तमिलनाडु कांग्रेस को ज्ञान देने चले थे चिदंबरम पुत्र कार्ति, अपने ही महासचिव ने लगा दी क्लास

कार्ति के साथ राहुल, प्रियंका पर भी इशारों में किया हमला, लगता है कांग्रेस के अंदर आ रही है जागृति

कार्ति

(pc- the hindu)

आगामी अप्रैल-मई में तमिलनाडु में विधानसभा चुनावों से पहले, कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई ने अंतरिम पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा कई नियुक्तियाँ की गई हैं। इनमें 32 उपाध्यक्ष, 57 महासचिव, 104 सचिव, 56 कार्यकारी समिति के सदस्य, 32 पदेन सदस्य, और 200 विषम अन्य सदस्य तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (TNCC) में नियुक्त किए गए हैं। ऐसी नियुक्तियों के बाद टीएनसीसी को उम्मीद थी कि वो एक सशक्त चुनावी प्रतिद्वंद्वी के रूप में सामने आएगा लेकिन पार्टी के अंदर से ही विभाजन के सुर उठने लगे हैं।

इस मसले पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे और शिवगंगा लोकसभा क्षेत्र के एक सांसद कार्ति चिदंबरम ने कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा की गई नियुक्तियों को बकवास बताया है। उन्होंने इस इन पर सवाल उठाते हुए ट्विटर पर कहा, ये जंबो समितियां अपने उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर सकती हैं, जब किसी के पास कोई अधिकार नहीं हैं तो फिर किसी की जवाबदेही भी क्या ही होगी।” अपने इस ट्वीट में कार्ति ने राहुल गांधी समेत प्रियंका गांधी और तमिलनाडु ईकाई के साथ ही केसी वेणुगोपाल के ट्विटर हैंडल को भी टैग किया है।

चिदंबरम के बेटे को हाल ही में महासचिव नियुक्त हुए के महेंद्रन ने लताड़ दिया। महेंद्रन ने अपने ट्वीट में कहा कि एनएसयूआई, महिला कांग्रेस और अनुसूचित जाति विभाग के अधिकारियों ने उन्हें तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी में शामिल किया है। वहीं उन्होंने कहा, “कुछ लोग अपने पिता की वजह से सांसद बन गए हैं, जिनकी अपनी कोई उपलब्धि नहीं है।” उन्होंने अपने इस बयान में सीधा ही कार्ति चिंदबरम पर निशाना साधा है। यह पहली बार नहीं कि किसी कांग्रेसी ने अपने सहयोगी पर परिवारवाद और भाई-भतीजावाद को लेकर इस तरह का गंभीर आरोप लगाया हो।

 

कार्ति चिदंबरम की एकमात्र उपलब्धि यही है कि वह पी चिदंबरम के बेटे हैं। महेन्द्रन ने इसी बात को पकड़ते हुए कार्ति चिदंबरम पर निशाना साधा है। खास और दिलचस्प बात यह भी है कि परिवारवाद को लेकर हमला बोलते हुए महेंद्रन अपने ट्वीट में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को भी टैग किया था। के महेंद्रन ने सीधा गांधी परिवार के इन सदस्यों को तो कुछ नहीं बोला लेकिन उनको टैग करके यह साबित कर दिया कि प्रियंका और राहुल की उपलब्धि भी केवल “गांधी” और परिवारवाद ही है, जो कि उन्हें अपने पिता राजीव गांधी से मिला है।

कार्ति चिदंबरम अपने पिता की बात को ही आगे बढ़ा रहे हैं, क्योंकि पूर्व वित्त मंत्री ने 23 असंतुष्ट पार्टी नेताओं को अपना सर्व-समर्थन दिया था, जिन्होंने सोनिया गांधी को पिछले साल कांग्रेस के भीतर सुधारों के लिए पत्र लिखा था। पी चिदंबरम ने आंतरिक चुनावों के लिए हर स्तर पर समर्थन किया था और कांग्रेस संसदीय बोर्ड के पुनर्गठन की भी मांग की थी।  तमिलनाडु विधानसभा चुनाव को लेकर होने वाले राज्य इकाई के बदलाव ने एक बार फिर कांग्रेस के अंदर बने गुटों और उनके असंतोष को उजागर कर दिया है जिसका मूल विरोध परिवारवाद है।

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