जहां एक तरफ दुनिया वुहान वायरस के प्रकोप से उबर रही है, तो वहीं भारत अपने आप को संकटमोचक के तौर पर अपनी वैक्सीन कूटनीति से स्थापित कर रहा है। अब CoVAXIN बनाने वाले वैज्ञानिकों का दावा है कि यह वैक्सीन वुहान वायरस के किसी भी स्ट्रेन पर कारगर है।
न्यूज़ 18 के रिपोर्ट की माने, तो भारत बायोटेक द्वारा निर्मित COVAXIN वुहान वायरस के नए यूके स्ट्रेन पर भी काफी असरदार है। रिपोर्ट के अंश अनुसार,
“भारत बायोटेक ने एक ट्वीट कर बताया है- Covaxin प्रभावी रूप से Sars-CoV2 के UK वेरिएंट को बेअसर करता है। ये वायरस से बचाव को मजबूत करता है। bioRxiv के रिव्यू में कंपनी के इस दावे को सही बताया गया है। bioRxiv को न्यूयॉर्क का नॉन प्रॉफिट रिसर्च इंस्टिट्यूटशन कोल्ड स्रिंग हार्बर लैब ऑपरेट करता है।”
लेकिन यह कितना असरदार है? इसी के बारे में रिपोर्ट में आगे बताया गया है –
“कोवैक्सीन का टेस्ट 26 लोगों पर किया गया और पाया गया है कि ये यूके स्ट्रेन पर प्रभावकारी है। कुछ दिनों पहले मशहूर साइंस जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक रिसर्च में बताया गया था कि ये वैक्सीन पहले फेज के ट्रायल में कोरोना के खिलाफ एंटी बॉडीज क्रिएट करती दिखी। साथ ही इसका कोई मेजर साइड इफेक्ट भी नहीं दिखाई दिया।”
इससे ये भी स्पष्ट हो चुका है कि COVAXIN से कोई विशेष साईड इफेक्ट नहीं होते। इसे अभी भारत निर्मित Astra Zeneca वैक्सीन के साथ देश के स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रथम चरण में दिया जा रहा है। ऐसे में ये कहना ग़लत नहीं होगा कि COVAXIN भारत के लिए एक दैवीय अवसर है – अपने आप को फिर से विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने के लिए।
लेकिन ये होगा कैसे? दुनिया भर में कई देश वैक्सीन निर्मित कर रहे हैं, लेकिन या तो वे पूरी तैयार नहीं है या वे इतने असरदार नहीं है। चीन के वैक्सीन की बात छोड़िए, फाइजर वैक्सीन तक संदेह के घेरे में आ चुकी है। ऐसे में COVAXIN दुनिया भर के देशों के लिए किसी वरदान से कम ना होगा, और ये उन लोगों के मुंह पर भी तमाचा होगा, जो भारत के वैक्सीन को हेय की दृष्टि से देखते आ रहे हैं।