जो बाइडन अब अमेरिका में राष्ट्रपति पद संभाल चुके हैं और उनके ऑफिस में आने के पहले हफ़्ते में ही उनके विरोधी Republicans ने उनके सामने कड़ा China-Test पेश कर दिया है। दरअसल, बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह के ठीक बाद चीन ने पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो समेत ट्रम्प प्रशासन के 28 अधिकारियों पर प्रतिबंधों का ऐलान कर दिया था। इसके बाद अब Republicans बाइडन प्रशासन से लगातार चीन के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं। बाइडन अपने चुनावी प्रचार से लेकर अब तक चीन को लेकर एक “Bi-Partisan” नीति अपनाने की बात करते रहे हैं, ताकि Republicans और Democrats मिलकर चीन के खिलाफ एक रणनीति पर काम कर सकें, लेकिन अब अगर बाइडन चीन के खिलाफ कोई एक्शन लेने में आनाकानी दिखाते हैं तो इससे उनके चीन विरोधी “Bi-Partisan” नीति के ढिंढोरे का पर्दाफ़ाश हो जाएगा।
Republicans शुरू से ही Democrats और जो बाइडन पर चीन-नीति को लेकर “कमज़ोर” होने का आरोप लगाते रहे हैं। America First की नीति का पालन करने वाले Republicans लिबरल बाइडन द्वारा अमेरिका की सख्त चीन-विरोधी नीतियों का विलयन करने की आशंका जता चुके हैं। हालांकि, इसके जवाब में बाइडन के समर्थक यही जवाब देते रहे हैं कि बाइडन चीन को लेकर एक ऐसी नीति को आगे बढ़ेंगे जिसपर दोनों पार्टियों द्वारा सहमति जताई जाएगी! उदाहरण के लिए हाल ही में अमेरिका के विदेश मंत्री पद के लिए मनोनीत Democrat Antony Blinken ने कहा था कि चीन को लेकर वे ट्रम्प की नीतियों को ही आगे बढ़ाएँगे!
हालांकि, क्या वाकई ज़मीन पर ऐसा होने जा रहा है? बाइडन प्रशासन को सत्ता संभाले अभी सिर्फ दो दिन ही पूरे हुए हैं, और इन दो दिनों में ही वे ऐसे कई कदम चल चुके हैं जो दर्शाता है कि आगामी चार सालों में हमें अमेरिका की चीन नीति शायद इतनी सख्त ना दिखाई दे। उदाहरण के लिए अब स्टेट डिपार्टमेन्ट की वेबसाइट से 5जी सेक्यूरिटी और “The China Challenge” जैसे Policy issues को हटा दिया गया है और चीनी प्रोफाइल के शीर्षक को “The Chinese Communist Party: Threatening Global Peace and Security” से बदलकर अब सिर्फ “US-चीन संबंध” कर दिया गया है। ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के आखिरी दो सालों में चीन के खिलाफ जिस टेक वॉर को छेड़ा था, उसमें 5G चुनौती सबसे बड़ा मुद्दा था। ट्रम्प ने चीनी टेक कंपनियों जैसे हुवावे और ZTE पर देश की सुरक्षा के लिए खतरा होने का आरोप लगातार उन्हें अमेरिका में प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन अब जिस तरह से स्टेट डिपार्टमेन्ट की वेबसाइट से “5जी सेक्यूरिटी” के मुद्दे को ही गायब कर दिया गया है, उससे स्पष्ट होता है कि बाइडन प्रशासन अब अमेरिका में दोबारा हुवावे और ZTE की एंट्री की तैयारी कर रहे हो सकते हैं।
उनके उपर्युक्त फैसलों को देखकर कहा जा सकता है कि बाइडन एक कमज़ोर चीन-नीति को लेकर आगे बढ़ सकते हैं, जो कि ट्रम्प की चीन-नीति से बिलकुल अलग होगी! ऐसे में Bi-Partisan चीन नीति का सवाल ही पैदा नहीं होता है। हालांकि, Republicans द्वारा बाइडन के सामने रखे गए China-Test से स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी! Republican सांसद और House of Representatives Foreign Affairs Committee के सदस्य Michael McCaul के मुताबिक “चीन द्वारा ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों पर लगाये गए प्रतिबंध चीन को एक्सपोज करने वाले अधिकारियों को धमकाने की एक कोशिश है। बाइडन प्रशासन को अब चीन के खिलाफ एक्शन लेकर यह दिखाना चाहिए कि हम चीन द्वारा अमेरिका के लोकतन्त्र में किसी प्रकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
यह बाइडन की अग्नि परीक्षा होगी! यहाँ बाइडन के लिए चीन के खिलाफ एक्शन लेना ज़रूरी होगा क्योंकि तभी वे अपनी Non-Partisan चीन नीति के विचार को आगे बढ़ा पाएंगे। अगर यहाँ बाइडन चीन के खिलाफ कोई सख्त एक्शन नहीं ले पाते हैं, तो वे खुद को ही एक्स्पोज़ कर रहे होंगे!