‘मेरे खिलाफ कार्रवाई करना किसानों के साथ अन्याय है’, देश के तथाकथित गरीब किसान रॉबर्ट वाड्रा का छलका दर्द

वाड्रा इस रोने गाने से कुछ नहीं होने वाला

वाड्रा

PC: Daily Excelsior

कांग्रेसी नेहरू-गांधी परिवार के दामाद राबर्ट वाड्रा इनकम टैक्स के रडार में आ चुके हैैं। पहले तो उन्होंने नोटिस मिलने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं दिया और जब आयकर विभाग उनके दर पर पहुंच गया, तो उनका अलग ही रंग देखने को मिला। उनका कहना है कि किसान आंदोलन से ध्यान भटकाने के लिए ही केन्द्रीय संस्थाओं द्वारा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है, जबकि असल बात तो ये है आयकर विभाग से लेकर ईडी और सीबीआई उनसे जो भी पूछताछ करती है उसमें किसानों का ही भला होता है।

दरअसल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें फिर से बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को 8 घंटे की पूछताछ के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने मंगलवार को भी उनसे लंबी पूछताछ की है। ये पूछताछ उनके साउथ ईस्ट दिल्ली स्थित सुखदेव विहार वाले दफ्तर पर छापा मार कर की गई थी और रॉबर्ट वाड्रा के बयान लिए गए हैं। दिलचस्प बात ये है कि राबर्ट वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। आयकर विभाग ने रॉबर्ट वाड्रा को नोटिस भेजा था, लेकिन वह कोरोना महामारी के कारण आयकर विभाग की जांच में शामिल नहीं हो पाए थे। इसके बाद आयकर विभाग के अधिकारी उनके ऑफिस पहुंच गए और छापेमारी करते हुए बयान दर्ज किया।

जब इंसान राजनीतिक परिवार से जुड़ जाता है तो थोड़ी-बहुत राजनीतिक नौटंकियां तो सीख ही लेता है। राबर्ट वाड्रा का भी कुछ ऐसा ही है क्योंकि अपने ऊपर लगे आरोपों और उन पर हो रही कार्रवाइयों से बचने के लिए अब वो किसानों का नाम ले रहे हैं। उन्होंने कहा,किसानों के आंदोलन से ध्यान भटकाने के लिए मुझ पर ये कार्रवाई की जा रही है। प्रियंका हमेशा किसानों को लेकर बोलती है, इसलिए राजनीतिक बदले की भावना से ये सब हो रहा है। मैंने इनकम टैक्स के सभी सवालों के जवाब दिए हैं। आगे भी अगर वो कुछ जानना  चाहेंगे तो मैं पूछताछ के लिए तैयार हूं।”

राबर्ट वाड्रा अगर किसानों को लेकर इतने ही चिंतित हैं तो ये फिजूल की बातें क्यों कर रहे हैं? किसान अपना आंदोलन कर रहे हैं उसमें वाड्रा की क्या भूमिका है… या वो इस देश के सबसे गरीब किसानों की सूची में आते है? क्योंकि उन पर आरोप तो ऐसे ही हैं कि उन्होंने देश के किसानों का खूब खून चूसा है और उनके पास खेती की जमीन का भी एक बड़ा हिस्सा है। गुड़गांव के मानेसर से लेकर बीकानेर के जमीन घोटालों के आरोपों में राबर्ट वाड्रा का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है जिसके चलते बीजेपी उन्हें लगातार घेरती रहती है। उनके ऊपर तो ये आरोप भी हैं कि वो कांग्रेस की हरियाणा सरकार से मदद लेकर किसानों की जमीनें खरीदतें थे और उसके तुरन्त बाद ही उस जमीन के दाम बढ़ जाते थे, और किसानों को सबसे बुरी चपत लगती थी।

ऐसे में यदि देश का तथाकथित सबसे गरीब किसान रॉबर्ट वाड्रा अपने ऊपर हो रही कार्रवाई को अन्याय बता रहा है तो ये बेबुनियाद ही है क्योंकि उसके ऊपर कार्रवाई से लाखों किसानों का भला हो सकता है। इसीलिए ये आरोप भी लगते है कि किसानों का जितना ज्यादा नुकसान गांधी परिवार के दामाद राबर्ट वाड्रा ने किया है; उतना तो किसी ने नहीं किया। इसलिए आयकर विभाग से लेकर ईडी और सीबीआई और सभी केंद्रीय जांच एजेंसियां राबर्ट वाड्रा पर कार्रवाई करके एक तरह से किसानों का भला करने की प्लानिंग कर रहे हैं, जो कि समय की मांग भी है।

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