कर्नाटक विधान परिषद के उप-सभापति की मौत मामले की जांच होगी, कांग्रेस की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

अपमान करने वाले एमएलसी अब नहीं बचेंगे!

धर्मेंगौड़ा

कर्नाटक विधानपरिषद के उपसभापति एसएल धर्मेंगौड़ा ने हाल ही आत्महत्या की है जिसकी वजह कांग्रेस के एमएलसियों द्वारा विधानपरिषद में उनसे की गई बदसलूकी मानी जा रही है। जेडीएस के एमएलसी ने तो आत्महत्या के पीछे की वजह विधानपरिषद की घटना को ही बता दिया था, लेकिन अब धर्मेंगौड़ा के भाई ने भी उनके अपमान को ही उनकी उदास होने की वजह माना है जिसके कारण उन्होंने सुसाइड किया होगा। वहीं इस मामले में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जांच के आदेश दिए हैं, जो कि कांग्रेस को एक बड़ा झटका देने वाला होगा, क्योंकि इस बदसलूकी की असली वजह कांग्रेसियों को ही बताया जा रहा है।

नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक धर्मेंगौड़ा ने चिकमंगलूर के पास रेलवे ट्रैक पर अपनी जान दी थी। वहीं उनके पास से मिले सुसाइड नोट में भी विधानपरिषद की उस घटना का जिक्र हुआ था जिसमें उनका घोर अपमान किया गया था। वहीं उनके भाई और एमएलसी एसएल भोजेगौड़ा ने कहा, “मेरे भाई 15 दिसंबर की विधान परिषद की उस घटना से बेहद आहत थे, मुझे नहीं पता था कि वो अपनी आत्मग्लानि में इस तरह का कोई बड़ा कदम उठा लेंगे।” कर्नाटक के गृहमंत्री बासवराज बोम्मई ने भी सुसाइड नोट के आधार पर इसे अपमान के कारण की हुई आत्महत्या बताया है।

इन सबसे इतर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी धर्मेंगौड़ा के निधन से शोकाकुल हैं। उन्होंने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा, डिप्टी स्पीकर एस.एल. धर्मेगौड़ा के निधन की दुखद खबर से व्यथित हूं। पीठासीन अधिकारी के रूप में उनके साथ सदन में हुआ घटनाक्रम दुर्भाग्यपूर्ण था। घटनाक्रम लोकतंत्र की गरिमा पर कठोर आघात था। धर्मेगौड़ा की मृत्यु की उच्च स्तरीय-निष्पक्ष जांच आवश्यक है।” लोकसभा स्पीकर का ये बयान धर्मेंगौड़ा का अपमान करने वालों के लिए एक बहुत ही सख्त संदेश है।

दरअसल, कर्नाटक विधान परिषद में सभापति के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया था जिसके बाद कांग्रेस एमएलसी उपसभापति धर्मेगौड़ा को स्पीकर की कुर्सी पर बैठाने को राजी नहीं थी। इसके कांग्रेस के कई एमएलसियों ने जबरन धर्मेंगौड़ा को कुर्सी से उठाकर सभापति को बैठा दिया था जो कि बेहद ही अपमानजनक था इस पूरी घटना के बाद से ही सदन तो स्थगित हो गया लेकिन धर्मेंगौड़ा व्यथित थे।

वहीं इस मामले में जेडीएस एमएलसी बीएम फारुक ने कहा था, कुछ MLC ने विधान परिषद के उपाध्यक्ष को जबरन कुर्सी से हटाकर गुंडों की तरह व्यवहार किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। हमने अपने परिषद के इतिहास में ऐसा शर्मनाक दिन कभी नहीं देखा। मुझे शर्म आ रही है कि जनता हमारे बारे में क्या सोच रही होगी।”  यह सीधा आरोप कांग्रेस के एमएलसियों पर ही था, इस एक बयान से उन्होंने पहले दिन ही जाहिर कर दिया था कि हो ना हो विधान परिषद की घटना का इस आत्महत्या से बहुत बड़ा नाता है।

धर्मेंगौड़ा का सुसाइड नोट भी इसी ओर इशारा कर रहा है कि उनके साथ विधानपरिषद में जिस तरह से कांग्रेस के एमएलसियों ने बदसलूकी की थी, वह उस अपमान को सहन नहीं कर सके थे। शायद यही कारण है कि उन्होंने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लिया। ऐसे में लोकसभा स्पीकर द्वारा मामले की उच्चस्तरीय जांच की बात करना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका हो सकती है क्योंकि इस पूरे मामले में निशाने पर कांग्रेस और उसके बेलगाम एमएलसी होंगे।

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