ट्रैक्टर रैली को लेकर Sikh For Justice ने CJI बोबड़े को दी धमकी

SFJ ने दी CJI को धमकी

हाल ही में गणतंत्र दिवस पर इंडिया गेट और लाल किले से तिरंगा हटाने पर ढाई लाख डॉलर का इनाम देने का वादा करने वाला खालिस्तानी आतंकी संगठन Sikhs For Justice ने अब अपनी सभी हदें लांघते हुए सीधा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को धमकी दी है। SFJ ने कहा है कि यदि सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर रैली रोकने की जरा भी कोशिश की, तो अंजाम बहुत बुरा होगा।

Sikh For Justice के पत्र के अनुसार, “आप लोगों ने उनका साथ दिया है, जिन्होंने सिख समुदाय की हत्या करवाई है। अब आप उस मोदी सरकार का साथ दे रहे हैं, जिसने पंजाब के किसानों का नरसंहार किया है। यह 1990 नहीं है, ये 2021 है, और SFJ सभी को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अंतर्गत दोषी ठहराएगी” यह धमकी तब आई है जब हाल ही में मुख्य न्यायाधीश शरद अरविन्द बोबड़े ने किसान आंदोलन में शामिल खालिस्तानियों की जांच पड़ताल की बात की है।

इसी को कहते हैं, उंगली पकड़के पहुंचा पकड़ना। जिनसे पाकिस्तान में सिख समुदाय पर हो रहे अत्याचार नहीं संभाले जा रहे, वे बात कर रहे हैं पीएम मोदी को एक बेबुनियाद नरसंहार के लिए दोषी ठहराने की। ये वही संगठन है, जिसे लगता है कि वह रेफरेंडम 2020 के जरिए खालिस्तान की मांग करेंगे, और भारत उसे गिफ्ट रैप करके पकड़ा देगा। अभी हाल ही में इसी संगठन ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि सिखों ने खालिस्तानी झण्डा लाल किले और इंडिया गेट पर फहराया, तो Sikhs for Justice उसे इनाम देगी।

वीडियो के अनुसार, “जनवरी आ रही है और लाल किले पर हिन्दुस्तानी तिरंगा है। उसे हटाकर खालिस्तान का परचम लहराना है।”

https://www.youtube.com/watch?v=TxhZY7SmGfg

इसी वायदे के आधार पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि किसान आंदोलन में अलगाववादियों ने भी प्रवेश किया है। केंद्र सरकार के अनुसार, ये अराजक तत्व शाहीन बाग की पद्वति से प्रेरित होकर गणतंत्र दिवस पर एक समानांतर ट्रैक्टर परेड निकालना चाहते हैं, जो देश की सुरक्षा और गणतंत्र दिवस में हिस्सा ले रहे लोगों के लिए बेहद खतरनाक सिद्ध हो सकता है। जैसा कि TFI ने पहले रिपोर्ट किया था, दिसंबर 2020 में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार Sikh For Justice ने कई माध्यमों से भारत में विद्रोह को बढ़ावा दिया था, जिनमें से एक भारतीय सेना को सेवा दे रहे सिख सैनिक भी थे।

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि वर्तमान पत्र के माध्यम से Sikh For Justice एक बार फिर देश में अराजकतावादियों को बढ़ावा दे रहा है, ताकि भारत की छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गणतंत्र दिवस के दिन खराब हो सके।

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