जब से पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे हुए थे, तब से ये धारणा फैलाई गई कि केंद्र सरकार कमजोर पड़ चुकी है, और शायद ही CAA को लागू कर पाएगी । लेकिन हाल ही में बंगाल दौरे पर आए भारतीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया – CAA को लागू करने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक पाएगी।
हाल ही में अपने बंगाल दौरे के दौरान अमित शाह ने दक्षिण 24 परगना जिले में एक शरणार्थी परिवार के घर पर दोपहर का भोजन किया। शाह का यह कदम ऐसे समय पर सामने आया है, जब उन्होंने हाल ही में घोषणा की थी कि केंद्र सरकार कोरोनावायरस महामारी के बाद विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) जमीनी स्तर पर उतारेगी।
शाह ने ट्वीट किया, दक्षिण 24 परगना के नारायणपुर गांव में सुब्रत बिस्वास जी के घर पर दोपहर का भोजन किया। मैं बिस्वास जी और उनके परिवार को इतनी गर्मजोशी और आतिथ्य के लिए अपने हृदय की तह से धन्यवाद देता हूं। भाजपा के एक नेता ने कहा कि बिस्वास के पूर्वज पूर्वी पाकिस्तान से पश्चिम बंगाल पहुंचे थे, जो अब बांग्लादेश के रूप में जाना जाता है। यह परिवार उस समय से ही गरीबी में रह रहा है।
परंतु अमित शाह यहीं पे नहीं रुके। उन्होंने ये भी कहा कि CAA पूरे देश के लिए एक अहम कानून है, जिसे लागू करने से कोई रोक नहीं पाएगा। उनके बयान के अनुसार, “CAA का केंद्र सरकार से कोई लेना देना नहीं है। ये पूरे देश का कानून है और इसे देशभर में लागू किया जाएगा। COVID 19 का टीकाकरण खत्म होने के पश्चात CAA के अंतर्गत विभिन्न शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी। विपक्ष इस देश के अल्पसंख्यकों को गुमराह कर रहा है, लेकिन CAA का अल्पसंख्यकों की नागरिकता से कोई संबंध नहीं है”
अपने रुख से अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है – न तो CAA वापिस लिया जाएगा, और न ही किसी के अंदर इसे लागू करने से रोकने की ताकत है। दिसंबर 2019 में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के अंतर्गत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता मिलने में अधिक सहूलियत मिलेगी।
लेकिन इसके विरुद्ध विपक्ष ने ये झूठ फैलाया कि इस कानून के पारित होने से मुसलमानों की नागरिकता छिन जाएगी, और इसका फायदा उठाते हुए भारत विरोधी तत्वों ने शाहीन बाग में महीनों तक उपद्रव मचाया। उनका इरादा पूरे देश में दंगे कराने का था, लेकिन बंगाल, महाराष्ट्र और दिल्ली को छोड़के देश भर में इनके इरादे असफल ही रहे।
इसके अलावा अमित शाह ने ये भी स्पष्ट किया कि CAA स्थगित नहीं हुआ, बल्कि उसे लागू करने में वुहान वायरस की महामारी आड़े आ गई। इसलिए अब वे वुहान वायरस के संक्रमण से जनता को बचाने के लिए सम्पूर्ण टीकाकरण करने के पश्चात CAA को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
इससे अमित शाह ने अपने विरोधियों को स्पष्ट संदेश दिया – डरने की बारी अमित शाह की नहीं, बल्कि उनकी है, क्योंकि अब उनके प्रपंच बार बार नहीं चलेंगे। अमित शाह का इरादा स्पष्ट है – CAA लागू होगा और हर हाल में लागू होगा, चाहे कितनी भी चुनौतियाँ सामने क्यों न हो।