अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद जो बाइडेन अगले हफ्ते डोनाल्ड ट्रम्प से राष्ट्रपति पद लेने की तैयारी में हैं, तभी UK ने भारत को G7 सम्मेलन के लिए आमंत्रित कर विश्व को एक स्पष्ट संदेश भेजा है कि ट्रम्प द्वारा भारत के साथ बढ़ाए गए संबंधों की नीति आगे भी जारी रहनी। आगामी G7 शिखर सम्मेलन इस साल के अंत में जून में होना है।
दरअसल, यूके ने आधिकारिक तौर पर पीएम मोदी को G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है जो इसी वर्ष जून में आयोजित होने वाला है। G7 दुनिया की प्रमुख लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाओं यूके, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, तथा USA का एक समूह है। इस साल के G7 शिखर सम्मेलन में वुहान वायरस की महामारी, जलवायु परिवर्तन और ओपेन ट्रेड यानि खुले व्यापार पर चर्चा होगी।
प्रेस स्टेटमेंट के अनुसार, “G7 शिखर सम्मेलन Cornwall के Carbis Bay में 11-13 जून 2021 को आयोजित किया जाएगा। प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ब्रिटेन की G7 अध्यक्षता का उपयोग विश्व के प्रमुख लोकतंत्र देशों को एकजुट करने के लिए करेंगे, जिससे कोरोनावायरस के बाद विश्व का बेहतर निर्माण हो सके। ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया, भारत और दक्षिण कोरिया को इस साल के G7 में अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित किया है।”
इसके अतिरिक्त, ब्रिटेन में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के कारण अपनी गणतंत्र दिवस की भारत यात्रा को रद्द करने के बाद अब G7 सम्मेलन से पहले भारत भी आएंगे। यहाँ ध्यान देने वाली यह बात है कि भारत के अलावा, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को भी शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है। ऑस्ट्रेलिया और भारत को बुलावे के बाद चीन को अवश्य पीड़ा हुई होगी क्योंकि दोनों देशों ने चीन के नाक में दम कर रखा है। कोरोना के बाद दोनों देशों ने चीनी आक्रामकता का मुंह तोड़ जवाब दिया है।
प्रेस वक्तव्य में यह भी कहा गया है कि, “ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन G7 शिखर सम्मेलन का दुनिया के नेताओं से यह पूछने के लिए उपयोग करेंगे कि कोरोनावायरस के बाद विश्व का बेहतर निर्माण कैसे किया जाए।”
बयान में कहा गया है कि भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को सम्मेलन में विशेषज्ञता और अनुभव को बढ़ाने के लिए ही आमंत्रित किया गया है।
बयान में यूके और भारत के बीच गहरे संबंधों पर भी प्रकाश डाला गया है। इसमें लिखा है, “दुनिया की फार्मेसी के रूप में, भारत पहले से ही दुनिया की 50% से अधिक वैक्सीन की आपूर्ति करता है, और यूके और भारत ने कोरोना महामारी के दौरान एक साथ काम किया है। हमारे प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा है कि वह G7 से पहले भारत का दौरा अवश्य करेंगे।”
यह चीन पर निशाना ही था जब यह कहा गया कि, “कोरोनावायरस निस्संदेह इस पीढ़ी की सबसे भयंकर विपत्ति है और यह आधुनिक विश्व व्यवस्था के लिए परीक्षा की घड़ी भी है। आज के समय में यह आवश्यक है कि हम बेहतर भविष्य बनाने के लिए खुलेपन की भावना के साथ एकजुट होकर चुनौती का सामना करे।”
बता दें कि भारत वर्ष 2019 में दक्षिण-पश्चिम फ्रांस के Biarritz में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में भी आमंत्रित था। पीएम नरेंद्र मोदी को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन द्वारा विशेष अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। वहीं पिछले वर्ष के G7 शिखर सम्मेलन को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्थगित कर दिया था।
अब जब अमेरिका की सत्ता में बदलाव होने जा रहा रहा है तब ऐसे समय में ब्रिटेन ने भारत को आमंत्रित कर, आने वाले राष्ट्रपति बाइडेन के लिए एक स्पष्ट संदेश भेजा है कि भारत दुनिया में महामारी के बाद के पुनर्निर्माण में एक प्रमुख खिलाड़ी बना रहेगा।