तमिलनाडु में BJP की एंट्री से खौफ में नास्तिक स्टालिन, अब हिन्दुत्व के पक्ष में कर रहे बयानबाजी

हिन्दू वोटरों की नाराजगी स्टालिन को पड़ सकती थी भारी!

स्टालिन

(pc- the hindu )

तमिलनाडु में डीएमके नेता स्टालिन अब अपनी राजनीतिक ज़मीन को खोता देख नीतियों में बदलाव कर रहे हैं और हिंदुओं का तुष्टीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। इसको लेकर बीजेपी नेता एल. मुरुगन ने स्टालिन पर हिंदुओं से झूठ बोलने के साथ ही उनकी नीतियों में दोगलेपन के होने की बात कही है। बीजेपी का तमिलनाडु में बढ़ता प्रभुत्व स्टालिन को डरा रहा है। इसीलिए हिंदुओं को भला बुरा कहने वाले स्टालिन अब मुरुगन की तस्वीर लगा कर हिंदुओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

बीजेपी ने तमिलनाडु में वेत्री यात्रा निकाली है, वो इसके जरिए तमिलनाडु में अपना जनाधार मजबूत करने की कोशिश में थी। ऐसे में इस यात्रा को एक बड़ा लाभ मिलने की संभावना है। जिसके बाद हाल ही चेन्नई में एक बैठक के दौरान स्टालिन को भगवान मुरुगन की प्रतिमा भेंट की गई थी। साफ है कि स्टालिन अब बीजेपी की उस यात्रा से घबरा चुके हैं। वहीं भगवान मुरुगन के जरिए बीजेपी अपने हिंदुत्व के एजेंडे को तमिलनाडु में बल दे रही है।

इस मामले में अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष एल. मुरुगन ने स्टालिन को घेर लिया है। उन्होंने स्टालिन के बदले हुए रुख को अपनी यात्रा की विजय माना है। उन्होंने कहा कि स्टालिन अब भगवान मुरुगन के जरिए हिंदुओं के तुष्टीकरण की नीति पर चल रहे हैं। कोयम्बटूर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जो स्टालिन कल तक वेत्री यात्रा निकालने के मुद्दे पर बीजेपी पर धार्मिक रणनीति अपनाने का आरोप लगाते थे, वही स्टालिन अब भगवान मुरुगन के जरिए हिंदू तुष्टीकरण की नई नीति पर काम कर रहे हैं।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने स्टालिन के दोगलेपन को लेकर कहा कि स्टालिन एक मंच पर हिंदुओं के खिलाफ बयानबाजी करते हैं और फिर उसी मंच पर खड़े होकर खुद को हिंदुओं का हितैषी बताते हैं। एल मुरुगन ने इस मुद्दे पर दोगलेपन को लेकर निशाना साधते हुए स्टालिन से पूछा है कि उन्हें इस दोहरे मापदंडों की अचानक आवश्यकता क्यों पड़ी है।

बीजेपी नेता ने अब इस मुद्दे पर कहा कि अब केवल बीजेपी ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जो कि तमिल अस्मिता बरकारार रखते हुए काम करने की मंशा रखती है। वहीं अब उन्होंने जल्द ही DMK  के नेतृत्व वाले गठबंधन के टूटने की भविष्यवाणी भी कर दी है। वो अपने AIADMK  के नेतृत्व वाले गठबंधन  की पुनः जीत का दावा कर रहे हैं।

बीजेपी ने हाल के वर्षों में दक्षिण भारत की राजनीति में अपने पांव पसारने की नीति के तहत तमिलनाडु में भी अभियान छेड़ रखा है। इस वर्ष के मध्य में ही तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अब बीजेपी नेता और गृहमंत्री अमित शाह चेन्नई के कई दौरे कर चुके हैं और हाल की बीजेपी की वेत्री यात्रा ने बीजेपी के लिए एक सकारात्मक माहौल बना दिया है। ऐसे में बीजेपी का बढ़ता जनधार स्टालिन को परेशान कर रहा है। इसीलिए अब उनके भाषणों में हिंन्दुओं के प्रति एक नरमी आई है और वो इस मुद्दे पर हिन्दुओं का हितैषी दिखने की पुरजोर कोशिश कर रहे है।

बीजेपी के हाल की दिनों की राजनीतिक सभाओं और हिन्दुत्व का मुद्दा उठाना स्टालिन को इतना मजबूर कर गया है कि वो अब खुद हिन्दुओं को सीरियस लेने लगे हैं जिसे बीजेपी की सफलता के रूप में ही देखा जा रहा है।

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