कुछ ही महीनों पहले Securities and Exchange Board of India यानि SEBI ने एक अहम निर्णय में एनडीटीवी के स्वामी प्रणॉय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के विरुद्ध शेयर फ्रॉड में भागीदारी करने के लिए Securities Trading से दो वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। अब इसी दिशा में एक अहम निर्णय में SEBI द्वारा गठित Securities Appellate Tribunal [SAT] ने प्रणॉय रॉय को जुर्माने के अंतर्गत 50 प्रतिशत रकम को 4 हफ्तों के अंतर्गत चुकाने का निर्देश दिया गया है।
दरअसल, प्रणॉय रॉय और राधिका रॉय ने नवंबर में SEBI द्वारा पारित एक ऑर्डर के विरुद्ध Securities Appellate Tribunal में अपील दायर की थी। नवंबर में वर्षों पुराने Securities trading में की गई धांधली के आरोप में प्रणॉय रॉय और राधिका रॉय को SEBI ने 2 वर्ष के लिए किसी भी प्रकार के शेयर में डील करने से मना कर दिया था। इसके अलावा धाँधलेबाज़ी में जो 16.97 करोड़ रुपये का लाभ इन दोनों ने प्राप्त किया था, उसे भी चुकाने को कहा गया।
इसके विरुद्ध अपील की गई थी, जिसे SAT ने ठुकरा दिया। लेकिन बात यहीं पर नहीं रुकी। SAT ने ये भी निर्देश दिया कि जुर्माने की रकम यानि 16.97 करोड़ रुपये में से 50 प्रतिशत रकम, यानि लगभग 8.5 करोड़ रुपये को चार हफ्तों के अंतर्गत चुकाने का निर्देश दिया है। हालांकि, ऐसा न किये जाने की स्थिति में क्या होगा, इस पर SAT ने कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए हैं, परंतु चार हफ्तों की समय सीमा में यदि एनडीटीवी ने पैसा नहीं चुकाया, तो SAT आगे भी इन दोनों पर कार्रवाई कर सकता है।
ये पहली बार नहीं है जब SEBI ने धाँधलेबाज़ी के लिए एनडीटीवी को लपेटे में लिया हो। दिसंबर में प्रकाशित बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, “Securities and Exchange Board of India ने कुल मिलाकर NDTV के शेयरधारकों से आवश्यक जानकारी छुपाने हेतु एनडीटीवी के तीनों प्रोमोटर प्रणॉय रॉय, राधिका रॉय और RRPR होल्डिंग लिमिटेड पर 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।”
पर ये जुर्माना क्यों लगाया गया है? NDTV के प्रोमोटर RRPR Holding Limited ने 2008 में ICICI Bank से एक लोन के संबंध में समझौता किया था। रिपोर्ट में आगे बताया गया, “रॉय ने Section 12A of the SEBI Act एवं SEBI के Prohibition of Fraudulent Trade Practices relating to Securities Market Regulations, 2003 (PFUTP Regulations) का उल्लंघन करते हुए तीन लोन समझौतों के बारे में आवश्यक जानकारी अपने शेयरधारकों के साथ साझा नहीं की”।
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि रॉय दंपति को SAT ने जुर्माने की आधी रकम महीने भर के अंदर अंदर चुकाने की बात कर ये स्पष्ट किया है कि कानून से ऊपर कोई भी नहीं हो सकता, और अब एनडीटीवी के लिए यह तो बस शुरुआत है।