जैक मा कहां है? CCP के साथ तनाव के बीच अलीबाबा के संस्थापक लापता हो गए हैं

अलीबाबा

पिछले एक दो महीनों से जैक मा और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में जबरदस्त तनातनी देखने को मिली है। लेकिन अब ऐसा देखने में आ रहा है कि जैक मा पिछले कई महीनों से जनता के समक्ष ही नजर नहीं आए हैं, जिससे अटकलों का बाजार फिर गरम हो चुका है।

फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार जबसे जैक मा ने चीनी प्रशासन और सरकार अधिकृत बैंकों की कार्यशैली की आलोचना की है, तब से वे सार्वजनिक तौर पर किसी के समक्ष नहीं आए हैं। चूंकि जैक मा और CCP के बीच की तनातनी से किसी से छुपी नहीं है, इसलिए जैक मा का गायब होना एक चिंताजनक विषय सिद्ध हो सकता है।

यही नहीं जैक मा अपने चर्चित शो – Africa’s Business Heroes पर भी 2020 के संस्करण में नहीं दिखाई पड़े। इस शो को उन्होंने ही बनाया था, और इसमें उनकी विशेष रुचि थी। लेकिन फाइनल दौरे से पहले उनका नदारद होना कई लोगों के गले नहीं उतर रहा। इसके अलावा पिछले कई हफ्तों से उनके ट्विटर अकाउंट पर भी कोई सक्रियता नहीं देखी गई है।

परंतु जैक मा ने ऐसा भी क्या किया, जो उनके सामने न आने से कई प्रकार की अटकलें लगाई जा रही हैं? दरअसल, अक्टूबर माह में जैक मा ने चीनी प्रशासन द्वारा संचालित वित्तीय संस्थान एवं बैंकों की कार्यशैली की आलोचना की थी, और उन्हें ‘pawnshop’ मानसिकता से ग्रस्त भी बताया था। ऐसा उन्होंने इसलिए भी कहा था क्योंकि चीनी प्रशासन हाथ धोके उनके फिनटेक कंपनी Ant Group Co के पीछे भी पड़ी हुई थी।

जवाब में जिनपिंग प्रशासन ने अलीबाबा की इस कंपनी की रिकॉर्ड स्टॉक लिस्टिंग, जिसका मूल्य करीब 37 अरब डॉलर था, रुकवा दी। परंतु चीनी प्रशासन को ऐसा रास्ता क्यों अपनाना पड़ा है? दरअसल, जैक मा के पास अकूत संपत्ति है, और उनकी कुल संपत्ति का मूल्य 50 बिलियन डॉलर से कम नहीं है। वे चीन के तीसरे सबसे अमीर आदमी हैं, और वे चीन में सबसे लोकप्रिय भी हैं। लेकिन जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से भी अधिक लोकप्रिय हो, उससे भला CCP क्यों नहीं असुरक्षित महसूस करेगी?

इसके अलावा जैक मा जिन उद्योगों में सफल है, वे भी रणनीतिक रूप से चीन के लिए बहुत अहम है। व्यापार हो, ई कॉमर्स हो, मीडिया हो, आप बोलते जाइए और जैक मा का प्रभाव हर जगह है। 2015 में जैक मा ने हाँग काँग में बसे मीडिया पोर्टल साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को भी खरीद लिया था।

फिनटेक क्षेत्र में भी Ant Group Co के जरिए जैक मा ने 200 बिलियन डॉलर से भी अधिक का साम्राज्य खड़ा किया। अब सोचिए, जब यही आदमी चीन में अपना प्रभाव और बढ़ाता, और वाकई में राजनीति में उतरता, तो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अकेले ही हराने में वे सक्षम होते।

ऐसे में यदि जैक मा नदारद हैं, तो ये निस्संदेह चीनी प्रशासन की निरंकुशता का ही एक और उदाहरण है। इससे पहले भी 2013 में ऐसे प्रकार के गुप्त गिरफ्तारियों को शह देने के लिए जिनपिंग प्रशासन ने एक कानून पारित किया था, जिसके अंतर्गत अब तक कई सेलेब्रिटी और उच्चाधिकारी गायब हो चुके हैं, जैसे इन्टरपोल प्रमुख मेंग हाँगवेई, वैज्ञानिक हे जियानकुई,  अभिनेत्री फैन बिंगबिंग इत्यादि ।

चूंकि चीन की कम्युनिस्ट सरकार को स्वतंत्र उद्योग से सख्त चिढ़ है, इसलिए जैक मा के बढ़ते प्रभाव के चलते यदि चीन ने कोई ऐसा कदम उठाया हो, तो किसी को कोई हैरानी नहीं होगी। लेकिन यदि ये सच है, तो चीन अपने ही विध्वंस को निमंत्रण दे रहा है।

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