TMC विधायकों ने चिकित्सा कर्मियों को वैक्सीन लगने से रोका, खुद को लगवाया टीका

इनसे और कोई उम्मीद भी नहीं थी!

वैक्सीन

किसान आंदोलन में भाग ले रहे लोग वास्तव में किसानों के अधिकार के प्रति कितना समर्पित है, इस बारे कोई विशेष शोध करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन अभी हाल ही में जो हुआ है, उससे देखकर तो यही लगता है कि किसान आंदोलन के नाम पर अराजकता फैला रहे ये असामाजिक तत्व अब हर उस चीज के विरुद्ध अवरोध खड़ा करना चाहते हैं, जो भारत के हित में हो, जिसमें अब टीकाकरण अभियान भी शामिल हुआ है।

अभी बंगाल में वैक्सीन लेकर जा रहे वाहनों के मार्ग को अवरुद्ध करने की घटना ठंडी भी नहीं हुई थी कि हरियाणा में भी टीकाकरण में बाधा डाले जाने की खबर सामने आई। हरियाणा के कैथल जिले में किसान आंदोलन के नाम पर विरोध कर रहे अराजकतावादियों ने न केवल एक टीकाकरण कैम्प में बाधा डाली, बल्कि उसे हटाए जाने पर भी विवश किया।

कल शनिवार को किसान आंदोलन के नाम पर विरोध कर रहे अराजकतावादी कैथल पहुंचे, जहां एक निश्चित जगह पर टीकाकरण होनी थी।  चूंकि इस अभियान का उद्घाटन भाजपा के एक विधायक ने किया है, इसलिए अराजकतावादियों ने यह आरोप लगाया कि यह वैक्सीन पहले भाजपाइयों को दी जाएगी, जिसके कारण उन्होंने डॉक्टरों को जानबूझकर वैक्सीन नहीं लगाने दी।

फलस्वरूप प्रशासन को टीकाकरण का अभियान कैथल के जिला अस्पताल में स्थानांतरित कराना पड़ा। लेकिन जब ये खबर सुर्खियों में आई, तो हड़बड़ाये अराजकतावादियों ने सफाई देनी शुरू कर दी। भारतीय किसान यूनियन के चारुनी दल के नेता होशियार सिंह गिल के अनुसार, “हम टीकाकरण के विरुद्ध नहीं है पर पहले उन्हे बड़े लोगों को नहीं देनी चाहिए”।

पश्चिम बंगाल में किसान विरोध के नाम पर कट्टरपंथी मुसलमानों ने वैक्सीन लेकर आ रहे वाहनों का मार्ग नेशनल हाइवे 2 पर अवरुद्ध करने का प्रयास किया है। मजबूरन उस वाहन को दूसरा मार्ग अपनाना पड़ा। ऐसे में इन अराजकतावादियों को किसान कहना किसान कुल का अपमान होगा।

 

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