अधूरा ज्ञान और जानकारी हमेशा ही खतरनाक होती है, लेकिन जब उसमें पूर्वानुमान का तड़का लग जाए तो फिर कहने ही क्या… कुछ ऐसा ही हुआ है आज के दौर की मेनस्ट्रीम मीडिया के पत्रकारों को, जिन्होनें ये खबर फैला कि एयरलाइंस कंपनी Go Air ने अपने एक पायलट को नौकरी से केवल इसलिए निकाल दिया क्योंकि उसने ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमर्यादित टिप्पणी की है।
इस पूरी खबर को सुनने के बाद कोई भी बोलेगा कि हां ये तो गलत है क्योंकि देश में अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन असल में इसका एक दूसरा पहलू भी है। एयरलाइंस कंपनी Go Air के सीनियर पायलट मिक्की मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर लिखा था, “PM इडियट हैं। यही बात आप मेरे लिए भी बोल सकते हैं। कोई बात नहीं। मैं मायने नहीं रखता, क्योंकि मैं PM नहीं हूं। लेकिन PM इडियट हैं।”
इस बयान के ही ठीक बाद उन्हें Go Air की नौकरी से निकाल दिया और उनके इस बयान पर आपत्ति जताई। इस पूरे मामले पर सारा बखेड़ा यहीं से खड़ा होता है। लिबरलों को मिर्ची लग गई कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है और इसलिए एक एयरफोर्स के पूर्व पायलट को प्रधनामंत्री की चमचागिरी करने वाली निजी कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया। वामपंथी मीडिया पोर्टल और बुद्धिजीवियों द्वारा गो एयर से लेकर मोदी सरकार की तीखी आलोचना की गई।
कंपनी ने बर्खास्तगी के विषय में कहा, “ऐसे मामलों में Go Air की ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। ये सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है कि वे कंपनी के नियम-कायदे, पॉलिसी के अनुसार व्यवहार करें, और इसमें सोशल मीडिया बिहेवियर भी शामिल है। एयरलाइंस किसी भी कर्मचारी के व्यक्तिगत विचारों से ख़ुद को नहीं जोड़ता है।”
इस बयान से साफ है कि सोशल मीडिया पर Go Air अपने कर्मचारियों द्वारा जिम्मेदार व्यवहार की अपेक्षा करता है, जो कि मलिक के अकाउंट पर नहीं थी। मिक्की मलिक ने अपने ट्विटर अकाउंट पर बहुसंख्यक समुदाय के देवी-देवताओं से लेकर साधारण मुद्दे पर भी अश्लील और निचले सतर की टिप्पणियां की हैं। ये वही शख्स है जिसने नेटफ्लिक्स की वेबसीरीज “ए सूटेबल ब्वॉय” के मंदिर में फिल्माए गए किसिंग सीन पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि, “मंदिर में किस नहीं कर सकते लेकिन बलात्कार कर सकते है।”
ये शख्स उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों पर भी अमर्यादित टिप्पणियां कर चुका है। रिटायर्ड एयरफोर्स अफसर होने के बावजूद ये शख्स जीडी बखशी जैसे रिटायर्ड सैनिक के प्रति निचले स्तर की भाषा का प्रयोग कर चुका है। यही नहीं इसे बहुसंख्यकों के धार्मिक ग्रंथ यानी गीता की भी आलोचना करने में मजा आता है और ये महाभारत की कहानी को पागलों की कहानी बताता है।
मिक्की मलिक नाम के इस शख्स को नागा साधुओं से भी इसे एलर्जी है, और उसका कहना है कि वो लोग निर्वस्त्र होकर अश्लील नृत्य करते हैं। ये वो सारी बातें हैं जो इस शख्स के ट्विटर हैडल पर थी, लेकिन इसने सारे ट्वीट्स कंपनी से निकाले जाने के बाद डिलीट कर दिए और माफी मांग ली। साफ है कि ये शख्स एक समुदाय के बीच नफरत का बीज बोने वाला पुराना पापी है। इसीलिए कंपनी ने इसके केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाले ट्वीट को नहीं देखा बल्कि इसकी ट्विटर टाइमलाइन को देखा और ये फैसला लिया।इसीलिए कहा जाता है कि सोशल मीडिया आपका डिजिटल कैरक्टर सर्टिफिकेट है और वहां भाषा संयमित होनी चाहिए लेकिन एजेंडाधारी मीडिया इस खबर को अपने तरीके से प्रसारित कर रहा है जिससे मोदी विरोध की दुकान यथावत चलती रहे और अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी बोला जा सके।