‘Winter ओलंपिक का बहिष्कार किया तो अच्छा नहीं होगा’, चीन ने ब्रिटेन और अन्य देशों को दी धमकी

दुनिया को Winter ओलंपिक का बहिष्कार करने को लेकर चीन ने धमकाया

चीन ने ब्रिटेन और अन्य देशों के खिलाफ प्रतिबंध लगा देने की धमकी दी है जो उइगर मुसलमानों के कथित ‘नरसंहार’ को लेकर बीजिंग में 2022 शीतकालीन ओलंपिक का बहिष्कार करने की योजना बना रहे हैं।

Daily Mail की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने ब्रिटेन के लिबरल डेमोक्रेट नेता एड डेवी सहित ब्रिटिश सांसदों द्वारा चीन में होने वाले 2022 ओलंपिक के बॉयकोट वाले बयान के बाद आया है। CCP के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू ज़िजिन ने रविवार को धमकी दी कि ‘चीन ऐसे किसी भी देश पर गंभीरता से प्रतिबन्ध लगाएगा जो चीन को बहिष्कार करने के पक्ष में निर्णय लेंगे।

बता दें कि ब्रिटेन ही नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया भी चीन में हो रहे उइगरों के साथ Re-Education के नाम पर अत्याचार को बहाना बना कर बॉयकोट करने की योजना बना रहा है। अगर इन दोनों देशों ने स्पष्ट निर्णय ले लिया तो उन्हें देखकर कई और देश चीन को बहिष्कार कर सकते हैं। यही वजह है कि अब चीन की सांसे फूलने लगी है और वह धमकी देने पर उतर गया है।

हू ज़िजिन ने कहा कि,”2022 बीजिंग शीतकालीन खेलों का बहिष्कार, एक अलोकप्रिय विचार, जिसे व्यापक समर्थन नहीं मिलेगा।” उन्होंने आगे कहा, “आईओसी और एथलीट दोनों इसका विरोध करेंगे, और चीन इस तरह के विचार को समर्थन करने वाले किसी भी देश पर गंभीरता से प्रतिबन्ध लगाएगा।”

परन्तु इस पर सीनेटर डेवी ने जवाब दिया कि ‘हम पर चीनी सरकार द्वारा दबाव नहीं बनाया जा सकता, हमें अपने पास मौजूद हर लाभ का उपयोग करना होगा।’

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लेबर सांसद क्रिस ब्रायंट ने भी यह कहते हुए बहिष्कार का आह्वान किया है कि, ‘कोई भी बीजिंग के शीतकालीन ओलंपिक में क्यों जाना चाहेगा।’ विदेश सचिव डॉमिनिक रैब ने भी एक संसदीय समिति द्वारा पूछे जाने पर 2022 खेलों के बहिष्कार की संभावनाओं से इंकार नहीं किया।

उन्होंने कहा कि मेरे अनुसार खेल को कूटनीति और राजनीति से अलग रखना चाहिए है, लेकिन एक ऐसा बिंदु आता है जहां यह संभव नहीं हो सकता है। उन्होंने सांसदों से कहा, ‘मैं कहूंगा कि आइए सबूत इकट्ठा करें, और फिर अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ इसी मुद्दे पर  काम करे, और फिर विचार करें कि हमें आगे क्या कार्रवाई करनी है।’

शीतकालीन ओलंपिक के बहिष्कार के लिए विश्व में चीन के खिलाफ भावनाएं बढ़ती जा रहीं है। कई कनाडाई सांसदों ने पिछले हफ्ते एक खुले पत्र का बहिष्कार करने के लिए हस्ताक्षर किए और खेलों को चीनी राजधानी से स्थानांतरित करने के लिए कहा।

इसके अलावा 180 “अधिकार समूहों” के गठबंधन ने पिछले बुधवार को प्रकाशित एक ओपन लैटर में चीन में होने वाले शीतकालीन ओलिंपिक के बहिष्कार का आह्वान किया। हालाँकि चीनी विदेश मंत्रालय ने पत्र को खारिज कर दिया।

वहीँ एबीसी न्यूज ने 8 अक्टूबर को बताया था कि ऑस्ट्रेलियाई संसद ने दोनों देशों के बीच तनाव और चीन के मानवाधिकार हनन के मद्देनजर 2022 बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के बहिष्कार के मुद्दे पर विचार किया।

कई अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटरों ने भी पिछले हफ्ते बीजिंग शीतकालीन खेलों को स्थानांतरित करने के लिए एक प्रस्ताव का नेतृत्व किया, जिसमें कहा गया था कि डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति पद के अंतिम दिनों में उइगर क्षेत्र में चीन की कार्रवाई “नरसंहार” थी। हालाँकि अभी अमेरिका ने इस तरह का कोई निर्णय नहीं लिया है और कहा है कि वह अपने एथलीटों को चीन जाने से मना नहीं करेगा। परन्तु भावनाएं तो बढ़ने लगी है और एक वर्ष में यह किस स्तर तक बढ़ जाएँगी यह कहना मुश्किल है। शायद इसी लिए अब चीन ने आक्रामक रुख अपनाते हुए धमकी जारी की है। अब यह देखने वाली बात होगी की चीन द्वारा अपनाये गए इस आक्रामक रुख का विश्व किस प्रकार से जवाब देता है।

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