बरखा दत्त, शशि थरूर, राहुल गांधी, Alt न्यूज़ और अन्य देसी नामों से जुड़ा है ग्रेटा थनबर्ग का भारत विरोधी टूलकिट

ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट ने भारत विरोधियों की खोली पोल

जाने अनजाने ग्रेटा थनबर्ग ने भारत को बर्बाद करने के लिए उपयोग में लाई जा रही टूलकिट को अपने ही ट्विटर टाइमलाइन से सबके सामने उजागर कर दिया। इस टूलकिट में खालिस्तानी एंगल भी स्पष्ट उभर के आया है, और इसमें कई ऐसे भारतीय व्यक्तियों का नाम उभरके आया है, जिसके पीछे काफी बड़ा बवाल मच सकता है।

जिस टूलकिट को डिलीट करने पर ग्रेटा को विवश होना पड़ा , उसमें कई भारतीय व्यक्तियों के नाम भी शामिल थे, जिनसे कथित तौर पर ‘किसान आंदोलन’ के लिए समर्थन मिलता। इनमें काँग्रेस के भावी अध्यक्ष राहुल गांधी, काँग्रेस साँसद शशि थरूर, तृणमूल काँग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन, पत्रकार बरखा दत्त, फाये डिसूज़ा, सोशल मीडिया पर चर्चा में रहने वाले मोहम्मद ज़ुबैर, साकेत गोखले, न्यूजलॉन्ड्री, द वायर, स्क्रॉल इत्यादि नाम शामिल थे –

 

https://twitter.com/iabhinavKhare/status/1357136213409296384?s=20

ये सब वो नाम है जो धुर मोदी विरोधी रहे हैं, और ये सब वो नाम हैं जो अपने अंधविरोध में भारत विरोधी बयान देने या उसको बढ़ावा देने से भी नहीं कतराते। मोदी को नीचा दिखाने के चक्कर में अब ये लोग इस हद तक गिर चुके हैं कि वे विदेशी ताकतों द्वारा भारत को अस्थित करने के अभियान में भी खुलेआम साथ दे रहे हैं। अब ये किस तक इस अभियान में शामिल है ये तो चर्चा का विषय है, परंतु इतना तो स्पष्ट है कि वे मोदी को सत्ता से हटाने के लिए अब खालिस्तानियों का भी खुलेआम समर्थन करने को तैयार हैं।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि जिस टूलकिट के जरिए ग्रेटा थनबर्ग और उसके भारतीय समर्थक पीएम मोदी और उनकी सरकार को बदनाम करना चाहते हैं, उससे स्पष्ट होता है कि वे किस हद तक तैयारी कर रहे थे। ग्रेट के डिलीटेड टूलकिट में askindiawhy.com नामक एक वेबसाइट स्पष्ट रूप से रेखांकित था, जिसका मालिक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन है, जो संगठन Sikhs for Justice से संबंधित है। ये वही Sikhs for Justice जिसने गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले को कलंकित करने में एक अहम भूमिका निभाई थी।

PJF संस्था का इंस्टाग्राम तो पूरी तरह प्रोपगैंडा से भरा हुआ है। इस संस्था ने भारत सरकार पर किसान के नरसंहार का झूठ आरोप भी लगाया है और ये भी दावा किया कि 26 जनवरी को 1984 के तर्ज पर फिर से दंगे हो सकते हैं। इतना ही नहीं, इस संस्था ने ये भी कहा कि भारत की छवि जो योगा और चाय से संबंधित है, उसे तोड़कर उसे फासीवादी बनाने का समय अब आ चुका है

इस बात से स्पष्ट होता है कि ग्रेटा थनबर्ग ने अनजाने में भारत को अंदर से खोखला करने में जुटे लोगों की पोल खोल के रख दी है। इसी विषय पर भारत सरकार में मंत्री, जनरल विजय कुमार सिंह [सेवानिर्वृत्त] ने स्पष्ट किया है कि इन लोगों के विरुद्ध एक्शन लेना ही पड़ेगा, अन्यथा आगे चलके ये लोग भारत के लिए अधिक नुकसानदेह सिद्ध हो सकते हैं।

Exit mobile version