पूर्णकालिक इतिहासकार और पार्ट टाइम संगीतकार विशाल डडलानी ने अपना ही मजाक बनवा डाला

इनसे सीखिए अपना मजाक कैसे बनवाते हैं!

सही कहा है किसी ने, ‘जब नाश मनुज पर छाता है, विवेक पहले मर जाता है’। संगीतकार विशाल डडलानी एक बार फिर अपने बड़बोलेपन से सोशल मीडिया पर हंसी का पात्र बने हुए हैं, क्योंकि महोदय ने एक विषय पर इतने आत्मविश्वास के साथ झूठ बोला कि अब वे ट्विटर पर #DadlaniFacts के नाम से ट्रेंड कर रहे हैं।

परंतु विशाल डडलानी ने ऐसा भी क्या कहा, जिसके कारण सोशल मीडिया पर लोग जमकर उनकी खिल्ली उड़ा रहे हैं। दरअसल, सोनी एंटरटेनमेंट टीवी चैनल पर प्रसारित हो रहे इंडियन आइडल के 12 वें संस्करण का गणतंत्र दिवस स्पेशल एपिसोड था, जिसमें देशभक्ति से परिपूर्ण गीत गाए जा रहे थे। विशाल डडलानी इस शो में संगीतकार एवं गायक हिमेश रेशमिया और गायिका नेहा कक्कड़ के साथ निर्णायक दल का हिस्सा हैं। उन्होंने बड़े जोश के साथ दावा किया कि लता मंगेशकर का कर्णप्रिय गीत ‘ए मेरे वतन के लोगों’ प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के लिए 1947 में लिखा और गाया गया था।

इतने बेशर्मी से झूठ बोलना कोई विशाल डडलानी से सीखे। ‘ए मेरे वतन के लोगों’ लता मंगेशकर ने गाया जरूर था, लेकिन 1963 में, जब भारत चीन युद्ध के उपरांत देश के सैनिकों को सम्मानित करने के लिए एक समारोह हुआ था। इस गीत को कवि प्रदीप ने लिखा था, और इसे जवाहरलाल नेहरू के समक्ष गाया गया था, जो काफी भावुक भी हुए थे। लेकिन ये गीत न तो नेहरू को समर्पित था और न ही यह 1947 में गाया गया था।

बस फिर क्या था, लोगों ने ट्विटर पर विशाल डडलानी की जमकर खिंचाई की और उसके नाम से #DadlaniFacts नामक ट्रेंड से खूब मौज भी ली, जहां बेतुके तथ्यों को डडलानी द्वारा प्रमाणित बताया गया। एक यूजर ने ट्वीट किया, “नेहरू जी पहला सैटेलाइट प्रक्षेपित करते हुए। सौजन्य, विशाल डडलानी”।

https://twitter.com/indiantweeter/status/1353403044788989952

वहीं एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया, “अरे विशाल डडलानी भी, क्या बात कह दी। एक बार फिर से फैक्ट चेक कर लो, कहीं नेहरू जी ने खुद तो यह गाना नहीं गाया था 1947 में”।

अब इसस विशाल डडलानी कुछ ज्यादा ही भड़क गए। जनाब ने पहले तो अर्नब पर मुंबई पुलिस के खोखले दावे को भुनाने का प्रयास किया, परंतु जब इससे काम नहीं बना, तो मज़ाक उड़ाने वालों को बीजेपी के आईटी सेल का हिस्सा बताते हुए ट्वीट किया, “और भाजपा के फोकटिया 2 रुपये वाले ट्रोल, यह #DadlaniFacts करवा लो, अगर हो सके तो। अच्छा लगा, मैं अच्छे वाले रीट्वीट भी करूंगा, आओ!” 

लेकिन ट्विटर ऐसे लोगों को सस्ते में थोड़ी न जाने देता। उन्होंने #DadlaniFacts के नाम से एक से बढ़कर एक मजेदार ट्वीट निकाले। उदाहरण के लिए INFERNO नामक एक यूजर ने ट्वीट किया, “शीला की जवानी एक इतालवी गाने का भारतीय संस्करण है, जो राजीव गांधी ने इटली के एक बार में सुना था”।

https://twitter.com/TheAngryLord/status/1353408381168443392?s=20

वहीं दूसरी ओर Sanatanify नामक यूजर ने ट्वीट किया, ‘वायनाड से चुनाव लड़ने के उपलक्ष्य में 2019 में विशाल डडलानी ने शैतान का साला गाया था’।

https://twitter.com/sanatanify/status/1353427724749037568?s=20

सेलर नामक एक यूजर ने तो यहाँ तक ट्वीट किया, “नेहरू के लिए अल्ताफ राजा ने तुम तो ठहरे परदेसी गाया था, जब एडविना ने स्वतंत्रता के पश्चात भारत छोड़ने का निर्णय लिया”।

इससे पहले भी विशाल डडलानी ने इस प्रकार से भ्रामक तथ्यों का प्रचार किया है। 2019 में जब इनके एक गाने का रीमेक बना, तो उन्होंने रीमेक बनाने वालों को और गाने उठाने की चुनौती दे दी, लेकिन सोशल मीडिया ने जल्द ही उनके इस झूठ का पर्दाफाश किया, जब विशाल शेखर द्वारा कई विदेशी गानों की चोरी को पकड़ा गया, और उनकी चोरी को उजागर किया गया। इस बार विशाल डडलानी अपने ही झूठ के जाल में फंस चुके हैं, और जनता भी अब मौके पर चौका लगा रही है।

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