देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस अब देश के कुछ ही राज्यों में सिमट कर रह गई है, लेकिन जिन राज्यों में उसकी मौजूदगी है, वहां भी सरकारों की स्थिति वेंटिलेटर पर चलने जैसी ही है। इसकी वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का वो प्रण है जिसमें ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ की बात कही गई थी। ये दौर ऐसा है जब कांग्रेस की पुडुचेरी की सरकार अल्पमत में आ चुकी है ,जो कि बीजेपी के लिए अच्छा मौका है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुडुचेरी के दौरे पर जाने वाले हैं, जो दिखाता है कि बीजेपी इस मौक़े को हाथ से नहीं जाने देना चाहती हैं।
भारतीय जनता पार्टी दक्षिण भारत की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिशों में है। आंध्र प्रदेश से लेकर तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल में बीजेपी का प्रदर्शन इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है। इस मिशन में एक नाम पुडुचेरी का भी है जहां कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में थी, लेकिन ये देखा गया है कि जहां कांग्रेस कमज़ोर होती है वहां क्षेत्रीय पार्टियों से आगे बीजेपी निकल जाती है। ऐसे में अब पुडुचेरी में कांग्रेस शासित नारायणसामी की सरकार खतरे में है और बीजेपी ऐसा मौका कतई नहीं छोड़ना चाहेगी।
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बीजेपी का जनाधार पुडुचेरी में ज्यादा नहीं है, इसके बावजूद अब पार्टी अपनी स्थितियों को बदलने की कोशिश में प्रधानमंत्री मोदी की विराट छवि का उपयोग कर रही है। खबरों के मुताबिक अब 25 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुडुचेरी का दौरा करेंगे, जहां के भाजपा के विधायक वी सामीनाथन ने बताया है कि पीएम मोदी AFT मिल में एक जनसभा को संबोधित करेंगे और भाजपा के प्रति जनता में एक सकारात्मक लहर बनाने का प्रयास करेंगे।
प्रधानमंत्री के दौरे का समय वाकई में कांग्रेस के लिए नई मुसीबतें खड़ी करने वाला है। हाल ही में कांग्रेस के चार विधायक पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं जिनमें नारायणसामी की कैबिनेट के कुछ मंत्री भी शामिल हैं। डीएमके से गठबंधन के बावजूद अब मुख्यमंत्री नारायणसामी की सरकार अल्पमत में आ चुकी है। ऐसे में केन्द्र ने प्रशासिका के तौर पर बेहतरीन काम करने वाली पूर्व आईपीएस अधिकारी और पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी को वापस बुलाकर ये अतिरिक्त जिम्मेदारी राजनीतिक सूझ-बूझ वाली तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन को दे दी है।
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दिलचस्प बात ये भी है कि उपराज्यपाल का पदभार संभालते ही तमिलिसाई ने नारायणसामी की सरकार को बहुमत साबित करने का आदेश जारी कर दिया है जिसके लिए 22 फ़रवरी की तारीख तय है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तब पुडुचेरी पहुंचेंगे, जब वहां बहुमत साबित हो चुका होगा और नारायणसामी की सरकार गिर चुकी होगी। पीएम मोदी के इरादे स्पष्ट होंगे कि उन्हें अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के वोटरों को संबोधित करना होगा, और कांग्रेस की नीतियों की धज्जियां उड़ानी होगी, जो कि कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले पुडुचेरी में उसके लिए एक बड़ा झटका साबित होगा।