‘किसान आंदोलन’ के नाम पर अराजकतावादियों ने उत्पात मचा के रखा है, और उनके प्रमुख निशाने पर रिलायंस समूह के जिओ टावर है। अब तक पंजाब में 1500 से ज्यादा टावर ध्वस्त किए जा चुके हैं, और कंपनी के कई कस्टमर विरोध स्वरूप अन्य नेटवर्क पर भी शिफ्ट हो चुके हैं।
लेकिन रिलायंस वो कंपनी है, जो आपदा को भी अपने लिए अवसर में बदल दे। इसी दिशा में अहम कदम बढ़ाते हुए जिओ कंपनी ने IUC यानि Interconnected User Charges के हटते ही किसी भी नेटवर्क को किए जाने वाले डोमेस्टिक कॉल को मुफ़्त घोषित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद कुछ समय के लिए IUC अनिवार्य हो गया था, जिसके कारण रिलायंस जिओ को अपने कॉल के दाम भी बढ़ाने पड़े थे।
लेकिन TRAI यानि Telecom Regulatory Authority of India ने ये अधिनियम जब से वापिस लिया है, तब से रिलायंस ने इस निर्णय को अपने लिए अवसर बनाते हुए दोबारा कॉम्पिटिशन में सक्रिय होने का निर्णय लिया है।
कंपनी के आधिकारिक निर्णय के अनुसार, “जैसे ही ऑफ नेट डोमेस्टिक वॉयस कॉल पर लगने वाले IUC चार्ज शून्य हो जाएंगे, जिओ एक बार फिर ऑफ नेट डोमेस्टिक कॉल मुफ़्त कर देगी, और इसकी शुरुआत 1 जनवरी 2021 से होगी। साथ ही ऑन नेट डोमेस्टिक वॉयस कॉल जिओ नेटवर्क पर सदैव फ्री रही हैं”
जिओ ने आगे बताया, “2019 में जब ट्राई ग्रुप ने ‘बिल एंड कीप’ नीति को 1 जनवरी 2020 के आगे भी जारी रखा, तो कंपनी के पास ऑफ नेट डोमेस्टिक कॉल के लिए चार्ज लगाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था। जिओ ने अपने उपभोक्ताओं से वादा किया था कि जब TRAI इस नीति को वापिस ले लेगा, तो ये शुल्क भी हट जाएगा, और ऐसा ही हमने किया भी” –
अगर मार्केट में हिस्सेदारी की बात की जाए, तो जिओ दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी है, जिसके करीब 40 करोड़ उपभोक्ता हैं और 35 प्रतिशत मार्केट शेयर भी है। उनके बाद नंबर आता है सुनील ‘भारती’ मित्तल के नेतृत्व वाले एयरटेल का, जिसके 33 करोड़ उपभोक्ता हैं, और 29 प्रतिशत की मार्केट हिस्सेदारी है।
इनके बाद नंबर आता है वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का, जिसकी मार्केट में लगभग 25.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके अलावा सरकारी कंपनी बीएसएनएल के करीब 12 करोड़ उपभोक्ता हैं और 10 प्रतिशत मार्केट शेयर है।
ऐसे में जिओ और एयरटेल में ही कोई प्रतिस्पर्धा हो सकती है। मार्केट में बीएसएनएल और MTNL जैसी कंपनियां इसलिए भी सक्रिय है ताकि निजी कंपनियां कंज्यूमर के साथ धोखा न करे। लेकिन इस क्षेत्र में जिओ फिलहाल एक अग्रणी कंपनी है, जो चुनौतियों से मुंह नहीं मोड़ता, बल्कि उनका डटकर सामना भी करता है। ऐसे में पंजाब के जिन उपभोक्ताओं ने अंधविरोध में जिओ को लात मारने की जुर्रत की है, अंत में वही हाथ मसोसते हुए पाए जाएंगे।