कहते हैं कि एक गलत काम सौ दिखावे के अच्छे कामों पर पानी फेर देता हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। भाजपा जिस तरह से पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के लिए अपना कैंपेन चला रही है, वो ममता दीदी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा था। इसको देखते हुए मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप झेल रहीं ममता दीदी ने हिंदुओं को लुभाने के लिए अनेकों फैसले कर डाले, लेकिन पीएम मोदी के कार्यक्रम में ‘जय श्री राम’ के नारे का विरोध कर ममता दीदी ने अपने सारे चुनावी एजेंडे पर पानी फेर दिया है।
ममता दीदी पर आरोप लगते हैं कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति ही की है। ममता पर बीजेपी के ये राजनीतिक हमले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पर बंगाल में हुए हमले के बाद और ज्यादा बढ़ गए थे। बीजेपी जहां अपना वोट बैंक मजबूत कर रही है। इसको देखते हुए ममता दीदी ने हिंदुओ को लुभाने के लिए मटुआ समुदाय और दलितों को जमीन देने से लेकर उन्हें बंगाल में स्थाई नागरिक बनाने तक का ऐलान कर दिया था। उन्होंने ये तय किया था कि 14वीं शताब्दी में क्षतिग्रस्त हुए मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए सरकार द्वारा सर्वधर्म समभाव के तहत पैसा भी दिया जाएगा।
मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप ममता बनर्जी पर इतने बुरे लग चुके हैं कि उन्होंने पिछले तीन महीनों में वो सबकुछ कर डाला जो पिछले 10 वर्षों में कभी नहीं करा था। हाल ही में ममता दीदी ने प्रदेश के 8 हजार ब्राह्मणों को प्रतिमाह 1,000 रुपए देने के साथ ही उन्हें बांग्ला आवास योजना के तहत स्थाई आवास देने का ऐलान भी किया था। उन्होंने इसे सम्मान स्वरूप दी जाने वाली राशि बताया था। ये सभी पिछले दो महीने के वो ऐलान हैं वो जो इस बात को साबित कर रहे हैं कि राज्य में हिंदुओं को लुभाने के लिए ममता दीदी अपनी हर एक चाल चल रही हैं। इसीलिए ब्राह्मण, दलित, आदिवासी से लेकर सभी हिंदू समुदाय के लोगों को उन्होनें अपने चुनावी एजेंडे में शामिल किया था।
ममता बनर्जी को सभी लोग अच्छे से जानते हैं कि उन्होंने ये जो भी ऐलान किए, सब कुछ केवल और केवल हिंदू तुष्टीकरण की ओर इशारा करते हैं, लेकिन ममता दीदी की एक गलती उनके सारे दिखावे के कामों पर भारी पड़ गई हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती पर बंगाल में आयोजित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में जब कुछ बीजेपी के समर्थकों ने ‘जय श्री राम’ का जय घोष किया तो ममता दीदी भड़क गईं, उन्होनें इसे अपना अपमान बता दिया और फिर वो बिना अपना संबोधन दिए मंच से नीचे उतर आईं। ममता दीदी का PM के कार्यक्रम में भगवान राम के नारे को लेकर घृणा जाहिर करना उनके लिए नुकसानदायक साबित होने वाला है, क्योंकि उनके इस कृत्य ने सभी हिंदुओं को काफी नाराज़ कर दिया है।
ममता बनर्जी लंबे वक्त से हिंदुओं को लुभाने की नीति पर काम कर रही थीं, लेकिन पीएम मोदी के कार्यक्रम में जिस तरह से जय श्री राम के नारे को अपमान बताकर भगवान श्रीराम का अपमान किया है, उससे पूरा हिंदू समुदाय उनके खिलाफ जा सकता है और आगामी विधानसभा चुनाव में इसका असर भी दिख सकता है। इसीलिए ये कहना कतई गलत न होगा कि ममता दीदी ने हिंदुओँ को लुभाने की सौ दिखावे की कोशिशों में अपनी एक गलती से उन्हें नाराज कर दिया है।