टर अब शायद ही कभी अपने पैरों पर खड़ा हो पाये।

बता दें कि मई 2021 में हुवावे के खिलाफ सबसे बड़ा एक्शन लेते हुए ट्रम्प प्रशासन ने हुवावे को होने वाले सेमीकंडक्टर एक्स्पोर्ट्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। ये सेमीकंडक्टर चिप्स फोन निर्माण के साथ-साथ 5G उपकरणों के निर्माण में भी आवश्यक होते हैं। इस प्रतिबंध के बाद हुवावे के Consumer Business के CEO ने कहा था कि अब उनके पास फोन निर्माण के लिए चिप्स की कमी हो गयी है और वे हुवावे के फोन में इस्तेमाल किए जाने वाली किरीन चिप्स का निर्माण नहीं कर पा रहे हैं।

चिंता में डूबे चीन ने तब अपनी SMIC को विकसित कर घरेलू chip-making तकनीक को विकसित करने का फैसला लिया था। इसके लिए चीनी सरकार ने इस कंपनी में बड़े पैमाने पर निवेश भी किया था

Fortune की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन की SMIC कंपनी शंघाई के स्टॉक एक्सचेंज से इस वर्ष 7.5 बिलियन डॉलर का निवेश उठा सकती है, जो इसे चीन की टॉप कंपनियों में से एक बना देगा। वर्ष 2019 में SMIC ने 3.1 बिलियन का राजस्व प्राप्त किया था, और इस कंपनी को सिर्फ हुवावे ही नहीं, बल्कि चीनी टेक सेक्टर के भविष्य के नींव के तौर पर देखा जा रहा था। हालांकि, अब लगता है कि ट्रम्प इसी कंपनी के पीछे पड़ गए हैं। ट्रम्प प्रशासन पहले ही SMIC में किसी भी अमेरिकी निवेशक द्वारा निवेश करने पर पाबंदी लगा चुके हैं।

चीन को अमेरिका के इस कदम से बड़ा झटका लगा है। चीन ने अमेरिका पर “धाक जमाने” का आरोप लगाया है और दोनों देशों के बीच और ज़्यादा तनाव पैदा करने का जिम्मेदार ठहराया है। सच्चाई यह है कि SMIC पर ही चीन की आखिरी उम्मीद टिकी थी, जिसे अब ट्रम्प प्रशासन कुचलने का मन बना चुके हैं।

SMIC में अभी से उथल-पुथल मचनी भी शुरू हो गयी है। हाल ही में SMIC कंपनी के तकनीकी विकास विभाग के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था। वह कंपनी का CEO भी था और वह उनसे बिना पूछे कंपनी के बोर्ड में उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने से काफी नाराज़ थे।

सूत्रों के मुताबिक तकनीकी विकास विभाग के अध्यक्ष द्वारा इस्तीफा दिये जाने के बाद कंपनी को तकनीक स्तर पर बहुत बड़ा झटका लगा है। रही सही कसर ट्रम्प पूरी कर रहे हैं। कुल मिलाकर अब अमेरिका के साथ जारी इस tech-war में चीन के पास comeback और bounce-back का कोई विकल्प नहीं बचा है।

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