आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्ड़ी को भ्रष्टाचार और सत्ता का दुरुपयोग करने, दोनों ही प्रमुख बिंदुओं का दोषी माना जा सकता है। जगन अब ऐसे कार्य कर रहे हैं, जिससे सरकारी निर्णयों का लाभ उन्हें निजी रूप से हो सके। ये सवाल केवल इसलिए उठा है, क्योंकि एक ही कंपनी को राज्य में सीमेंट से जुड़े ज्यादातर ऑर्डर मिल रहे हैं और वो उनके परिवार से ही जुड़ी हुई है, तो कुल मिलाकर वो इस मुद्दे पर अपना फायदा देख रहे हैं। ये वही जगन है, जो सत्ता में आने से पहले राज्य में टीडीपी के भ्रष्टाचार का खुलासा कर रहे, लेकिन अब वो खुद उन सारे सवालों के घेरे में हैं।
जनसत्ता की एक रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी के परिवार का 49 फीसदी शेयर वहां की एक सीमेंट कंपनी, भारतीय सीमेंट कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड की कंपनी में ही है। जबकि दूसरा हिस्सा 51 फीसदी का एक फ्रेंच कंपनी के पास है। ऐसे में अब एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2020 से 18 जनवरी 2021 तक सरकार की तरफ से इस कंपनी से 2,28,374 मिट्रिक टन सीमेंट खरीदी गई है, जो कि कुल खरीद का लगभग 14 प्रतिशत है। इसके अलावा द इंडिया सीमेंट लिमिटेड को भारतीय सीमेंट से करीब 1,59,753 का ऑर्डर मिला था, जो कि जगन मोहन रेड्ड़ी की कंपनी की तुलना में 30 फीसदी कम है। खास बात ये भी है कि इंडिया सीमेंट्स का भी भारती सीमेंट्स में 95 करोड़ का निवेश है।
सीबीआई ने भी जो आरोप जगन मोहन रेड्ड़ी के खिलाफ दर्ज किए थे उसमें एन श्रीनिवासन का नाम भी शामिल है। सीबीआई पहले राजशेखर रेड्ड़ी पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगा चुका है, क्योंकि उन्होंने अपने फैसलों से कंपनियों को फायदा पहुंचाया था। वहीं जगन की मौजूदगी में भी इन कंपनियों ने कानूनों को नजरंदाज करते हुए खदानों पर लीज दी थी, जिसके बदले जगन की कंपनी के हिस्से में बड़ा निवेश आया था।
इस मुद्दे को लेकर लगातार जगन सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं, जिसके बाद गौतम रेड्डी ने कहा है कि इंडिया सीमेंट्स और भारती सीमेंट्स ही सभी तरह के सरकारी नियमों का सही पालन कर पा रही थीं, जबकि अन्य उत्पादकों के सप्लाई चेन में भी काफी दिक्कत थी। इसमें कोई शक नहीं है कि वो कंपनियां आसानी से सारे ऑर्डर्स कैसे पा ले रही है, क्योंकि उन्हें आसानी से सरकार द्वारा छूट मिल रही है। टीडीपी इस मुद्दे को लेकर हमलावर है और उसका कहना है भारती सीमेंट्स ने सरकार के साथ मिलकर एक सिंडिकेट चला रखा है। साथ ही ये भी सामने आया है कि कंपनी ने सरकार को सप्लाई होने वाली सीमेंट्स के दाम भी पहले से ज्यादा कर दिए है।
कितनी अजीब बात है कि एक ओर सरकार में बैठकर अपनी कंपनी को जगन लाभ पहुंचा रहे हैं और उनके ही मंत्री उनकी जी हजूरी में करते हुए कंपनियों की पॉलिसी को ही बेहतर बता रहे है, जो दिखाता है कि कल तक भ्रष्टाचार को लेकर आवाज उठाने वाले जगन असल में भ्रष्टाचार का ही एक गोरखधंधा चला रहे हैं।