शशि थरूर के बिगड़े बोल, आधे से ज्यादा भारत को बताया अनपढ़ और जाहिल

'महाशय' के अनुसार सिर्फ वही लोग हैं पढे लिखे, जो करते हैं कांग्रेस को वोट

शशि

(pc -theprint )

जैसे राहुल गांधी और विवादों में चोली दामन का नाता रहा है, ठीक वैसे ही कांग्रेस के स्टार प्रवक्ता और सांसद शशि थरूर का विवादों से काफी गहरा नाता है। हर समय लाईमलाइट के भूखे शशि थरूर ने एक बार फिर अपना मानसिक दिवालियापन जगजाहिर करते हुए आधे से ज्यादा भारत पर अनपढ़ और छुआछूत को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है, सिर्फ इसलिए क्योंकि वह भाजपा के लिए वोट करते हैं।

शशि थरूर ने कुछ दिनों पहले एक विवादित ट्वीट में कुछ फोटो के साथ पोस्ट किया था, “हाँ, मुझे एलीट होने के लिए चिढ़ाया जाएगा और मेरे विचारों का मज़ाक उड़ाया जाएगा, परंतु क्या यह संयोग नहीं है कि जो राज्य जितना छुआछूत को बढ़ावा देता है, जिस राज्य में जितने लोग कम साक्षर हैं, जहां सामाजिक विकास कम हुआ है, वही अधिकतर भाजपा को वोट देते हैं?” –

हालांकि, यह कोई हैरानी की बात नहीं है, क्योंकि ये वही शशि थरूर हैं, जो भारत को सिर्फ इसलिए ‘हिन्दू पाकिस्तान’ का दर्जा देते हैं, क्योंकि अब यहाँ पहले की भांति अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के नाम पर असामाजिक तत्वों को अपनी मनमानी नहीं करने दी जाती। इसमें कोई दो राय नहीं है कि महोदय ने एक पारंपरिक कांग्रेसी की भांति यूपी और बिहार को नीचा दिखाने का प्रयास किया, परंतु अपने अतिउत्साह में उन्होंने आधे से अधिक भारत को अनपढ़ और रूढ़िवादी घोषित कर दिया।

चलिए, शशि थरूर की बात मानते हैं कि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात जैसे राज्य पिछड़े हैं, वहाँ रूढ़िवाद है, लोग भर-भर के भाजपा को वोट देते हैं। लेकिन महाराष्ट्र में कौन सी कम साक्षरता दर है? वहाँ तो अनेक तिकड़म भिड़ाने पर भी सभी पार्टियां व्यक्तिगत स्तर पर भाजपा के कुल सीटों का आधा भी नहीं अर्जित कर पाई। त्रिपुरा, गोवा जैसे राज्यों की साक्षरता दर तो 90 प्रतिशत के भी पार हैं, लेकिन वहाँ पर तो इनकी सरकार नहीं है।

यदि साक्षरता दर ही किसी राज्य की प्रगति का प्रमुख पैमाना होता, तो केरल में आतंकवाद की जड़ें पनप ही नहीं पाती। सच्चाई तो यही है कि शशि थरूर ने एक बार फिर अपनी संकुचित सोच को जगजाहिर किया है, क्योंकि उनके अनुसार जो भाजपा को वोट नहीं देता है, वही सभ्य है, और जो भाजपा के पक्ष में वोट देता है, वो इंसान कहलाने योग्य भी नहीं होता!

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