कैपिटल हिल में पुलिसवाले को अग्निशामक से नहीं मारा गया था, यह ट्रम्प समर्थकों को बदनाम करने की साजिश थी

ट्रम्प समर्थकों को बदनाम करने के लिए रची थी साजिश....

अमेरिका के कैपिटॉल हिल पर हुई हिंसा अपने आप में एतिहासिक घटना थी, वहीं कुछ लोगों के लिए ये घटना केवल तत्तकालीन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को बदनाम करने का एक सुनहरा मौका था, क्योंकि वो इस घटना को ट्रंप और उनके समर्थकों से जोड़कर पेश कर रहे थे। इसी ट्रंप विरोध में ये लोग इतना आगे निकल गए कि कैपिटॉल हिल के पुलिस कर्मी की मौत की घटना का भी राजनीतिकरण कर दिया। ये सभी कैपिटॉल हिल की हिंसा में मारे गए पुलिस अधिकारी सिकनिक का नाम लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ नफरती एजेंडा चला रहे हैं।

ट्रंप को बदनाम करने की नीतय रखने वालों का कहना है कि हिंसा के कारण आग बुझाने वाले संयंत्र से हुए हमले में सिकनिक की जान गई थी, कुछ इसी तरह अन्य अमेरिकी मीडिया समूह अभी-भी ट्रंप का विरोध करने से बाज नहीं आ रहा है। आग बुझाने वाली उस घटना के नाम पर एक बार फिर न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर प्रकाशित की और लिखा, ‘उसने पुलिस ऑफिसर बनने का सपना देखा और ट्रंप समर्थकों द्वारा मारा गया। ” न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि 42 वर्षीय मि. सिकनिक पर ट्रंप के समर्थकों ने हमला किया और अग्नि बुझाने वाले यंत्र से उन सिर पर प्रहार किए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, फिर उनकी मौत हो गई।

इन सबसे इतर बाद में इस न्यूयॉर्क टाइम्स की इस खबर में कुछ बदलाव किए गए क्योंकि कैपिटॉल हिल की हिंसा के बाद वहां के पुलिसकर्मियों ने इस पूरे मुद्दे पर स्पष्टीकरण दिया है। मुख्य मीडिया का दावा है कि सिकनिक की मौत आग बुझाने वाले संयंत्र के हमले से हुई है। वहीं इस मुद्दे पर ह्यूस्टन के KUO का एक संस्करण है क्योंकि वो मौत के इस कारण को गलत मानता है।  उनका दावा है कि सिकनिक की मौत दंगों के कारण नहीं बल्कि उससे उत्पन्न डर के जरिए हुए स्ट्रोक से हुई है, लेकिन इन सारे तथ्यों के बावजूद इस मौत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को बदनाम किया जा रहा है।

इस मुद्दे पर ट्विटर पर संक्षेप में प्रकाशित हुई घटना बताती है कि किस तरह से ट्रंप को न्यूयॉर्क टाइम्स समेत अमेरिका की मुख्यधारा का मीडिया बदनाम कर रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स अपने वही आग बुझाने वाले संयंत्र से मौत के दावे पर टिका हुआ है। वहीं अब उसने पुलिस अधिकारियों के हवाले से प्रकाशित की खबर में बताया है कि पुलिस अधिकारियों का दावा है कि ये मौत किसी भी तरह के बाह्म हमले से नहीं हुई थी। यही बात कई सुरक्षा और चिकित्सीय एजेंसियां कर रही हैं जबकि ट्रंप विरोधी अपने एजेंडे पर कायम हैं।

अब सवाल ये उठता है कि क्या अमेरिकी मेन स्ट्रीम मीडिया ने ऐसी केवल एक गलती की है, और लोग यदि ऐसा सोचते है तो उनकी सोच गलत है, क्योंकि इन्होंने पिछले एक महीने में ऐसे अनेकों घिनौने किस्से बनाए हैं। ये सभी हमेशा ही ट्रंप को बदनाम करने की साज़िशें रचते रहें हैं, लेकिन इन सभी ने अपनी गलतियों को तब सुधारा है जब दक्षिणपंथी मीडिया समूहों ने इनके झूठे एजेंडों की काट की। इसका सबसे बड़ा उदाहरण कैपिटॉल हिल के पुलिसकर्मी सिकनिक की मृत्यु की घटना है जिसको लेकर ट्रंप विरोधी एजेंडा चलाया जा रहा था।

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