फेसबुक डाटा चोरी मामले में सीबीआई ने कैंब्रिज एनालिटिका के खिलाफ जांच शुरू कर दी है

अब आयेगा ऊंट पहाड़ के नीचे!

सीबीआई

PC: barandbench

पूरी दुनिया में सोशल मीडिया को लेकर कोई न कोई विवाद चल रहा है और इसकी शुरुआत डोनाल्ड ट्रम्प के अकाउंट को बंद किये जाने के बाद से हुई है। भारत  में भी व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर विवाद चल रहा है। इस मामले के बाद से भारत सरकार भारतीय नागरिकों की निजता के अधिकार को लेकर और सतर्क हो गयी है। इस बीच भारत की एक बड़ी जांच एजेंसी ने फेसबुक यूजर्स के डाटा लीक वाले मामले में कैंब्रिज एनालिटिका के खिलाफ अपनी जांच शुरू कर दी है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि इस बार फेसबुक का सामना सीधे भारत की बड़ी एजेंसी से होगा।

दरअसल, ब्रिटेन स्थित पॉलिटिकल कंसल्टिंग कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका पर डेटा चोरी के आरोप के बाद केंद्र सरकार ने इसकी जांच सीबीआई को सौंपी थी। अब सीबीआई ने कैंब्रिज एनालिटिका के खिलाफ भारत के 5.62 लाख फेसबुक यूजर्स के डाटा को लीक करने के मामले में FIR दर्ज किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसी मामले में ब्रिटेन से बाहर स्थित एक दूसरी फर्म Global Science Research (GSRL) का नाम भी शामिल था और इस फर्म का नाम भी एफआईआर में शामिल किया गया है।

इस मामले में सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि ग्लोबल साइंस रिसर्च के एक रिसर्चर Aleksander Kogan ने This is your digital Life नाम से एक ऐप बनाया था। 2014 में इस ऐप को फेसबुक ने अपने यूजर्स के विशेष डेटासेट के शोध एवं अकादमिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने का अधिकार दिया था। इसके बाद ग्लोबल साइंस रिसर्च ने कैंब्रिज ऐनालिटिका के साथ साजिश रची और उसे इस डेटा को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी।

सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, फेसबुक ने 2016-17 में दोनों कंपनियों से सर्टिफिकेट्स प्राप्त किए थे कि This is your digital Life’ का इस्तेमाल करते हुए उनकी ओर से एकत्रित आंकड़ों को सहेजने के बाद उन्हें नष्ट कर दिया जाएगा परंतु, ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद कंसल्टिंग फर्म ने भारत में चुनावों को प्रभावित करने के लिए डेटा का इस्तेमाल किया था। सीबीआई ने FIR में कहा है कि ‘‘जांच में प्रथम दृष्टया साबित हुआ कि Global Science Research, ब्रिटेन ने बेईमानी और धोखाधड़ी से ‘This is your digital Lifeके ऐप उपयोगकर्ताओं और उनके फेसबुक फ्रेंड्स के डेटा प्राप्त किए।’’

हाल ही में भारत सरकार ने whatsapp, ट्विटर और फेसबुक को उनकी नीतियों को लेकर संसदीय समिति ने तलब भी किया था। संसदीय समिति ने सोशल मीडिया के बड़े मंचों को कुछ सवालों के जवाब देने होंगे साथ ही उनकी नीतियों को लेकर भी चर्चा होगी। इस बीच भारत के यूजर्स के निजता के अधिकार की सुरक्षा को देखते हुए सीबीआई द्वारा दायर किये मामले ने सरकार की डेटा की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता को जाहिर करता है। स्पष्ट है कोई भी कंपनी भारत के हितों के खिलाफ जाएगी तो उन्हें उसके परिणाम भुगतने होंगे।

बता दें कि कैंब्रिज एनालिटिका के अवैध कार्यो का खुलासा उसके ही एक कर्मचारी ने किया था और बताया था कि यह कंपनी गलत ढंग से इंटरनेट यूजर्स का डाटा चोरी करती है और उनकी गोपनियता का उल्लंघन करती है। उस समय इस मामले ने खूब तूल पकड़ा था और मामले पर संज्ञान लेते हुए ही केंद्र सरकार ने मामले की कमान सीबीआई को सौंपी थी। अब इस मामले में आगे की कार्रवाई में सीबीआई एक्शन भी ले सकती है। इसके साथ ही फेसबुक की जवाबदेही भी तय की जा सकती है।

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