भारत में जहां कोरोनावायरस की स्वदेशी वैक्सीन Covaxin को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं तो दूसरी ओर इसको लेकर भारत में राजनेताओं और तथाकथित बुद्धिजीवियों द्वारा सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इन सबसे इतर भारत में सरकार द्वारा इसे आपातकालीन प्रयोग के लिए अनुमति दी जा चुकी है। ऐसे ही विवादों के बीच ब्रिटिश स्वास्थ्य से जुड़ी मैग्जीन लैनसेट ने इस वैक्सीन को लेकर जो कहा है, उससे देश के लोगों का सीना गर्व से ऊंचा हो गया है क्योंकि भारत की ये वैक्सीन साइड इफेक्ट रहित मानी गई है।
भारतीय वैक्सीन के असर को लेकर लगातार सवालों की बौछार हो रही है। वैक्सीन के डेटा को लेकर ऐसे बेहूदे तर्क दिए जा रहे है जो कि कुतर्क से ज्यादा और कुछ नहीं है। भारत में सरकार को इस वैक्सीन को मंजूरी देने के मुद्दे पर भी खूब घेरा जा रहा है, लेकिन भारत सरकार ने ये सारी बातें नजरंदाज करते हुए देश हित में बेहतरीन फैसला लिया है और ये बात कोई हवा-हवाई नहीं है क्योंकि ब्रिटिश स्वास्थ्य मैग्जीन लैनसेट ने इसके पीछे बेहतरीन तर्क दे दिए हैं।
लैनसेट ने अपनी स्टडी के अनुसार एक रिपोर्ट पब्लिश की है, और बताया है कि भारत की Covaxin पूरी दुनिया में सबसे बेहतरीन है। इस वैक्सीन को लेकर कहा गया, ‘वैक्सीन के लोगो ने vaccine के प्रति अच्छा रिस्पोंस दिया है। साथ ही बताया जा रहा है कि इसके कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं हैं।’ मैग्जीन में कहा गया, ‘जो साइड इफेक्ट्स दिखे उसमें हल्का बुखार सिर दर्द और इंजेक्शन लगने की जगह होने वाला दर्द ही था और शेष ये वैक्सीन प्रत्येक उम्र के व्यक्ति के लिए सकारात्मक परिणाम ही लेकर आई है और इसे 2-8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जा सकता है।’
मैग्जीन में बताया गया है कि ये वैक्सीन सहजता के साथ शरीर में एंटीबॉडीज बना पा रही है, जो कि इसके असरदार होने का प्रमाण है। खबरों के मुताबिक ये टेस्ट करीब 827 लोगों पर किया गया था और फिलहाल सभी स्वस्थ हैं जो इस बात का प्रमाण है कि भारत की ये वैक्सीन विश्व स्तरीय है। इसका पूरा निर्माण और उत्पादन भारत में ही हुआ है। इसके चलते इस वैक्सीन की काफी आलोचना हो रही थी, साथ ही जब वैक्सीन को आपातकालीन प्रयोग को अनुमति मिली थी, तब तो देश के कुछ खास वर्ग और राजनीतिक पार्टियों के लोगों ने भारत बायोटेक की इस वैक्सीन के खिलाफ पूरा नकारात्मक कैंपेन किया है।
भारत बायोटेक के एमडी कृष्णा एला ने अपनी मेहनत से बनाई हुई वैक्सीन की आलोचनाओं पर काफी सफाईयां दी थीं, लेकिन उस वक्त उनकी बातों का किसी ने भी विश्वास नहीं किया था, लेकिन अब ब्रिटेन की प्रतिष्ठित स्वास्थ्य मैग्जीन ने इस मामले में Covaxin की प्रशंसा कर बता दिया है कि असल में भारत की ये वैक्सीन कितनी ज्यादा प्रभावी और शानदार है जो किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स से रहित है।
भारत बायोटेक ने कोई पहली बार वैक्सीन नहीं बनाई है, इससे पहले भी कंपनी ने कई वैक्सीन बनाई हैं इसमें इबोला जैसे खतरनाक वायरस की वैक्सीन भी है। इसलिए इस कंपनी को भारतीय होने के कारण भारत के लोग ‘घर की मुर्गी दाल बराबर’ की तरह ही ट्रीट कर रहे हैं और उसके असरदार होने की आलोचना कर रहे है जबकि विश्व के लगभग सभी देश भारत की इस कंपनी की, और इसकी वैक्सीन की तारीफ कर रहे हैं। इतने कम समय में भारत बायोटेक ने वैक्सीन बनाने का कमाल किया है और अब बिना किसी साइड इफेक्ट्स इस वैक्सीन का असरदार होना पूरे देश के लिए एक गौरवान्वित करने वाली बात है।