स्टीव स्मिथ – एक बेहतरीन बल्लेबाज पर एक अनैतिक, घमंडी और निहायती मक्कार खिलाड़ी

एक बार सजा होने के बावजूद इनके मक्कारी के किस्से तो खत्म ही नहीं हो रहे हैं

स्मिथ

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी सीरीज में विवाद तो मानो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। कभी भारतीय खिलाड़ियों को दर्शकों की नस्लभेदी टिप्पणियों और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की फब्तियों का सामना करना पड़ता है, तो कभी वुहान वायरस के प्रति लगाए गए प्रोटोकॉल को तोड़े जाने का विवाद सामने आता है। लेकिन अभी हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ ने जो किया, उससे स्पष्ट होता है कि व्यक्तिगत रूप से भले ही वे कितने भी प्रतिभावान हों, लेकिन क्रिकेट के लिहाज से वे एक योग्य प्लेयर तो बिल्कुल नहीं है।

हाल ही में खेले गए भारत ऑस्ट्रेलिया दौरे के तीसरे टेस्ट मैच को भारतीय टीम ने एक जुझारू पारी के बलबूते ड्रॉ कराया। इसमें हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन की संयमित साझेदारी का काफी योगदान था, और साथ ही साथ ऋषभ पंत की आक्रामक पारी का भी बराबर का योगदान था, जिन्होंने काफी बेहतरीन पारी खेलते हुए 97 रन बनाए। लेकिन सुर्खियों में न ऋषभ पंत थे और न ही अश्विन या विहारी, बल्कि स्टीव स्मिथ थे, जिनका एक ओछा कृत्य स्टम्प के साथ लगे कैमरा में रिकॉर्ड किया गया –

 

दरअसल, क्रिकेट खेलते वक्त बल्लेबाज अपने पिच पोजीशन पर कुछ गार्ड मार्क बनाते हैं, जिससे उन्हे बल्लेबाजी करने में सरलता हो। स्टम्प के साथ लगे कैमरा में ये रिकॉर्ड हुआ कि ऋषभ पंत की पारी के दौरान जब ड्रिंक्स ब्रेक हुआ, तो वे उस दौरान ऋषभ के पोजीशन पर आए, और बल्लेबाजी का नाटक करते हुए उन्होंने वो गार्ड मार्क ही हटा दिया।

एक क्रिकेट मैच के दौरान इससे ओछी हरकत और कुछ नहीं हो सकती। हालांकि हम ये भूल रहे हैं कि ये ऑस्ट्रेलिया की टीम है, और स्टीव स्मिथ इससे पहले भी क्रिकेट खेल की मर्यादा को तार-तार करने के लिए पहले भी कई बार लपेटे में लिए गए हैं। उदाहरण के लिए 2017 में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे के दूसरे टेस्ट मैच के दौरान स्टीव स्मिथ ने आउट होने के बावजूद DRS लेने के लिए ड्रेसिंग रूम की ओर अपनी आँखें दौड़ाई। इस बचकानी हरकत के पीछे न केवल उन्हे विराट कोहली की आलोचना का सामना करना पड़ा बल्कि उनकी छवि को भी काफी नुकसान पहुंचा। 

व्यक्तिगत तौर पर स्टीव स्मिथ एक कुशल बल्लेबाज हैं, जिन्होंने कई बार अपनी टीम के लिए अहम पारियाँ खेलते हुए उन्हे विभिन्न चैम्पियनशिप भी दिलवाए हैं। पर वो व्यक्तिगत प्रतिभा किस काम की, यदि खेल के प्रति आपकी प्रतिबद्धता और आपका निजी आचरण निम्न स्तर का हो? मजे की बात है कि ये वही स्टीव स्मिथ हैं, जिनपर डेविड वॉर्नर और कैमरॉन बैनक्रॉफ्ट के साथ सैंडपेपर की सहायता से बॉल टैंपरिंग करते हुए पकड़ा गया था और इसके बाद इनपर एक वर्ष का प्रतिबंध भी लगा था। लेकिन ऐसा लगता है कि महोदय ने उस पूरे प्रकरण से कोई सीख नहीं ली, और एक बार फिर क्रिकेट और ऑस्ट्रेलियाई टीम को शर्मसार करते हुए उन्होंने ऋषभ पंत के गार्ड मार्क को अपने जूते से हटाने का प्रयास किया था। इसे देख तो वर्ल्ड कप 1996 में आमिर सोहेल द्वारा वेंकटेश प्रसाद को कसा गया तंज या फिर 2007 का युवराज फ्लिंटॉफ प्रकरण भी सयाना लगे।

ऐसे में स्टीव स्मिथ की इस ओछी हरकत के पीछे सोशल मीडिया पर कई मीम्स शेयर हुए। किसी ने उन्हे ‘टेस्ट चीटर ऑफ द डिकेड’ की उपाधि दी, तो कई लोगों ने उनकी पुरानी करतूतें गिनाई –

इसपर धाकड़ क्रिकेटर रह चुके वीरेंद्र सहवाग भला कैसे शांत रहते? अपने चुटीले शैली में उन्होंने ट्वीट किया, “हर हथकंडे अपनाए गए, यहाँ तक कि स्टीव स्मिथ ने क्रीज़ से ऋषभ पंत के बैटिंग गार्ड मार्क्स हटाने का प्रयास भी किया। पर काम कुछ नहीं आया। खाया पिया कुछ नहीं, गिलास तोड़ा बारह आना” –

ऐसे में ये कहना गलत नहीं है कि स्टीव स्मिथ ने यह ओछी हरकत करके क्रिकेट को शर्मसार किया है। जिस प्रकार से उन्होंने पंत के पोजीशन को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया, उससे उन्हें फायदा तो कुछ नहीं हुआ, उल्टे कैमरा पर यह हरकत पकड़े जाने पर उन्हें सोशल मीडिया का कोपभाजन का भी सामना करना पड़ा। अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने का इससे बढ़िया उदाहरण शायद ही कहीं और मिलेगा।

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