जब से केंद्र सरकार ने टिक टॉक समेत कई चीनी ऐप्स पर कार्रवाई की है, तब से कुछ ऐप्स अपने समीकरण बदलने में लगे हुए हैं, ताकि किसी भी तरह वह भारतीय बाज़ार में अपनी वापसी दर्ज करा सके। ऐसा ही एक ऐप है प्लेयर्स बैटल अंडरग्राऊंड यानी PUBG, लेकिन उनकी आशाओं पर केंद्र सरकार ने एक बार फिर ज़बरदस्त पानी फेरा है।
जब जून में गलवान घाटी में चीन ने घात लगाकर हमला किया था, तो भारत ने केवल सैन्य कार्रवाई ना करके चीन को हरसंभव चोट देने का प्रयास किया। इसी दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए 29 जून से भारत ने चीन के कई मोबाइल ऐप प्रतिबंधित करने शुरू किए, जिससे चीन को करोड़ों का नुकसान हुआ।
चाहे टिक टॉक हो, शेयर इट या फिर यूसी ब्राउज़र ही क्यों ना हो, भारत ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए चीन से जुड़े कई स्मार्टफोन ऐप्स को प्रतिबंधित कर दिया, और जल्द ही PUBG और अलीबाबा भी इसका शिकार बने।
तो फिर ऐसा क्या हुआ कि PUBG द्वारा सुधरने के प्रयास के बाद भी केंद्र सरकार ने इसे कोई रियायत नहीं दी? PUBG मोबाइल इंडिया ने घोषणा की थी कि वे एक शानदार तरीके से वापसी करेंगे। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर खूब प्रचार प्रसार भी किया, और 6 करोड़ के प्राइज पूल जैसे लुभावने वादे भी किए। लेकिन केंद्र सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार ने जो प्रतिबंध लगाए हैं, वो आंशिक तो कभी थे ही नहीं, और ऐसे में वे किसी भी तरह की रियायत या सहूलियत दे अपनी किरकिरी नहीं कराना चाहते।
ऐसे में इस नीति का परिणाम PUBG को भी दुर्भाग्यवश भुगतना पड़ेगा। भारत से PUBG को कितना फायदा होता था, उसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि PUBG किस तरह से अपना चीनी कनेक्शन हटाना चाहती थी।
नवम्बर में प्रकाशित इनसाइड स्पोर्ट्स के अनुसार, PUBG Corporation ने निर्णय लिया है की वह भारतीय बाजार में पुनः आगमन हेतु एक भारतीय सब्सिडीएरी का गठन करेगी। इससे न केवल PUBG को भारत में अपने आप को पुनर्स्थापित करने में आसानी होगी, अपितु चीन का प्रभाव भी कम होगा, क्योंकि PUBG ने भारतीय फ्रैन्चाइज़ का लाइसेंस चीन के Tencent गेम्स को देने से ही मना कर दिया था।
ऐसे में जब PUBG पर प्रतिबंध लगा, तो मूल कंपनी ने Tencent से सभी नाते तोड़ दिए, और उन्होंने अपने गेम के प्रकाशन और प्रसारण की सभी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली। अब इसी दिशा में एक अहम कदम बढ़ाते हुए PUBG कॉर्पोरेशन ने सुनिश्चित किया है कि, वह भारतीय संस्करण के लिए Tencent की सेवाएँ नहीं लेगा।
अब कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पबजी का प्रबंधन संभालने वाली कंपनी Krafton Inc ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ करार किया है, जिससे PUBG को माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड प्लेटफॉर्म पर सक्रिय होने की भी छूट मिलेगी। इससे न सिर्फ राजस्व बढ़ेगा, बल्कि क्राफ्टॉन Inc को किसी भी प्लेटफॉर्म पर PUBG प्रकाशित करने की आज्ञा मिल पाएगी। लेकिन केंद्र सरकार का रुख स्पष्ट है – कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं, जिसके कारण अब PUBG का इंडिया री लॉन्च फिर से स्थगित हो गया है ।