पशु उत्पाद से पूरी तरह से परहेज करने वाली 21 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि के बचाव में अदालत में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बेटे अखिल सिब्बल केस लड़ रहें हैं, वो दिशा को जल्द से राहत दिलाने में जी-जान से उनका पक्ष कोर्ट में रख रहे हैं। ये वहीं वकील हैं जिनकी एक दिन की सुनवाई की फीस आम आदमी की वार्षिक आय से भी कहीं ज्यादा होती है। दिशा रवि ने भी उन्हें ही अपना अधिवक्ता चुना है जो कि कोई साधारण व्यक्ति के लिए मुमकिन नहीं है।
दिशा रवि के केस में कई पेंच भी है, प्रत्येक केस की सुनवाई के एक दिन के 7-8 लाख रुपए लेने वाले आसानी से दिशा रवि का केस तभी लड़ सकते हैं जब शायद कपिल सिब्बल ने उनकी फीस माफ की हो लेकिन ये संभावनाएं काफी कम हैं, तो ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर उनके केस के लिए इतने पैसे कहां से आ रहे हैं ? सवाल ये भी है कि क्या इसमें न्याय दिलाने का ढोंग करने वाली पोएटिक जस्टिस संगठन और सिख फॉर एड जैसे संगठन का हाथ भी है जो साफ तौर पर भारत की स्थिति को बर्बाद करने की प्लानिंग कर रही हैं।
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जैसे ही दिशा रवि की गिरफ्तारी हुई वैसे ही कपिल सिब्बल सरीखे वकील उतर आए और दिशा ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर कोर्ट में याचिका लगाई कि उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है। दिशा ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ “मीडिया ट्रायल” चलाया जा रहा था और कहा गया कि पुलिस और कई मीडिया हाउसों द्वारा उन पर “जानलेवा हमला” किया जा रहा है। उनके वकील अअखिल सिब्बल ने तर्क दिया कि पुलिस ने दिशा का फोन जब्त कर लिया था और ये सब पूर्व में ही तय किया जा चुका था।
हालांकि, इन सब बातों से इतर दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को मीडिया में किसी भी तरह की जानकारी लीक करने से इनकार किया है। राष्ट्र के खिलाफ साजिश रचते रंगे हाथों पकड़ी गईं दिशा रवि के अनुसार, पुलिस उनके खिलाफ पूर्वाग्रह की स्थिति में है क्योंकि देश में इस वक्त नकारात्मक का माहौल है और पुलिस को इस तरह की कार्रवाई के लिए उसे पश्चाताप नहीं करना चाहिए।
देश के खिलाफ कार्रवाई करने वाली दिशा रवि के आरोपों पर दिल्ली HC ने साफ कर दिया है कि अब पीठ मीडिया चैनलों को इस मामले पर रिपोर्टिंग करने से रोकने से इनकार नहीं करेगी, क्योंकि गलत होगा। वो केवल एनबीए और समाचार चैनलों के संपादकों को दिशा रवि और उससे जुड़े मामले पर रिपोर्टिंग करते समय सावधानी बरतने के लिए आगाह जरूर कर सकता है।
हालांकि, दिशा रवि के कानूनी वकील के लिए कौन इतने बड़े फंड का भुगतान कर रहा है, यह एक मूल प्रश्न है। अखिल सिब्बल को रिकॉर्ड पर आना चाहिए और यह बताना चाहिए कि क्या वो दिशा रवि का केस को मुफ्त में लड़ रहे हैं? यदि नहीं, तो संबंधित अधिकारियों द्वारा पैसे के स्रोतों में एक अलग जांच शुरू की जानी चाहिए, जिनके जरिए तथाकथित पर्यावरण एक्टिविस्ट का केस आसानी से लड़ा जाना चाहिए।