Propaganda war लड़ने में चीन को महारत हासिल है और इस बार चीनी सरकार और चीनी मीडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह युद्ध छेड़ा हुआ है। हालांकि, ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन भी कोई कच्चे खिलाड़ी नहीं हैं। एक झूठे और भ्रामक चित्र को लेकर जब चीनी सरकार ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर अपना कुत्सित एजेंडा चलाने के प्रयास किया तो स्कॉट मॉरिसन ने भी WeChat के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे चीनी नागरिकों तक पहुँच बनाने का रास्ता अपनाया। चीनी प्रोपेगैंडे पर स्कॉट मॉरिसन की WeChat स्ट्राइक का असर इतना जोरदार हुआ कि चीनी Social Media कंपनी को मॉरिसन की पोस्ट ब्लॉक करनी पड़ गयी।
दरअसल, अभी ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच में एक कार्टून युद्ध छिड़ा हुआ है। हाल ही में यह खबर सामने आई थी कि ऑस्ट्रेलियाई सेना ने अफ़ग़ानिस्तान में 39 निहत्थे मासूम लोगों की हत्या की है, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया के PM माफी मांग चुके हैं और अब ऑस्ट्रेलियाई सरकार इसको लेकर 19 सैनिकों पर दंडात्मक कार्रवाई भी कर सकती है। हालांकि, मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाने में champion चीन को इस बहाने ऑस्ट्रेलियाई सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता Lijian Zhao ने एक झूठी और भ्रामक तस्वीर पोस्ट कर ऑस्ट्रेलियाई सेना पर निशाना साधा जिसके बाद PM स्कॉट मॉरिसन ने चीनी सरकार को माफी मांगने को कहा है।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में रह रहे चीनी नागरिकों तक पहुँच बनाने के लिए स्कॉट ने WeChat इस्तेमाल करने का फैसला लिया। WeChat चीन के नागरिकों और Diaspora में बेहद लोकप्रिय है। दुनियाभर में रहने वाले चीनी नागरिक WeChat के इस्तेमाल से ही अपने परिजनों के साथ संपर्क में रहते हैं। स्कॉट मॉरिसन ने अपने WeChat पर दिये संदेश में लिखा था “चीनी सरकार के साथ जारी विवाद के बीच हम यह सुनिश्चित करते हैं कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार यहाँ रह रहे चीनी नागरिकों के प्रति उतनी ही संवेदनशील है, जितना पहले थी। हम ऑस्ट्रेलिया के विकास में आपकी भूमिका को स्वीकार करते हैं। अफ़ग़ानिस्तान में War Crimes के मुद्दे को हम गंभीरता और पारदर्शिता के साथ सुलझाने के प्रयास कर रहे हैं।” अप्रत्यक्ष तौर पर चीनी सरकार पर निशाना साधते हुए स्कॉट मॉरिसन ने यह भी लिखा कि हमारे लिए पारदर्शिता और जवाबदेही सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है और आगे भी रहेगी।
स्कॉट मॉरिसन के इस एक बयान से चीन इतना चिढ़ गया कि उसने WeChat के माध्यम से ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के इस संदेश को ही सेंसर कर दिया। WeChat ने एक बयान देकर कहा कि मॉरिसन की वह पोस्ट WeChat के नियमों का उल्लंघन कर रही थी, इसलिए उसे हटा दिया गया है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि अपने propaganda war में खुद को ही हारते देख चीनी सरकार को हताशा में यह कदम उठाना पड़ा। किसी विदेशी नेता द्वारा WeChat के इस्तेमाल से चीनी नागरिकों से संपर्क साधना कभी भी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को पसंद नहीं आएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन अपने नागरिकों तक CCP के propaganda से बाहर के content को पहुँचने ही नहीं देना चाहता है। Scomo ने चीन की इस कमजोर नब्ज़ को पकड़ा और उसपर वहीं चोट की, जिसके परिणामस्वरूप अब उन्हें WeChat पर ही सेंसर किया जा रहा है।
खुद चीनी सरकार के लोग ट्विटर के इस्तेमाल से दुनियाभर में अपने propaganda को आगे बढ़ाते हैं। चीन में तो ट्विटर बैन है, लेकिन चीनी सरकार से जुड़े सभी अफसर ट्विटर पर आकर दुनिया को भ्रमित करने और झूठ फैलाने का काम करते हैं। जब Scomo ने ठीक वही तरीका अपनाते हुए WeChat का इस्तेमाल कर चीनी लोगों तक पहुँच बनाने का फैसला लिया, तो इससे चीन बौखला गया। यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि मिसाइल्स, बड़ी सेना, आधुनिक हथियार दिखाकर अपने दुश्मनों को ड़राने वाला चीन ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री की एक WeChat पोस्ट से ड़र गया।