सोशल मीडिया द्वारा फैलाये जाने वाले फेक न्यूज़ आतंकवाद पर योगी सरकार करेगी बड़ी कार्रवाई

राजदीप, थरूर और कारवां पत्रिका समेत कई लोगों पर दिल्ली हिंसा के दौरान अफवाह फैलाने को लेकर मामला दर्ज

फेक न्यूज़

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को किस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुधारा है, वो सभी जानते हैं। ऐसे में किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में जब हिंसा हो रही थी तो उत्तर प्रदेश पूरी तरह शांत था लेकिन कुछ लोग फेक न्यूज़ के जरिए दिल्ली के आतंक को उत्तर प्रदेश में भी भेजना चाहते थे। उन सभी लोगों पर योगी सरकार ने कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। खास बात ये है कि इसमें कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर से लेकर न्यूज एंकर राजदीप सरदेसाई और कारवां पत्रिका के संपादक के नाम भी दर्ज हैं जो कि यूपी पुलिस के रडार में आ चुके हैं।

इंडिया टुडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई के दिन तो बुरे आ ही चुके हैं। 26 जनवरी के दिन जब तथाकथित किसान दिल्ली के लाल किले में अराजकता फैलाकर निशान साहब का धार्मिक झंडा फहरा रहे थे तो उस दौरान राजदीप ने ट्वीट कर एक तथाकथित किसान की ट्रैक्टर दुर्घटना में हुई मौत की वजह के बारे में फेक न्यूज फैलाई कि वो पुलिस की गोली से मारा गया है, जिसके बाद अब इंडिया टुडे ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। इसी तरह कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने भी सोशल मीडिया पर 26 जनवरी के दिन भी खूब फेक न्यूज फैलाई थी, लेकिन अब यूपी पुलिस एक्शन में आ गई है।

ये सभी चाहते थे कि जैसे दिल्ली में हिंसा हुई है वैसे भी उत्तर प्रदेश में भी हो, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। वहीं अब इस मामले में उत्तर प्रदेश की पुलिस ने भी एक्शन ले लिया है। खबरों के मुताबिक अभिजीत मिश्रा नाम के एक शख्स की शिकायत पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने नोएडा के सेक्टर 20 थाना क्षेत्र की पुलिस ने एफआईआक दर्ज कर ली है। शिकायतकर्ता ने अपनी एफआईआर में कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, पत्रकार मृणाल पांडेय, पत्रकार जफर आगा और कारवां पत्रिका के संपादक परेशनाथ समेत कुल सात लोगों के नाम दर्ज कराए हैं।

https://twitter.com/indiantweeter/status/1354822890496028675?s=20

इसके साथ ही शिकायतकर्ता ने इस मुद्दे पर इन सभी पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक बातें पोस्ट करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 26 जनवरी 2021 को जानबूझकर कराए गए गए दंगों से अत्यंद दुखी हूं। इन व्यक्तियों ने पूर्वाग्रह की वजह से ऐसा काम किया जिससे देश की सुरक्षा और जनता का जीवन खतरे में पड़ गया। एक षडयंत्र के तहत सुनियोजित दंगा कराने और लोक सेवकों की हत्या करने के उद्देश्य से इन लोगों ने राजधानी में हिंसा और दंगे कराए।

यूपी के सीएम योगी ने किसान आंदोलन के इस पूरे मामले को बखूबी हैंडल किया है, इसके बावजूद एक बड़ा वर्ग दिल्ली की तरह ही उत्तर प्रदेश में किसानों को भड़काने की नीति पर चलते हुए अफवाह फैलाने के साथ ही फेक न्यूज फैला रहे थे जिसके बाद सोशल मीडिया पर बेवजह की बहस छिड़ गई थी। ऐसे में अब जब उत्तर प्रदेश की पुलिस के पास आधिकारिक तौर पर शिकायत आ गई है तो सीएम योगी की पुलिस इस मुद्दे पर एक्शन लेने की तैयारी कर ली है जो कि इन सभी फेक न्यूज फैलाने वाले पर भारी पड़ने वाली है।

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