चीन की अर्थव्यवस्था का ध्वस्त होना अब निश्चित हो गया है। इसके बावजूद चीन आंकड़ों को छिपाने की अपनी पुरानी बाजीगरी वाली नीति अपना रहा है। हालांकि सच ये है कि वो केवल मामूली जानकारियों में ही हेर फेर कर सकता है, क्योंकि तेजी से डूबती निजी कंपनियों का डेटा छिपाना चीन के लिए एक मुश्किल वाली बात है। चाइनीज कंपनी HNA के दिवालिया होने की घटना ने दुनिया का ध्यान चीन की ओर आकर्षित किया है कि असल में चीनी अर्थव्यवस्था में कितना झोल है, क्योंकि इस कंपनी ने दुनिया भर में विस्तार करने के लिए अनेकों डॉलर का निवेश किया था और अब ये खुद दिवालिया हो गई है।
खबरों के मुताबिक HNA कंपनी के लेनदरों ने एक चीनी अदालत से कहा है कि वह दिवालिया होने वाली नीतियों को आधिकारिक को मंजूरी दे दे। लेनदारों ने कहा कि ये ग्रुप अब अपने ऋणों का भुगतान नहीं कर सकता है। खास बात ये है कि जब बीजिंग अपने आर्थिक सुधार की प्रशंसा कर रहा है तो उसी दौर में चीन की सबसे प्रमुख कंपनियों में से एक कंपनी का सूर्य अस्त होने की कगार पर है और वो नाटकीय गिरावट के साथ दिवालिया हो गई है।
HNA ने अपनी शुरुआत एक एयरलाइंस क्षेत्र की कंपनी के तौर पर की थी लेकिन धीरे-धीरे रियल स्टेट से लेकर निजी क्षेत्र में निवेश करके इसने विस्तार करना शुरू किया। इसने विदेशों में बड़ी मात्रा में निवेश कर रखा है जिसके चलते ये चीन के निजी क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी बन गई थी। चीन की स्थिति उसी तरह की है जैसी 1997 में पूर्वी एशियाई देशों में आर्थिक संकट की थी। चीन में आर्थिक संकट बहुत तेजी के साथ बढ़ रहा है। चीन में एनपीए बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है क्योंकि सरकारी बैंक निजी क्षेत्र की कंपनियों को क्रेडिट नहीं दे रहे हैं। इसीलिए चीन की निजी कंपनियों ने खुद को दिवालिया घोषित करना शुरू कर दिया है।
2015 की शुरुआत में HNA ने 40 बिलियन डॉलर के साथ खरीददारी और निवेश की एक होड़ मचा दी थी। इस निवेश में हिल्टन (HLT) और ड्यूश बैंक (DB) के निवेश शामिल थे। 2017 के अंत तक HNA की संपत्ति 1.2 ट्रिलियन युआन (186 बिलियन डॉलर) तक सबसे ऊपर थी। कोरोनावायरस की महामारी के कारण कंपनी के सारे मुनाफे धराशाई हो गए और। सरकारी अधिकारियों ने इसे अपने कब्जे में ले लिया। कंपनी के अनुरोध पर, अधिकारियों ने HNA के वित्तीय संकट को हल करने के लिए अन्य एजेंसियों के साथ एक कार्य करने के लिए संगठन बनाया।
चीनी आर्थिक स्थिति इतनी अनिश्चित है कि सीसीपी कुंठित हो चुकी है और यह उसके नीतिगत निर्णयों में दिखाई दे रहा है। उदाहरण के लिए, पिछले सितंबर में सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने दिशानिर्देशों का एक असामान्य रूप से स्पष्ट सेट प्रकाशित किया था , जिसमें निजी व्यवसायियों को शिक्षित करने के लिए समाजवाद की विचारधारा को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था।
कई चीनी कंपनियों ने कॉरपोरेट बॉन्ड पर चूक की और चीनी ऋण 2020 में उच्च रिकॉर्ड पर पहुंच गया। अब HNA द्वारा दिवालियापन की घोषणा के साथ ही विशेषज्ञों का मानना है कि चीन द्वारा जारी विकास के आधिकारिक आंकड़ों पर विश्वास करना मुश्किल है। प्रतिष्ठित वित्तीय पत्रिकाओं में अपने विचारों रखने वाले बड़े अर्थशास्त्री इस बात की ओर संकेत देने लगे हैं कि अब चीन की अर्थव्यवस्था और उसके आंकड़ों में झोल के अलावा और कुछ नहीं है। सभी चीन के आर्थिक आंकड़ों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
TFI ने इस मुद्दे पर कई बार बताया है कि चीन आर्थिक संकट के दुष्चक्र से गुजर रहा है। हालांकि, कम्युनिस्ट सरकार अभी भी लोगों की वफादारी सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत अर्थव्यवस्था का दिखावा कर रही है और विदेशी निवेश को आकर्षित करती रहती है, लेकिन उसके आंकड़ों की बाजीगरी अब उसके काम आने लायक़ स्थिति में नहीं है क्योंकि निजी कंपनियों के दिवालिया होने के साथ ही अब उसकी इन गर्त में जा रही अर्थव्यवस्था की परिस्थितियों को अच्छे से समझा जा सकता है।