TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मिलिये शी जिनपिंग और 2020 के शीर्ष 4 विलेन से

जिनपिंग, कैरी लैम, टेड्रोस, एर्दोगन और मार्केल, ये है 2020 के अल्टीमेट विलेन

Shikhar Srivastava द्वारा Shikhar Srivastava
1 January 2021
in मत
मिलिये शी जिनपिंग और 2020 के शीर्ष 4 विलेन से
Share on FacebookShare on X

2020, मानव इतिहास के वर्तमान युग के लिए सबसे बुरा साल, अब अपने अंत की ओर है। साल के अंत में हम आपके लिए एक रिकैप लेकर आये हैं जिससे आप ये फिर से याद कर सकें कि वो कौन से लोग थे जिन्होंने इस साल को बर्बाद करने में भूमिका निभाई और बर्बाद साल को सुधारने में अड़चन डाली। 2020 के पाँच विलेन इसप्रकार हैं।

जिनपिंग

संबंधितपोस्ट

ट्रम्प और पुतिन की जोड़ी अब भी जिनपिंग को झटके दे रही है, पूर्वी यूरोप में ठीक यही हुआ है!

क्या शी जिनपिंग Eco Chamber में रहते हैं? उनके पिछले कुछ महीनों के फैसले और नीतियाँ तो यही दिखाती हैं

‘चीन अपने नागरिकों को उनके परिजनों की मृत्यु का शोक भी नहीं मनाने देता अन्यथा देश की बदनामी होगी’

और लोड करें

वर्ष 2020 याद रखा जाएगा तो केवल अपने वुहान वायरस के संक्रमण के लिए और इसके पीछे किसी एक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया जाएगा तो वह है चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग। जब साल के शुरू में कोरोना ने दस्तक दी थी, तब जिनपिंग ने एक जिम्मेदार नेता की तरह, यदि दुनिया को आगाह कर दिया होता तो आज संक्रमण महामारी न बन पाया होता। जैसा कि बाद कि रिपोर्ट में पता चला कि जिनपिंग को वायरस की जानकारी जनवरी के पहले ही थी, लेकिन उन्होंने इस बात को छुपाए रखा।

चीनी सरकार के तानाशाही रवैये के कारण यह वायरस इतनी तेजी से फैला। शुरू में जिन जिन लोगों ने दुनिया को आगाह करने की कोशिश की उनको भी चुप करवा दिया गया, और एक बार जब वायरस का फैलाव शुरू हो गया तो उसे रोकने के लिए अमानवीय तरीके अपनाए गए। कम्युनिस्ट शासन ने अपने यहाँ वायरस से हुई मौत के आंकड़े भी जाहिर नहीं किये।

इतना ही नहीं जिनपिंग ने इस महामारी को अपनी नीतियों को लागू करने के लिए एक अवसर की तरह देखा। हांगकांग पर सुरक्षा कानून लादकर उसकी स्वायत्तता छीन ली गई। ताइवान की स्वतंत्रता छिनने की योजना भी बनी किंतु अमेरिका और उसके सहयोगियों के दबाव के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका।

वहीं दूसरी ओर चीन ने इसी समय, अपने पड़ोसियों को आंतरिक समस्याओं से जूझता देख, जोर जबर्दस्ती से उनकी सीमाओं के अतिक्रमण का भी प्रयास किया। लद्दाख में चल रहा स्टैंड ऑफ हो या जापान के साथ सेनकाकू द्वीपों का विवाद, या फिर वियतनाम के साथ पार्सेल द्वीप का विवाद हो, चीन ने सभी जगह ताकत के प्रदर्शन से अपने पड़ोसियों को डराने की कोशिश की। दक्षिणी चीन सागर में भी वियतनाम की बोट को डुबाया गया।

वास्तव में यह सब कार्य जिनपिंग ने अपनी छवि बचाने के लिए किया। वायरस के फैलाव ने यह जाहिर कर दिया कि जिनपिंग एक अकुशल प्रशासक हैं। ऐसे में अपनी गिरती छवि को सुधारने के लिए जिनपिंग ने खुद को एक आक्रामक नेता की तरह पेश करना चाहा। गलवान घाटी का टकराव इसी का नतीजा था। पर जिनपिंग अपनी नीति में सफल नहीं हो सके। उल्टे उनकी मुसीबतें और बढ़ गयी हैं।

कैरी लैम

पिछले वर्ष यानि 2020 की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में एक चीन द्वारा हांगकांग पर नया सुरक्षा कानून लागू करना था। इस कानून ने दुनिया को दिखा दिया कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी दुनियाभर के लोकतंत्रों के लिए एक चुनौती है। लेकिन हांगकांग पर इसे लागू करवाने में वहाँ की नेता कैरी लैम का भी योगदान है, जिन्होंने अपने ही लोगों के साथ धोखेबाजी की और हांगकांग को चीन के हाथों में सौंप दिया। एक ओर जब लोकतंत्र समर्थक सड़कों पर लड़ रहे थे, कैरी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सराहना करते हुए कहा था “शी चाहते हैं कि कैसे भी करके हाँग-काँग में वन कंट्री टू सिस्टम सफल बना रहे, हम चीन के साथ पूरी तरह सहयोग करने के लिए तैयार हैं”।वे चीन द्वारा लोकतंत्र को कुचलने के अभियान में उसके साथ हो गईं। उन्होंने चीनी प्रोपोगेंडा का समर्थन किया कि यह कानून हांगकांग की भलाई के लिए है।

WHO के चीफ टेड्रोस अधानोम

पिछले वर्ष, 2020 तक WHO संयुक्त राष्ट्र के उन संगठनों में एक था जिसे उसके मानवसेवा के कार्यों के लिए दुनिया भर से प्रशंसा मिलती थी। किंतु जैसे ही WHO पर दबाव आया उसने यह दिखा दिया कि उसका भी मूल स्वभाव UN के अन्य संगठनों से अलग नहीं है, जो वैश्विक शक्तियों के दबाव में झुक जाते हैं। इस साल दुनिया में जिनपिंग के बाद शायद सबसे ज्यादा किसी व्यक्ति को कोसा गया है तो वह है WHO का प्रमुख टेड्रोस अधानेम।

WHO यदि सही समय पर दुनिया को वुहान वायरस के प्रति आगाह कर देता तो आज जो स्थिति दुनिया की है, वह न होती। ताइवान ने दिसंबर में ही WHO को कोरोना के प्रति आगाह करते हुए बताया था कि इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, अन्यथा यह महामारी का रूप ले लेगा। ताइवान ने इसके मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण की बात भी बताई थी। लेकिन WHO ने इन सभी बातों को खंडित करते हुए यह कह दिया कि इस वायरस से डरने की जरूरत नहीं है, और यह संक्रमण की तरह नहीं फैलेगा।

इतना ही नहीं जब ट्रम्प ने COVID 19 को चीनी वायरस या वुहान वायरस कहकर चीन पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना शुरू किया तो WHO ने चीन के वफादार की तरह सबसे पहले इसका विरोध किया। WHO की भाषा चीन के बजाए ट्रम्प के प्रति सख्त रही। यह स्थिति तब तक बनी रही जब तक ट्रम्प ने WHO की फंडिंग बन्द करने का फैसला नहीं किया। फंडिंग बन्द होने के बाद ही WHO ने चीन के विरुद्ध आवाज उठाई और ताइवान से सहयोग तक कि बात स्वीकार कर ली। यदि WHO सही समय पर चीन के खिलाफ बोलता तो आज संक्रमण इस तरह नहीं फैला होता और इसके असल कारणों का भी दुनिया को पता चल गया होता, साथ ही चीन की जवाबदेही भी तय की जा सकती थी।

भारत में कोरोना को सफलतापूर्वक इसलिए रोका जा सका क्योंकि भारत ने शुरू में ही WHO के बजाए अपने वैज्ञानिकों पर भरोसा किया। WHO के बजाए ICMR की नीतियों को लागू करना मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक था। लेकिन WHO से भारत की अदावत यहीं नहीं रुकी, जब भारत ने दुनिया को वुहान संक्रमण से लड़ने के लिए HCQ की सप्लाई शुरू की तो WHO ने इसका भी विरोध किया। इन सब चालबाजीयों के पीछे सिर्फ और सिर्फ टेड्रोस और उसके साथियों का हाथ था।

एर्दोगन

एर्दोगन

एर्दोगान के कारनामों के बारे में वैश्विक राजनीति को समझने वाला हर आदमी भली प्रकार जानता है। इस स्वघोषित खलीफा ने मुस्लिम समुदाय को भड़काने और पश्चिम एशिया का माहौल तनावपूर्ण बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एर्दोगान ने इस वर्ष हागिया सोफिया को मस्जिद में बदलकर यह स्पष्ट कर दिया कि वे तुर्की को पुराने खिलाफत के दिनों में ले जाएंगे। इसके बाद जब ट्रम्प, इस्राइल और अरब देशों के सहयोग से खाड़ी का तनाव कम होने लगा और मुख्य मुस्लिम शक्तियों ने इस्राइल को मान्यता देनी शुरू कर दी तो एर्दोगान ने इसका भी विरोध किया।

तुर्की का फ्रांस के साथ तनाव बढ़ाने में भी एर्दोगान ने कोई कसर नहीं छोड़ी। पहले ग्रीस के इलाकों में जबरन हस्तक्षेप किया और युद्ध जैसे हालात पैदा किये, फिर फ्रांस के विरुद्ध मुस्लिम जगत को भड़काने की कोशिश की। एर्दोगान अपनी महत्वकांक्षा के लिए किस हद तक जा सकते हैं इसे दुनिया ने आर्मेनिया-अजरबैजान युद्ध में देखा। तुर्की ने एक जिम्मेदार शक्ति की तरह युद्ध शांत करवाने के बजाए, इसे अपने भूराजनैतिक समीकरण साधने का मंच बना दिया।

एर्दोगान लगातार ऐसे मुद्दों पर मुखर हो रहे हैं जो मुस्लिम जगत के लिए भावनात्मक जुड़ाव के हैं। जैसे UAE इस्राइल समझौते के बाद उन्होंने इसे फिलिस्तीन से गद्दारी जैसा बताया। कश्मीर मुद्दे पर भी वे इसीलिए इतने मुखर हैं। जबकि अनावश्यक रूप से अल अक्सा मस्जिद का मामला उठाकर वर्षों पुराने मुस्लिम यहूदी संघर्ष को और भड़काने का प्रयास किया गया। साल का अंत उनके लिए जरूर अच्छा नहीं रहा और अब तुर्की को अमेरिकी प्रतिबंध का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन एर्दोगान की नीतियों ने प० एशिया और वैश्विक शांति के लिए नई चुनौतीयां अवश्य पैदा कर दी हैं।

एंजेला मर्केल

जब ट्रम्प ने वुहान वायरस के कारण चीन खिलाफ मोर्चा खोला तो टेड्रोस के बाद दूसरा प्रमुख व्यक्ति जो उनकी नीतियों के खिलाफ था वह थीं जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल। मैर्केल ने चीन अमेरिका शीत युद्ध को अपने लिए बने अवसर की तरह देखा। वैश्विक नेतृत्व की जर्मनी की वर्षों पुरानी महत्वकांक्षा को संतुष्ट करने के लिए मैर्केल ने चीन और अमेरिका के बीच संतुलन बनाने की नीति अपनाई, जिससे वैश्विक स्तर पर जर्मनी का कद बढ़े। यही कारण रहा कि EU सही समय पर चीन के खिलाफ नहीं खड़ा हुआ और चीन पर दबाव बनाने के अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के प्रयासों को झटका लगा।

उनका यह रवैया तब तक बना रहा जब तक उन्हें EU में ही अपने नेतृत्व के लिए चुनौतियों का आभास नहीं हुआ। जब फ्रांस के मुखर रूप से चीन विरोध को यूरोप में समर्थन मिलने लगा तब जाकर मैर्केल ने अपनी नीति पर पुनर्विचार किया। खैर यह अतिशयोक्ति नहीं होगी कि टेड्रोस और मैर्केल के ढुलमुल रवैया के कारण ही चीन की जवाबदेही तय नहीं हो सकी और उसे सवाल करने वाले देशों, जैसे ऑस्ट्रेलिया, पर अधिक आक्रामक होने का मौका मिला।

Tags: Angela MerkelErdoganJinpingTedros
शेयर1ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘ट्रम्प के कारण चीन को बहुत झेलना पड़ा था’, चीन ने अपने दर्द को किया बयां

अगली पोस्ट

2020 में मॉरिसन बने विजेता, चीन के विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया की रणनीति साबित हुई कारगर!

संबंधित पोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश
चर्चित

दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

17 November 2025

NIA ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका, सामान्य हमला नहीं बल्कि फिदायीन हमला था। यानी आई-20 कार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited