रेप के आरोपी CM को खरोंच भी आए तो यह बड़ी खबर है, पर यहां रेप पीड़िता को कोई नहीं पूछता

वेलकम टू झारखंड!

सोरेन

झारखंड से रेप के मामलों में असंवेदनशीलता की खबर एक बार फिर सामने आई है, जहां एक युवती के साथ रेप और सिर काटने की घटना पर जनता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रशासन की कड़ी आलोचना की है और उनके काफिले पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है। इसको लेकर आरजेडी भी सीएम के बचाव में उतर आई है, और विरोध प्रदर्शन के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा दिया है, जबकि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन पर भी एक रेप केस चल रहा है। ऐसे में ये कितना आश्चर्यजनक है कि रेप के आरोपी के संरक्षण में बात करना तो आवश्यक है लेकिन सिर कटी लाश वाली पीड़िता जिसके रेप की भी आशंका है इस मुद्दे पर बोलना कोई जरूरी नहीं।

झारखंड के ओरमांझी में एक युवती के साथ नृशंस रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। जिसके बाद स्थानीय लोग भड़क गए और ये गुस्सा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने भी आ गया है और रांची में सीएम के काफिले पर लोगों ने हेलमेट और डंडे फेके, जिससे मौके पर अफरातफरी मच गई। इस दौरान कई सुरक्षा कर्मी भी घायल हुए है जिनका इलाज़ किया जा रहा है। ये एक सीधी घटना है कि लोग मुख्यमंत्री के राज में सुरक्षा व्यवस्था की आलोचना कर रहे हैं लेकिन राजनीतिक रंग तो देना जरूरी है न, तो आरजेडी ने वो कर दिया।

आरजेडी के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हुए हमले पर बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा दिया है। आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, “भाजपा एक असामाजिक तत्वों और दंगाइयों की पार्टी है। सभ्य राजनीति में संघी सोच के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता।  #GundaPartyBJP द्वारा सुनियोजित तरीके से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के काफिले पर हमला किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।” यह बेहद अजीब बात है कि रेप जैसे एक संगीन जुर्म में भी आरजेडी ने राजनीतिक रंग ढूंढ लिया है, लेकिन रेप पीड़िता पर कोई बयान नहीं सामने आया।

खबरों के मुताबिक ओरमांझी में रविवार को जीराबार गांव के पलास पतरा जंगल एक युवती की सिरकटी लाश बरामाद हुई थी। युवती के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। ऐसे में पुलिस आशंका जता रही है कि युवती के साथ दुष्कर्म करने के बाद अपराधियों ने गला रेत कर उसकी हत्या कर दी है। वारदात इतनी नृशंसता  के साथ अंजाम दी गई थी कि युवती की पहचान तक नहीं की जा सकी है। जिसके कारण लोगों का गुस्सा राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर फूटने लगा। मीडिया रिपोर्ट्स में भी सुर्खियों में यही खबर रही कि राज्य के मुख्यमंत्री पर हमला हुआ परंतु जो मुख्य घटना है उसे लेकर मीडिया के अंदर से कोई ऐसी जागरूकता नहीं दिखी। मुख्य दौर का मीडिया न ही सीएम से सवाल पूछता नजर आया।

एक ऐसी परिस्थिति जब किसी भी राजनीतिक पार्टी को केवल संवेदनशीलता से काम लेते हुए बयानबाजी करनी चाहिए तो आरजेडी अपने गठबंधन के मुख्यमंत्री के बचाव में बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रही है। खास बात ये है कि हेमन्त सोरेन पर खुद एक रेप का आरोप है जिसे वो हमेशा मीडिया का प्रोपेगेंडा बताते रहते हैं। इस मामले में पीड़िता एक मॉडल है और उसने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर रखी है, जिसमें सीबीआई जांच की मांग है।

यह बहुत ताज्जुब की बात है कि राज्य के मुख्यमंत्री पर ही रेप के आरोप हैं, आरजेडी पब्लिक के गुस्से को बीजेपी का एजेंडा बताकर मुख्यमंत्री का बचाव कर रही है। इसे भारतीय राजनीति का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि रेप के आरोपी सीएम की सुरक्षा की बात करने की जरूरत तो आरजेडी द्वारा समझी गई लेकिन रेप पीड़ित सिर कटी युवती की लाश मिलने पर पार्टी या उसके नेता के मुंह से एक बोल नहीं फूटा।

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