चीन में कमज़ोर होती जिनपिंग सरकार के लिए अब सबसे बड़ा खतरा अगर कोई बन रहे हैं तो वो हैं चीन के बड़े-बड़े उद्योगपति! अलीबाबा समूह के संस्थापक जैक मा और चीनी राष्ट्रपति के बीच अभी सब कुछ सही नहीं चल रहा है, और माना जा रहा है कि जिनपिंग उन्हें अपनी सत्ता के लिए बड़े खतरे के रूप में देखते हैं। यही कारण है कि अब चीनी सरकार अपने यहां एक ऐसा कानून लाने जा रही है, जिसके बाद चीन में शायद ही कोई जैक मा जितना बड़ा उद्योगपति बन पाये।
चीनी सरकार में वित्त मंत्री रह चुके Lou Jiwei ने अब कहा है कि चीन जल्द ही fintech कंपनियों पर ज़रूरत से ज़्यादा बैंकों के साथ साझेदारी करने पर पाबंदी लगा सकता है। ऐसा इसलिए ताकि चीनी कंपनियों को बैंकों से ज़्यादा कर्ज़ ना मिल पाये और वे अलीबाबा जितनी बड़ी ना हो सकें। चीनी सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी कंपनी को मार्केट पर ज़रूरत से ज़्यादा हावी नहीं होने देना चाहती।
इस कानून को अभी चीन में क्यों लाया जा रहा है, यह समझने के लिए आपको जिनपिंग सरकार और जैक मा के बीच जारी तनाव को समझना होगा। पिछले कुछ दिनों में CCP जिस प्रकार जैक मा के खिलाफ एक के बाद एक बड़े फैसले ले रही है, उससे स्पष्ट है कि शी जिनपिंग को जैक मा के बढ़ते कद से अब डर लगने लगा है। अलीबाबा ने एक बड़ी microblog website में निवेश किया है, Video sharing और streaming platforms में पैसा लगाया है, यहां तक कि South China Morning Post में भी Alibaba की हिस्सेदारी है। इस प्रकार चीन में Content के प्रसारण पर Alibaba का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है। अभी बेशक यह कंटेन्ट कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा के खिलाफ तो बिलकुल नहीं है, लेकिन CCP और जिनपिंग को डर है कि कहीं अलीबाबा का प्रभाव इतना ना बढ़ जाये कि उसके सामने खुद CCP का प्रभाव बौना दिखना लगे।
यही कारण है कि अब खुद जिनपिंग जैक मा को ठिकाने लगाने की तैयारियों में जुट चुके हैं। Nikkei की एक रिपोर्ट के मुताबिक 11 दिसंबर में जिनपिंग ने अपने करीबी अधिकारियों के साथ बैठक कर इस बात पर ज़ोर दिया कि उन्हें अपने देश में “राष्ट्रीय सुरक्षा” और “राजनीतिक स्थिरता” बनाए रखने के लिए कई कठोर कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही जिनपिंग ने कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि चीन में कोई भी व्यक्ति अपनी पूंजी को बेतहाशा बढ़ाता ना चला जाये। स्पष्ट है कि अब चीनी सरकार Alibaba को राष्ट्र के लिए खतरा मानने लगी है। शायद यही कारण है कि पिछले कुछ समय में चीनी सरकार ने अलीबाबा के खिलाफ कई बड़े कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए नवंबर महीने में जब जैक मा का Ant Group दुनिया में सबसे बड़े कीमत के IPOs जारी करने जाने वाली थी, तो उसके ठीक दो दिन पहले ही चीनी regulators ने कंपनी को उससे संबन्धित अनुमति देने से मना कर दिया, जिसके कारण Ant group को काफी बड़ा नुकसान झेलना पड़ा।
जिनपिंग अब जैक मा के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। हालांकि, जिनपिंग के लिए जैक मा को दबाना इतना आसान नहीं रहेगा, क्योंकि जैक मा सिर्फ चीन में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी काफ़ी लोकप्रिय हैं और उनके खिलाफ लिया गया कोई भी एक्शन चीन के वित्तीय बाज़ार में बड़ा भूचाल लेकर आ सकता है। स्पष्ट है कि जिनपिंग अब नहीं चाहते कि चीन में कोई दूसरा जैक मा पैदा हो। इसीलिए वे अब अपने यहाँ किसी भी कंपनी को बड़ा होने ही नहीं देना चाहते हैं।