तमिलनाडु में ईसाई धर्म के प्रचारक के नाम पर भ्रष्टाचार और असमाजिक गतिविधियों समेत टैक्स की चोरी को लेकर आयकर विभाग अब पॉल दिनाकरन के खिलाफ काफी सख्त हो गया है। इस मामले में अब आयकर विभाग ने 28 ठिकानों पर छापेमारी की है। छापेमारी के प्रमुख स्थानों में करुणा प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान और यीशु कॉल्स मंत्रालय भी शामिल है। दिनाकरन के ये सभी संगठन क्रिश्चियन मिशनरी के जरिए कन्वर्जन समेत अपने बाबागिरी का गोरखधंधा चलाते हैं।
खबरों के मुताबिक आयकर विभाग ने लंबे वक्त से टैक्स की चोरी को लेकर चल रहे मामले में आज तमिलनाडु के चेन्नई में आयकर विभाग की कई इलाको में छापेमारी चल रही है। यह छापेमारी चेन्नई, कोएंबटूर सहित 28 इलाकों पर आयकर विभाग की छापेमारी की है जिसको लेकर बाद में आय-कर विभाग द्वारा विवरण भी दिया जाएगा। ये छापेमारी पॉल दिनकरन की क्रिश्चियन मशीनरी जीसस कॉल्स से जुड़े ठिकानों पर भी हो रही है।
खास बात ये है कि आयकर विभाग को खबर लगी थी कि टैक्स चोरी और विदेशी फंडिंग में अनियमितता यहां काफी बढ़ गई है, जिसके बाद आयकर विभाग ने यह छापेमारी शुरू की है, जो कि काफी समय से आवश्यक थी। टैक्स की चोरी तो एक बड़ा मुद्दा है ही। साथ ही मुख्य बात ये भी है कि दिनाकरन को विदेशी फंडिंग की भी बात सामने आई थी। शक है कि जीसस कॉल्स ने विदेश से मिलने वाली फंडिंग की सही जानकारी नहीं दी है, और फंडिग को सार्वजनिक नहीं किया है। आयकर विभाग के एक अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि जब छापेमारी खत्म होगी तो हमे टैक्स चोरी से जुड़े दस्तावेज मिलेंगे।
दिनाकरन खुद को ईसाई धर्म का प्रचारक मानते हैं। उनका कहना है कि उन्हें क्राइस्ट की दैवीय शक्तियां अपने पिता से विरासत में मिली हैं, जिनके दम पर वो प्रार्थनाओं के जरिए लोगों के रोग, गरीबी, बेरोज़गारी और किस्म-किस्म के मानसिक दर्द दूर करते हैं। इन पर आरोप हैं कि ये शख्स ईसाई धर्म के प्रचार के नाम पर अपनी अलग-अलग संस्थाओं के जरिए गरीब और पिछड़े तबके के लोगों का धर्म परिवार करवाता है।
पॉल दिनाकरन पॉल बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं, जिनका मानना है कि वो लोंगों पर कृपा बरसा सकते हैं। वो अपने प्रीपेड कार्ड के दरिए लोगों को अपनी प्रार्थनाएं मोटी रकम पर बेचते हैं। साथ ही प्रार्थना में शामिल होने वाले लोंगों से भी पॉल के लोगों द्वारा एक बड़ी फीस वसूली जाती है। इनका मानना है इनके पास ईशू की कृपा के जरिए प्रत्येक समस्या का हल है। इन्हें लगता है कि भगवान इनके जरिए ही आम इंसानों से अपनी बात कहते है, जो असल में बेबुनियाद बात ही है।
उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर भी कुछ बेहद अजीब भविष्यवाणियां की थी, बाद में सभी झूठ साबित हुई थी। दिनाकरन और निर्मल बाबा जैसे लोग अपने ज्ञान का गलत तरीके से फायदा उठार खुद को गरीबों की नजरों में भगवान बना देतें हैं और फिर जब लोगों को उनके प्रति अंधविश्वास हो जाता है तो उनसे अनाप-शनाप पैसा वसूलते हैं, लेकिन इस बार दिनाकरन इनकम टैक्स के निशाने पर भी आ गए हैं और अब वो इनके सारे गोरखधंधों का खुलासा करेगा, जिससे पॉल बाबा की नौटंकियां उनके अंधभक्तों के सामने आएगी।