बाइडन से Covid रणनीति के बारे में पूछा गया तो बोले, “Give me a break”

Covid से निपटने के लिए बाइडन के पास नहीं है कोई रणनीति?

कोरोनावायरस से निपटने के लिए अमेरिका में बाइडन प्रशासन किस रणनीति पर काम करेगा, इसपर अभी से पहले विवाद होना शुरू हो गया है। सत्ता संभालने से पहले बाइडन ने कहा था कि वे अपने प्रशासन के पहले 100 दिनों में 100 मिलियन लोगों को इंजेक्शन प्रदान करने की योजना पर काम करेंगे, लेकिन सत्ता संभालने के बाद जब उनसे एक रिपोर्टर ने पूछा कि उनकी वैक्सीन roll out को लेकर क्या योजना है, तो बाइडन ने उनको जवाब दिया “Come On! मुझे थोड़ा आराम भी दो!”

बता दें कि उनके 100 दिनों में 100 मिलियन लोगों को इंजेक्शन प्रदान की योजना पहले ही विवादों के घेरे में आ चुकी है क्योंकि उनके आलोचकों का कहना है कि इस दौरान वे आसानी से लोगों को 200 मिलियन डोज़ प्रदान कर सकते हैं।
CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले बाइडन की टीम के ही एक अधिकारी ने ट्रम्प प्रशासन पर कोरोना को लेकर कुछ ना करने के आरोप लगाते हुए कहा था कि कोरोना के खिलाफ यह लड़ाई उन्हें एकदम शून्य से शुरू करनी पड़ रही है, और ट्रम्प प्रशासन ने कोरोना के खिलाफ कोई Blueprint या योजना बनाई ही नहीं थी।

हालांकि, कोरोना को लेकर अपनी विफलता का ठीकरा ट्रम्प प्रशासन पर फोड़ने की उनकी यह कोशिश तब नाकाम हो गयी, जब अमेरिकी एक्सपर्ट Dr Anthony Fauci ने इस खबर का पूरी तरह खंडन कर दिया। राष्ट्रपति के मुख्य स्वास्थ्य सलाहकार ने एक बयान में कहा “ज़ाहिर सी बात है कि हम शून्य से शुरू नहीं कर रहे हैं, पहले से ही देश में वैक्सीन वितरण की एक प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।”

बाइडन प्रशासन पहले ही इस बात को स्वीकार कर चुका है कि फरवरी के मध्य तक अमेरिका में करीब 5 लाख लोग कोरोना के कारण अपनी जान से हाथ धो सकते हैं। अमेरिका में अभी हर दिन करीब 9 लाख लोगों को वैक्सीन प्रदान की जा रही है। इस गति से सभी अमेरिकियों को वैक्सीन मिलने में करीब 1 साल का समय लग सकता है।

ट्रम्प प्रशासन के समय स्वास्थ्य मंत्री रहे Alex Azar के मुताबिक बाइडन को अपनी वैक्सीन नीति को दोगुनी या तिगुनी रफ्तार से आगे बढ़ाना होगा। उनके मुताबिक “वैक्सीन निर्माताओं ने अप्रैल के अंत तक वैक्सीन की 250 मिलियन डोज़ प्रदान करने का लक्ष्य रखा है। अगर हम तब तक सिर्फ 100 मिलियन लोगों को ही वैक्सीन प्रदान कर पाते हैं, तो ऐसी स्थिति में हम एक बड़े अवसर को हाथ से जाने दे रहे होंगे।” अमेरिका में कोरोना के सबसे भयावह आंकड़े देखने को मिले हैं। सबसे ज़्यादा मौतों और सबसे ज़्यादा कोरोना के मामलों के साथ अमेरिका कोरोना से प्रभावित होने वाले देशों की सूची में सबसे टॉप पर है।

अमेरिका दुनिया के उन चुनिन्दा देशों में से एक है, जहां पर टीकाकरण की प्रक्रिया पहले से ही शुरू हो चुकी है। हालांकि, इस बीच सत्ता परिवर्तन होने के कारण कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। वह भी तब जब अमेरिका में नया प्रशासन कोरोना को लेकर विचलित दिखाई दे रहा हो।

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