हामिद अंसारी 10 वर्षों तक देश के उपराष्ट्रपति रहे, अब उनका इस्लामिस्ट चेहरा बेनकाब हो चुका है

हामिद अंसारी

भारत एक सेक्युलर देश है लेकिन सेक्युलरिज्म सिर्फ हिन्दुओं से ही अपेक्षित रहती है। यह एक बार नहीं बल्कि कई बार साबित हो चुका है। इसी सेक्युलर देश ने अन्य धर्मों के व्यक्तियों को शीर्ष पदों पर बैठाया लेकिन आखिर में उनमें से कई अपने धर्म के खातिर हिन्दुओं पर लांछन लगाने से पीछे नहीं हटे। इन्हीं नेताओं में से एक हैं देश के उप राष्ट्रपति रह चुके हामिद अंसारी। शनिवार को Zee News पर उनका एक इंटरव्यू प्रसारित हुआ लेकिन एंकर के सवालों से वो इतने हड़बड़ा गए कि माइक ही नोचने लगे और इंटरव्यू समाप्त कर दिया।

इंटरव्यू के दौरान एकंर अमन चौपड़ा ने हामिद अंसारी से पूछा कि, ‘आप 10 साल तक उपराष्ट्रपति रहे, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीसी रहे, अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख रहे, राजनयिक रहे, देश ने आपको इतना कुछ दिया लेकिन आपने कार्यकाल के आखिरी दिन आपने कह दिया कि मुस्लिम असुरक्षित हैं, इसकी क्या वजह है?’

इस प्रश्न को सुनते ही पूर्व उपराष्ट्रपति हड़बड़ा गए और कहा कि ऐसा उन्होंने जनता की धारणा के आधार पर कहा था। अमन मुसलमानों की असुरक्षा का वजह पूछते रहे लेकिन हामिद अंसारी टालमटोल करते रहे। आखिर में उन्होंने कह ही दिया कि वे कोई वजह नहीं दे सकते हैं। इसी क्रम में उन्होंने लिंचिंग का भी उल्लेख किया। जब इसको लेकर अमन ने सवाल दागा कि लिंचिंग तो हिंदुओं की भी होती है, तब अंसारी ने कहा कि होती होगी।

इस पर जी न्यूज के एंकर अमन ने कहा कि यह तो कानून व्यवस्था का सवाल है, लिंचिंग का धर्म तो नहीं होता। इस पर हामिद अंसारी इधर उधर की बात करते रहे। इस पर अमन ने उनसे पूछा कि हिन्दुओं में डर की भावना या असुरक्षा की भावना क्यों नहीं है? लिंचिंग तो हिन्दुओं की भी होती है। ऐसे सवालों के घेरे में आकर हामिद अंसारी अपने अंदर के इस्लामिस्ट को बाहर आने से नहीं रोक सके और जब अमन ने यह बात साबित कर दी कि लिंचिंग का धर्म से कोई वास्ता नहीं है तो वे बिदक गए। उन्होंने एंकर से कहा कि आपकी मानसिकता ठीक नहीं है और वो इंटरव्यू को बीच में छोड़कर चले गए।

इस इंटरव्यू के सामने आने के बाद हामिद अंसारी के अन्दर के इस्लामिस्ट का पर्दाफाश हुआ है और लोग सोशल मीडिया पर उनके मजे ले रहे हैं तो कुछ उनके जवाबों की आलोचला कर रहे हैं।

https://twitter.com/MrSinha_/status/1355493767546097665?s=20

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब भारत के अन्दर शीर्ष पदों पर रहने वाले हामिद अंसारी के काले कारनामों का खुलासा हुआ है। हाल ही में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के पुस्तक के विमोचन के अवसर पर हामिद अंसारी ने राष्ट्रवाद के विरुद्ध विष उगलते हुए राष्ट्रवाद वुहान वायरस की महामारी से भी भयानक बताया था। शायद राष्ट्रवाद के खिलाफ इसी भावना के कारण ही वे ईरान में बतौर IFS अधिकारी, RAW के अधिकारीयों की जान भी खतरे में डालने से नहीं चुके थे। उदाहरण के लिए 2019 में प्रकाशित द संडे गार्डियन में अभिनंदन मिश्रा की एक रिपोर्ट के अनुसार रॉ के पूर्व अधिकारियों ने हामिद अंसारी के खिलाफ जांच की मांग की थी जिसमें उनके खिलाफ रॉ के ‘ऑपरेशन को क्षति पहुंचाने’ का आरोप लगाया गया था। अपनी पोस्टिंग के दौरान अंसारी ना सिर्फ राष्ट्रहित बचाने में असफल रहे बल्कि ईरान सरकार और वहाँ की खुफिया एजेंसी “सवाक” से जानकारी साझा कर रॉ के मिशन और अधिकारियों की जान खतरे में डाली थी। रॉ से वर्ष 2010 में रिटायर हुये एन के सूद ने संडे गार्डियन को बताया कि हामिद अंसारी ने तो ईरान में रॉ के केंद्र को बंद करने की सलाह तक दे डाली थी।

कुल मिलाकर कहें तो इस इंटरव्यू से हामिद अंसारी का दोहरा रुख देश की जनता के समक्ष आ गया। वास्तव में ज़ी न्यूज़ के साथ इंटरव्यू  के दौरान हामिद अंसारी किसी भी सवाल का जवाब तथ्यों के साथ नहीं दे पाए, बल्कि सवालों से बचते नजर आये। ये बहुत ही शर्मनाक भी है कि देश के उप राष्ट्रपति का दृष्टिकोण देश के प्रति इस स्तर का है।

 

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