बाइडन के राष्ट्रपति बनने से इतना तो साफ हो गया था कि अब उन लोगों की खैर नहीं, जो वामपंथी विचारधारा से जरा भी इतर चलते हैं। अपने चुनावी प्रचार के दौरान जो बाइडन ने स्पष्ट किया था कि वे गोरे अमेरिकियों को नहीं छोड़ेंगे, और अब उनके प्रशासन के सदस्यों की माने तो गोरे अमेरिकियों को स्पष्ट तौर पर निशाने पर लिया जाएगा।
आप विश्वास करे या नहीं, लेकिन वर्तमान प्रशासन अब एक तरह से श्वेत अमेरिकियों को आतंकी घोषित करने की तैयारी कर रहा हैं। ट्रम्प के अंधे विरोध में बाइडन प्रशासन एक ऐसे ट्रेंड को बढ़ावा देने जा रहा है, जो आगे चलकर अमेरिका की राजनीति और उसके समाज के लिए बहुत हानिकारक सिद्ध हो सकता है। इसकी ओर पहला संकेत तब मिला जब अमेरिकी सांसद Alexandra Ocasio Cortez ने कहा कि House of Representatives में श्वेत साम्राज्यवादियों के हमदर्द भरे पड़े हैं। उनके अनुसार रिपब्लिकन सांसद जानबूझकर गोरों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को नजरअंदाज करते हैं –
कमाल की बात यह है कि जिस नस्लभेद के विरुद्ध Alexandra लड़ने का दावा करती है, उसी के ही एक वीभत्स रूप को वह बढ़ावा देती हुई दिखाई दी। लेकिन वह इस मुहिम में अकेली नहीं है। CNN के मुख्य National Security पत्रकार Jim Sciutto ने ट्विटर पर यहाँ तक कहा कि अमेरिका को इस्लामी आतंकवादियों से उतना खतरा नहीं है, जितना कि दक्षिणपंथ और श्वेत लोगों से हैं –
2/
– belief in a false reality
– deep feeling of humiliation and victimizationWhat’s different and more dangerous about the domestic terror threat is that a former US president willfully echoes their rhetoric & feeds their anger.
— Jim Sciutto (@jimsciutto) January 27, 2021
4/ Federal law enforcement has known this and highlighted this for years – and the data on attacks, plots and deaths have shown right-wing and white supremacist extremists to be a greater threat than even Islamist groups. But Trump appointees deliberately downplayed the threat.
— Jim Sciutto (@jimsciutto) January 27, 2021
लेकिन ये सब तो कुछ भी नहीं है। पूर्व CIA निदेशक जॉन ब्रेनन ने जो कहा, उससे स्पष्ट होता है कि बाइडन प्रशासन किस विनाशकारी नीति को अपनाने जा रहा है। उनके अनुसार घरेलू उपद्रवी विदेशी आतंकियों से ज्यादा खतरनाक हैं, और उनके विश्लेषण में Antifa जैसे आतंकी समूह की ओर कम, और Capitol Building पर हुए हमले की ओर इशारा ज्यादा था –
जिस प्रकार से बाइडन प्रशासन अहम नीतियों को अलग रख सिर्फ और सिर्फ श्वेत अमेरिकियों के पीछे हाथ धोके पड़ा हुआ है, वह न सिर्फ गलत है बल्कि अमेरिका के भविष्य के लिए चिंताजनक भी। जिस प्रकार से इस्लामिक आतंकवाद और वामपंथी उग्रवाद को कमतर आँकने की भूल बाइडन प्रशासन कर रहा है, वह आगे चलकर उनके लिए ठीक वैसे ही हानिकारक सिद्ध होगा, जैसे 2001 में 9/11 का हमला अमेरिकी प्रशासन के लिए हुआ था।