बाइडन प्रशासन के सत्ता संभालते ही चीन अमेरिका और उसके साथियों के खिलाफ बेहद कड़ा रुख अपना चुका है। उदाहरण के लिए चीन लगातार बेहद आक्रामकता के साथ ताइवान के एयरस्पेस का उल्लंघन कर रहा है। बाइडन के सत्ता में आते ही तीसरे दिन जहां चीन ने अपने 8 बॉम्बर जेट्स और 4 फाइटर जेट्स को ताइवान के एयरस्पेस में भेजा तो वहीं चौथे दिन चीन ने अपने करीब 16 फाइटर जेट्स को ताइवान के एयरस्पेस में भेजकर ताइवान और उसके साथियों को कड़ा संदेश दिया।
यह सब तब किया गया जब अमेरिकी प्रशासन ने 23 जनवरी को ही चीन को धमकी जारी करते हुए कहा था कि चीन को ताइवान के खिलाफ तुरंत अपनी कूटनीतिक और सैन्य आक्रामकता को रोककर उसके साथ बातचीत के रास्ते को अपनाना चाहिए! बाइडन प्रशासन की धमकी का कोई असर ना होने के बाद अब ताइवान के उप-राष्ट्रपति ने ट्वीट कर भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से उसकी सहायता करने की अपील की है।
ट्रम्प प्रशासन के आखिरी दिनों में अमेरिका ने ताइवान मुद्दे पर चीन के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया हुआ था। ऑफिस छोड़ने से एक हफ्ता पहले ही माइक पोम्पियो ने अमेरिकी और ताईवानी अधिकारियों के बीच संवाद को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी राजनयिकों के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए थे, जिसका चीन ने पुरजोर विरोध किया था।
अब चूंकि, चीन बाइडन प्रशासन के शुरुआती दिनों में ही ताइवान मुद्दे पर फ्रंट-फुट पर खेलना चाहता है, ऐसे में वह लगातार ताइवान के खिलाफ आक्रामकता दिखा रहा है। शनिवार को जब ताइवान के खिलाफ चीनी आक्रामकता के बाद अमेरिका ने अपनी चिंता जताई, तो रविवार को दोबारा चीन ने ताइवान की ओर और ज़्यादा फाइटर जेट्स को भेजा! अमेरिका में बाइडन प्रशासन अब कमजोर स्थिति में आ चुका है और इसी कारण से अब ताइवान का अमेरिका पर भरोसा भी कम होता जा रहा है। ताइवान अब चाहता है कि अमेरिका के साथ ही अन्य बड़ी शक्तियाँ भी उसके हित को लेकर बात करें!
ताइवान के उप-राष्ट्रपति लाई चिंग ने एक ट्वीट कर कहा “ताइवान और जापान में बहुत सारी समानताएँ हैं। हम दोनों साथ मिलकर सिर्फ भूकंप के झटके ही नहीं सहते हैं, बल्कि अधियानकवादी शक्तियों द्वारा दिये गए आर्थिक और भू-राजनीतिक झटके भी सहते हैं। भारत, ऑस्ट्रेलिया, पलाऊ और अन्य क्षेत्रीय ताकतों की तरह ही जापान भी ताइवान का एक मजबूत साथी है। दोस्तों को एक दूसरों की सहायता करने की आवश्यकता है।”
Taiwan and Japan have much in common. We not only suffer earthquakes often, we also face economic and geopolitical threats from a totalitarian power. Like #India, #Australia, #Palau, and other regional partners, #Japan is a solid friend. Friends need to help each other.
— 賴清德Lai Ching-te (@ChingteLai) January 24, 2021
बाइडन प्रशासन ने चीनी आक्रामकता के बाद जिस प्रकार अपने एक एयरक्राफ्ट कैरियर को चीनी जलसीमा के पास भेजा और जिस प्रकार अमेरिका ने ताइवान के मुद्दे पर चीन के खिलाफ एक धमकी जारी की, उसके बाद भी चीन के कान पर कोई जूँ नहीं रेंगी। ऐसा प्रतीत होता है कि चीन बाइडन प्रशासन को लेकर आत्मविश्वास से भरा है कि वह तो चीन के खिलाफ कोई बड़ा कदम चल ही नहीं सकता! ऐसे में ताइवान भी अब अमेरिका का भरोसा खोता जा रहा है।
ट्रम्प प्रशासन ने ताइवान को चीन के खिलाफ एक ट्रम्प कार्ड बना लिया था, लेकिन बाइडन शायद ही ऐसा कर पाएँ!